गीत 23
मसीही पहचान
1. सच्चा प्यार ऐसा निशान,
है ये मसीही पहचान।
यीशु का था प्रेम अपार,
कर दी उसने जान निसार।
ऐसा प्यार मिले कहाँ?
पाएँ हम ये खूब यहाँ।
कर देते ख़ुद को क़ुरबान,
के बचे औरों की जान।
2. यहोवा जैसा हो प्यार,
सब के लिए बेशुमार।
चाहे भलाई सब की,
है नहीं ये मतलबी।
प्रेम है यीशु का आदेश,
सो लोगों को दें संदेश।
प्यार दिखाएँ हम उन्हें
ताकि वो जीवन पाएँ।
3. प्रेम की जब बहे धारा,
बढ़ता है भाईचारा।
ग़लती करे कोई गर,
करता है ये दरगुज़र।
याह दया का है सागर,
भेजा बेटा धरती पर,
कि जाने सारा संसार,
शक नहीं के ‘याह है प्यार।’