गीत 149
फिरौती के लिए एहसानमंद
छपा हुआ संस्करण
ख-ड़े हैं आज
सिं-हा-सन के आ-गे जो याह,
ते-रे बे-टे की कुर-बा-नी
से मुम-किन हु-आ।
दि-या तोह-फे में तू-ने
आँ-खों का ता-रा,
इस-से ब-ड़ा स-बूत और क्या
चा-हि-ए प्यार का?
(कोरस)
ब-हा-या खून जब बे-टे ने,
मि-ली रि-हा-ई तब ह-में।
ते-रा एह-सान य-हो-वा
हम क-भी ना भू-लें-गे।
चु-का-या भा-री दाम
खु-शी से यी-शु ने,
था वो बे-गु-नाह पर
जान दी ह-मा-रे लि-ए।
मि-ली आ-शा ह-में
स-दा फिर जी-ने की,
शि-कं-जा मौत का खुल ग-या,
अब ना डर को-ई।
(कोरस)
ब-हा-या खून जब बे-टे ने,
मि-ली रि-हा-ई तब ह-में।
ते-रा एह-सान य-हो-वा
हम क-भी ना भू-लें-गे।
(इब्रा. 9:13, 14; 1 पत. 1:18, 19 भी देखिए।)