गीत 13
पवित्र शक्ति का फल—संयम
1. सच्चाई में मज़बूत होकर
जीवन की कर रक्षा,
जीएगा संयम से अगर,
कुश्ती तू जीतेगा।
2. करना हमें याह के जैसे
संयम से ही व्यव्हार,
साथ ही दिखाना जीवन में
बुद्धि और सच्चा प्यार।
3. हवस पे रख क़ाबू अपनी,
उसका शिकार ना हो,
गर ज़िंदगी प्यारी तुझको
संयम से ही जीयो।
4. मुसीबतों में ना घबराएँ,
रखेंगे शांति हम,
धरम के काम में मन लगाएँ,
याह के रहें हरदम।