गीत 17
“देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूँ”
1. याह का राज शुरू है दिखाते निशान,
सिंहासन पे बैठा यीशु महान।
जंग उसने लड़ी हार गया शैतान,
देगा जल्द ज़मीं पर यहोवा ध्यान।
(कोरस)
2. देख आती है राजा की दुल्हन अभी,
आयी आसमाँ से सजीसँवरी।
नया यरूशलेम है ये नगरी,
चमकती जहाँ याह की रौशनी।
(कोरस)
3. पाएँगे इस नगरी से आशीष इंसान;
खुले होंगे फाटक हर सुबहोशाम।
रौशनी में इसकी चलेगा जहान,
तो अब क्यों ना फैलाएँ इसका ज्ञान।
(कोरस)
देखो, यहोवा का डेरा
इंसानों के संग अब होगा।
नाहोगी आँसुओं की धारा,
दुःख, दर्द और मौत का ना हो साया,
याह कहता, ‘मैं सब नया कर दूँगा’,
वचन उसका है सच्चा।