यहोवा काम के लिए अपने लोगों को एकत्रित और सुसज्जित करता है
शताब्दियों के दौरान, धर्म–त्याग सारी पृथ्वी में फैल गया था। अनेक गिरजा सम्प्रदायों के पास बाइबल की कुछ शिक्षाएँ थीं परन्तु मुख्यतः वे मानवी परम्पराओं और मूर्तिपूजक उद्गम की अनेक प्रथाओं का अनुकरण करते थे। मसीह की वापसी की प्रत्याशाएँ साधारणतः पीछे ढकेल दी गईं।—मत्ती १३:२४-३०, ३७–४३ से तुलना कीजिए.
तथापि, यीशु ने उसकी वापसी की राह देखते रहने के लिए कहा था! ऐलेगेनी, (पिटस्बर्ग) पेन्सिलवेनिया, अमरीका में स्थित एक समूह ऐसा कर रहा था। दशक १८७० के प्रारम्भ में चार्ल्स टेज़ रस्सल और उसके कुछ मित्रों ने मसीह की वापसी के सम्बन्ध में बाइबल का सम्पूर्ण रीति से ग़ैर-साम्प्रदायिक अध्ययन शुरू किया। उन्होंने अनेक दूसरी बुनियादी शिक्षाओं पर बाइबल की सच्चाई को भी ढूँढना शुरू किया। यह यहोवा के गवाहों के आधुनिक समय के कार्य की शुरूआत थी।—मत्ती २४:४२.
यह समूह इस बात को समझ गया कि त्रियेक की शिक्षा बाइबल के अनुसार नहीं है परन्तु यहोवा अकेला ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर और सृष्टिकर्ता है; यीशु मसीह उसकी पहली सृष्टि और एकलौता पुत्र है; और पवित्र आत्मा एक व्यक्ति नहीं है परन्तु परमेश्वर की सक्रिय शक्ति है। इस समूह ने देखा कि प्राण (soul) अमर नहीं है परन्तु नश्वर है, मृतकों के लिए पुनरुत्थान की आशा है, और पश्चातापरहित दुष्टता के लिए अनन्त यातना की नहीं परन्तु विनाश की सज़ा है।
मनुष्यजाति के लिए छुड़ौती के रूप में यीशु का अपना जीवन देना बाइबल की एक बुनियादी शिक्षा के रूप में देखा गया। पहले, प्रथम शताब्दी से हमारे समय तक चुने गए १,४४,००० पुरुष और स्त्रियाँ, स्वर्गीय राज्य में मसीह के साथ संगी वारिस होने के लिए पृथ्वी से छुड़ाए जाएँगे। फिर यीशु की छुड़ौती के द्वारा अरबों लोग, जिनमें से अधिकांश जन मृतकों में से जिलाए जाएँगे, उस राज्य शासन के अधीन पृथ्वी पर अनन्त जीवन की प्रत्याशा के साथ मानव परिपूर्णता प्राप्त करेंगे।
रस्सल और उसके साथियों ने यह भी समझा कि मसीह की उपस्थिति अदृश्य, आत्मा में होनेवाली थी। अन्य जातियों के समय १९१४ में समाप्त होने थे, एक ऐसी अवधि जिस में परमेश्वर की सर्वसत्ता पृथ्वी पर किसी सरकार के द्वारा प्रकट नहीं की जा रही थी। फिर परमेश्वर का राज्य स्वर्ग में स्थापित होता। आज इन शिक्षाओं की पहचान यहोवा के गवाहों के साथ होती है।
रस्सल और उसके साथियों ने भाषण और छपे हुए पृष्ठों के द्वारा दूर–दूर तक इन सच्चाइयों की घोषणा की। जुलाई १८७९ में रस्सल ने ज़ायन्स् वॉच टावर (जो अभी द वॉचटावर कहलाती है) को प्रकाशित करना शुरू किया। उसने तय किया कि बाइबल स्टूडेन्टस् के प्रचार कार्य को पूर्णतया स्वैच्छिक अंशदान पर निर्भर होना चाहिए और कोई चंदा नहीं लिया जाएगा। साथ ही, विश्वासियों के अवैतनिक, स्वैच्छिक प्रयत्नों के द्वारा इस संदेश को फैलाया जाना चाहिए। रस्सल ने स्वयं उस समय तक उसे व्यापार में प्राप्त धन से अंशदान दिया।
बाइबल स्टूडेन्टस् कक्षाओं में एक साथ मिलते थे, जैसे उस समय उनकी कलीसियाएँ कहलाती थीं। वे भाषण, शास्त्र के अध्ययन, और गवाही सभाओं के लिए, सप्ताह में तीन बार इकट्ठे होते थे। वे प्रत्येक कक्षा के आध्यात्मिक कार्यों के निरीक्षण के लिए ज़िम्मेदार पुरुषों को प्राचीनों के रूप में नियमित रूप से चुनते थे।
