अध्याय 29
क्या सब्त के दिन भले काम करना सही है?
यीशु यहूदिया में प्रचार करता है
वह एक कुंड के पास एक बीमार आदमी को चंगा करता है
यीशु ने गलील प्रदेश में अब तक बहुत सेवा की है। कुछ वक्त पहले उसने कहा था, “मुझे दूसरे शहरों में भी परमेश्वर के राज की खुशखबरी सुनानी है क्योंकि मुझे इसीलिए भेजा गया है।” यीशु सिर्फ गलील के शहरों में नहीं बल्कि यहूदिया के इलाकों में भी सेवा करना चाहता है। इसलिए वह ‘यहूदिया के सभा-घरों में प्रचार करने लगता है।’ (लूका 4:43, 44) यीशु बिलकुल सही वक्त पर वहाँ गया है। यह मार्च-अप्रैल का महीना है और यरूशलेम में एक त्योहार होनेवाला है।
खुशखबरी की किताबों से पता चलता है कि यीशु ने गलील में बहुत प्रचार किया था। मगर उसने यहूदिया में बहुत कम प्रचार किया था। यहूदिया के ज़्यादातर लोग यीशु का संदेश नहीं सुनते, फिर भी वह वहाँ पूरे जोश से प्रचार करता है। और वह जहाँ भी होता है लोगों के लिए भले काम करता है।
अब यीशु ईसवी सन् 31 के फसह के लिए यहूदिया के सबसे खास शहर यरूशलेम आया है। वहाँ के भेड़ फाटक के पास काफी चहल-पहल रहती है। वहाँ एक कुंड है जिसका नाम बेतहसदा है। उसके चारों तरफ एक खंभोंवाला बरामदा है। अकसर अंधे, लंगड़े और बीमार लोग इस कुंड के पास आते हैं। लोगों का मानना है कि जब कुंड का पानी हिलाया जाता है, तब अगर बीमार लोग उसमें उतरें, तो वे ठीक हो सकते हैं।
सब्त के दिन यीशु कुंड के पास जाता है। वह देखता है कि वहाँ एक आदमी पड़ा है जो 38 सालों से बीमार है। यीशु उससे पूछता है, “क्या तू ठीक होना चाहता है?” वह कहता है, “साहब, मेरे साथ कोई नहीं जो मुझे उस वक्त कुंड में उतारे जब पानी हिलाया जाता है। इससे पहले कि मैं पहुँचूँ कोई दूसरा पानी में उतर जाता है।”—यूहन्ना 5:6, 7.
अब यीशु एक ऐसी बात कहता है कि वह आदमी और आस-पास जो लोग हैं सब हैरान रह गए होंगे: “उठ, अपना बिस्तर उठा और चल-फिर।” (यूहन्ना 5:8) जैसे ही वह आदमी उठता है, वह ठीक हो जाता है। वह अपना बिस्तर उठाकर चलने लगता है।
जब कुछ यहूदी आदमी उसे चलते हुए देखते हैं, तो वे खुश होने के बजाय उसे डाँटते हैं, “आज सब्त है और आज के दिन तेरे लिए बिस्तर उठाना कानून के हिसाब से सही नहीं।” वह आदमी उनसे कहता है, “जिसने मुझे ठीक किया है उसी ने मुझसे कहा, ‘अपना बिस्तर उठा और चल-फिर।’” (यूहन्ना 5:10, 11) वे यहूदी मानते हैं कि जिस आदमी ने सब्त के दिन इस बीमार को चंगा किया, उसने सही नहीं किया।
वे उससे पूछते हैं, “किसने तुझसे कहा कि इसे उठा और चल-फिर?” वे ऐसा क्यों पूछते हैं? क्योंकि “यीशु चुपचाप भीड़ में जा मिला” है। (यूहन्ना 5:12, 13) मगर वह आदमी यीशु का नाम नहीं जानता। लेकिन बाद में वह यीशु से मंदिर में मिलता है।
फिर वह आदमी जाकर उन यहूदियों को बताता है कि यीशु ने उसे चंगा किया है। तब वे यीशु के पास आते हैं। पर क्यों? क्या वे जानने चाहते हैं कि यीशु इतने बड़े-बड़े चमत्कार कैसे कर पाता है? नहीं, बल्कि वे यीशु पर दोष लगाना चाहते हैं कि वह सब्त के दिन ऐसे काम करके गलत कर रहा है। इसके बाद से वे यीशु को सताना शुरू कर देते हैं।