गीत 150
यहोवा की सेवा में कोशिशें करना
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य-हो-वा खूब जान-ता ह-में;
पा-ते खु-शी किन का-मों में।
त-री-के सौ दे-ता ह-में,
कि उ-म्र भर से-वा क-रें।
(कोरस)
पू-रे जोश से बढ़-ते
याह की से-वा में।
उ-सी की खा-तिर तो हम कर-ते
प्यार से को-शि-शें।
राज के हैं काम सा-रे जग में,
ज-हाँ हो माँग म-दद कर-ते।
को-शिश कर-के मिल-ते सब से,
है लो-गों की पर-वाह ह-में।
(कोरस)
पू-रे जोश से बढ़-ते
याह की से-वा में।
उ-सी की खा-तिर तो हम कर-ते
प्यार से को-शि-शें।
जा-एँ हम दूर या पास र-हें,
पा-ते हु-नर याह के काम में।
न-यी बो-ली शा-यद सी-खें,
कि खुश-खब-री सब-को हम दें।
(कोरस)
पू-रे जोश से बढ़-ते
याह की से-वा में।
उ-सी की खा-तिर तो हम कर-ते
प्यार से को-शि-शें।
(यूह. 4:35; प्रेषि. 2:8; रोमि. 10:14 भी देखिए।)