पेन्सिलवेनिया में १८८४ में ज़ायन्स् वॉच टावर ट्रैक्ट सोसाइटी लाभरहित निगम के रूप में संस्थापित हुई। इस निगम के अध्यक्ष का प्रतिवर्ष चुनाव होना था। इससे एक क़ानूनी साधन का प्रबन्ध हुआ, जो बाइबल शैक्षिक कार्य को आगे बढ़ाने के लिए, किसी व्यक्ति के जीवन पर निर्भर नहीं था। चार्ल्स टी. रस्सल अध्यक्ष चुना गया, और उसका दफ़्तर मुख्यालय के तौर पर जाना गया।
दूसरे देशों में इस कार्य को फैलाने के लिए बहुत प्रयत्न किए गए। कनाडा और इंगलैंड तक यह १८८० की दशाब्दी के प्रारम्भ में पहुँच गया। रस्सल ने इस बात पर विचार करने के लिए १८९१ में यूरोप और मध्य पूर्व का दौरा किया कि वहाँ सत्य के फैलाव को आगे बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता था। उन्नीस सौ दशाब्दी के प्रारम्भ में, संस्था के शाखा दफ़्तर ब्रिटेन, जर्मनी, और ऑस्ट्रेलिया में स्थापित किए गए।
अन्तर्राष्ट्रीय पैमाने पर प्रचार कार्य के विस्तार के लिए १९०९ में ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क में वॉच टावर संस्था का मुख्यालय लाया गया। न्यू यॉर्क स्टेट नियम के अन्तर्गत एक संगी निगम बनाना ज़रूरी हो गया, जिसे अभी वॉचटावर बाइबल एंड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ न्यू यॉर्क, निग. के नाम से जाना जाता है। पूरे ब्रिटिश राष्ट्रमंडल में बाइबल स्टूडेन्टस् के कार्यों को बढ़ाने के लिए इंटरनैशनल बाइबल स्टूडेन्टस् एसोसिएशन १९१४ में लन्डन, इंगलैंड में बनाया गया। वर्तमान समय में पूरे संसार में अनेक देशों में क़ानूनी रूप से संगठित कोई ७० निगम और संघ वॉच टावर सोसाइटी के उद्देश्यों को पूरा कर रहे हैं। सभी लोक-हितकारी हैं, जिन्हें स्वैच्छिक अंशदानों और स्वयंसेवी कार्यकर्त्ताओं द्वारा समर्थन दिया जाता है।
चार्ल्स टेज़ रस्सल की मृत्यु १९१६ में हो गयी, और उनके स्थान पर जोसेफ फ्रैंकलिन रदरफर्ड वॉचटावर संस्था के अध्यक्ष बने। प्रथम विश्व युद्ध के अन्तिम वर्षों में, बाइबल स्टूडेन्टस् की सताहट के द्वारा गम्भीर रूप से परीक्षा हुई, जो अमरीका में संस्था के मुख्यालय के ज़िम्मेदार पदों पर काम करनेवाले आठ भाइयों के अन्यायपूर्ण कैद की पराकाष्ठा तक पहुँच गयी। बाइबल स्टूडेन्टस् का काम ख़तरे में दिखाई देने लगा। लेकिन, १९१९ में इन भाइयों को रिहा किया गया और वे दोषमुक्त हुए, और अब प्रचार कार्य का बड़े पैमाने पर विस्तार शुरू हुआ।
संस्था के मुख्यालय द्वारा, अभिषिक्त मसीही बाइबल स्टूडेन्टस् का संयुक्त निकाय इस संगठन से सम्बन्धित सभी लोगों को उचित समय पर आध्यात्मिक भोजन देता रहा। जिस तरह पहली शताब्दी में अभिषिक्त मसीहियों की कलीसिया यीशु द्वारा ज़िक्र किए गए “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” से बनी थी, उसी तरह हमारे समय में समर्पित बाइबल स्टूडेन्टस् के अभिषिक्त समूह भी “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” वर्ग बनता है, जो राज्य कार्य में व्यस्त हैं। कलीसिया का निरीक्षण करने के लिए यीशु के आगमन के समय, उसने इस वर्ग को अपने घराने के नौकरों को भोजन देते हुए पाया; तब उसने उसे अपनी सारी सम्पत्ति पर नियुक्त किया।—मत्ती २४:४५-४७; लूका १२:४२.
प्रथम विश्व युद्ध के शीघ्र बाद, यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि यीशु मसीह द्वारा परमेश्वर का राज्य १९१४ में स्वर्ग में स्थापित हो गया था। सो यीशु के वचनों की अब पूर्ण पूर्ति हो सकती थी: “राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।” जोसेफ एफ. रदरफर्ड ने इस राज्य संदेश को और अधिक संख्या में लोगों तक उपलब्ध करने में अगुआई ली।—मत्ती २४:१४.
तथापि, संस्था ने न्यूनतम सम्भव खर्च में बाइबल साहित्य के निरन्तर उत्पादन को निश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों को, जो समर्पित व्यक्ति थे, इस्तेमाल करके अपनी छपाई करने का निर्णय लिया। सभी बाइबल स्टूडेन्टस् को राज्य के सुसमाचार के प्रचार में नियमित हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। बाइबल भाषणों का रेडियो प्रसारण कई देशों में इस्तेमाल किया गया।
वर्ष १९१८ से पहले बाइबल स्टूडेन्टस् ने समझा था कि उनके प्रचार का उद्देश्य मसीह यीशु के साथ स्वर्ग में रहने के लिए चुने गए लोगों में से शेष जनों को इकट्ठा करना और संसार को परमेश्वर के आनेवाले न्याय की चेतावनी देना था। पृथ्वी में जीवित रहने के लिए वर्तमान दुष्ट रीति–व्यवस्था के नाश से जीवित बच निकलनेवाले व्यक्तियों को इकट्ठा करने की ओर बहुत कम ध्यान दिया गया। फिर १९१८ से “अभी जीवित करोड़ों लोग शायद कभी नहीं मरें!” भाषण व्यापक रूप से प्रस्तुत किया गया।
वर्ष १९२३ में मत्ती २५:३१-४६ में यीशु के भेड़ और बकरी दृष्टान्त के अध्ययन ने दिखाया कि अरमगिदोन से पहले धार्मिक रूप से प्रवृत्त लोग, जो स्वर्गीय राज्य के लिए नहीं हैं, परमेश्वर की स्वीकृति प्राप्त करेंगे और अरमगिदोन से बच जाएँगे। वर्ष १९३५ में अतिरिक्त अध्ययन ने दिखाया कि ये भेड़समान लोग प्रकाशितवाक्य ७:९-१७ में वर्णित लोगों की बड़ी, अनगिनत भीड़ से अभिन्न हैं। इन्हें सब जातियों में से इकट्ठा किया जाना था और बड़े क्लेश से बचने की और पृथ्वी पर अनन्त जीवन पाने की इनकी प्रत्याशा होगी। इस समझ ने प्रचार कार्य को बहुत प्रोत्साहन दिया।—यूहन्ना १०:१६.
बाइबल स्टूडेन्टस् ने १९३१ में यहोवा के गवाह नाम अपनाया। इसके पहले वे बाइबल स्टूडेन्टस्, इन्टरनैशनल बाइबल स्टूडेन्टस्, मिलैनिअल डॉन के लोग, और वॉच टावर के लोग नाम से जाने जाते थे। उन्हें रस्सलवादी, रदरफर्डवादी उपनाम भी दिए गए। इनमें से कोई भी नाम उचित रूप से उनका परिचय नहीं देता था। जबकि मसीही, वह नाम जो पहली शताब्दी में परमेश्वरीय प्रबन्ध के द्वारा यीशु के चेलों को दिया गया था, निश्चय ही उपयुक्त था, यह झूठी शिक्षाओं का अनुकरण करनेवाले अनेक समूहों द्वारा भी प्रयोग किया जा रहा था। करोड़ों नामधारी मसीहियों से स्वयं को अलग दिखलाने के लिए, एक ऐसा नाम होना ज़रूरी था जो इस समय में मसीह के सच्चे अनुयायियों का स्पष्ट रूप से परिचय दे।
शास्त्रों पर विचार करने से यह स्पष्ट हो गया कि जैसे यहोवा ने अपने लोग इस्राएल को अपना गवाह कहा था उसी प्रकार इस रीति-व्यवस्था की समाप्ति में उसके लोगों को, जो उसके नाम और उसके उद्देश्य को बताने के लिए समर्पित थे, उचित रीति से यहोवा के गवाह कहलाना चाहिए। इस नाम ने उचित रीति से यहोवा के सच्चे मसीही उपासकों को उन सब लोगों से अलग किया है जो आज मसीही होने का दावा करते हैं।—भजन संहिता ८३:१८; यशायाह ४३:१०-१२.
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, १९४२ में, जोसेफ एफ. रदरफर्ड की मृत्यु हो गयी, और नेथन एच. नॉर ने वॉच टावर सोसाइटी के अध्यक्ष का स्थान लिया। अब भविष्यवाणियाँ स्पष्ट रूप से यह संकेत करती हुई देखी गईं कि सापेक्षित रूप से शान्ति और स्वतंत्रता की एक युद्धोत्तर अवधि होगी जो इस रीति–व्यवस्था के अन्त से पहले प्रचार कार्य के बड़े विस्तार के लिए अवसर देगी। फरवरी १९४३ में विदेशों में मिशनरी कार्य के लिए पूर्ण–समय सेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड स्थापित किया गया। उसी वर्ष कुछ समय बाद, यहोवा के गवाहों की साप्ताहिक सभा तालिका में एक विशेष सेवकाई प्रशिक्षण कार्यक्रम जोड़ा गया।
वर्ष १९५० में संस्था ने मूल–भाषा पाठों से बनाए गए आधुनिक–अंग्रेज़ी में एक बाइबल अनुवाद न्यू वर्ल्ड ट्रान्सलेशन ऑफ द होली स्क्रिपचर्स् के हिस्सों को रिलीज़ करना शुरू किया। संस्था के छापाखानों में कम क़ीमत पर उत्पादित, ठीक-ठीक अनुवाद की गयी, और आसानी से समझ आनेवाली यह बाइबल, प्रचार कार्य में बहुत सहायक रही है। आज तक, ७ करोड़ से अधिक प्रतियाँ १२ भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
वर्ष १९९२ के अन्त तक, लगभग पैंतालीस लाख से अधिक यहोवा के गवाह २२९ देशों और समुद्र के द्वीपों में प्रचार कार्य में हिस्सा ले रहे थे। वर्ष १९९२ के दौरान उनकी ६९,००० कलीसियाओं में मसीह की मृत्यु के स्मारक के लिए अधिकतम उपस्थिति थी। कुल १,१४,३१,१७१ व्यक्ति उपस्थित थे।
परमेश्वर सचमुच यहोवा के गवाहों का प्रयोग कर रहा है यह उसकी सेवा में उनकी सक्रियता बनाए रखने में, उनकी विश्व–व्यापी एकता में, यहोवा के नाम को ऊँचा करने और उसके राज्य के प्रचार के लिए उनके उत्साह में, उनके शुद्ध नैतिक स्तरों में, परमेश्वर के अचूक वचन के रूप में पूरी बाइबल को उनके ग्रहण करने में, और अन्धविश्वास और प्रेतात्मवाद से उनकी स्वतंत्रता में दिखाई देता है।
आगे के भाग दिखाते हैं कि कैसे आप परमेश्वर की सच्ची उपासना की इस पुनःस्थापना से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
• बाइबल की कौनसी बुनियादी शिक्षाओं ने बाइबल स्टूडेन्टस् को चर्च सम्प्रदायों से अलग दिखाया?
• बाइबल स्टूडेन्टस् ने १९१८ तक किन संगठनात्मक विकासों का अनुभव किया था?
• यह कैसे कहा जा सकता है कि अभिषिक्त बाइबल स्टूडेन्टस् का समूह मत्ती २४:४५-४७ के “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” बने?
• परमेश्वर के उद्देश्य की किस समझ ने प्रचार कार्य के विस्तार को बहुत प्रोत्साहन दिया?
• यहोवा के गवाह यह नाम किस उद्देश्य को पूरा करता है?
• क्या प्रमाण हैं कि परमेश्वर वास्तव में यहोवा के गवाहों को प्रयोग कर रहा है?
[पेज ८ पर तसवीरें]
सी. टी. रस्सल १८७९ में
जुलाई १८७९ अंक
बाइबल स्टूडेन्टस् का आरंभिक समूह, पिट्सबर्ग, पेन्सिलवेनिया
[पेज ९ पर तसवीरें]
मुख्यालय, १८८९–१९०९, पिट्सबर्ग, पेन्सिलवेनिया
मुख्य दफ़्तर, १९०९–१९१८, ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क
मुख्यालय निवास, १९०९–१९२६, ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क
[पेज १० पर तसवीरें]
यहोवा के गवाहों का विश्व मुख्यालय, ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क, अमरीका
ऊपर बाएँ: दफ़्तर कॉमप्लेक्स्
ऊपर दाएँ: निवास भवन
नीचे बाएँ: कारखाना कॉमप्लेक्स्
नीचे दाएँ: प्रेषण केन्द्र
[पेज ११ पर तसवीरें]
जे. एफ. रदरफर्ड द्वारा रेडियो प्रसारण
स्वयंसेवकों द्वारा चलित वॉचटावर सोसाइटी का पहला रोटरी मुद्रण-यंत्र
बाइबल का न्यू वर्ल्ड ट्रांसलेशन, अब १२ भाषाओं में प्रकाशित