वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • lfb पाठ 15 पेज 42-पेज 43 पैरा. 3
  • यहोवा यूसुफ को नहीं भूला

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • यहोवा यूसुफ को नहीं भूला
  • बाइबल से सीखें अनमोल सबक
  • मिलते-जुलते लेख
  • “क्या मैं परमेश्‍वर की जगह पर हूँ?”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2015
  • यूसुफ के भाइयों की नफरत
    बाइबल कहानियों की मेरी मनपसंद किताब
  • क्या आपको कभी किसी से जलन हुआ है? यूसुफ के भाइयों को हुआ था
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2009
  • पूरा परिवार मिस्र आ गया
    बाइबल कहानियों की मेरी मनपसंद किताब
और देखिए
बाइबल से सीखें अनमोल सबक
lfb पाठ 15 पेज 42-पेज 43 पैरा. 3
यूसुफ फिरौन को उसके सपनों का मतलब समझा रहा है

पाठ 15

यहोवा यूसुफ को नहीं भूला

जब यूसुफ जेल में था तो मिस्र के राजा फिरौन को ऐसे सपने आए जिनका मतलब कोई नहीं समझा पाया। फिरौन के एक सेवक ने उसे बताया कि यूसुफ उसके सपनों का मतलब बता सकता है। फिरौन ने तुरंत यूसुफ को बुलवाया।

फिरौन ने यूसुफ से पूछा, ‘क्या तू मेरे सपनों का मतलब बता सकता है?’ यूसुफ ने फिरौन को सपनों का यह मतलब बताया, ‘मिस्र में सात साल तक बहुत सारा अनाज होगा और उसके बाद सात साल तक अकाल पड़ेगा। इसलिए किसी बुद्धिमान आदमी को चुन ताकि वह अनाज जमा करे और तेरे लोगों को भूख से मरना न पड़े।’ फिरौन ने कहा, ‘मैं तुझी को चुनता हूँ! तू मेरे बाद मिस्र का सबसे ताकतवर आदमी होगा!’ यूसुफ, फिरौन के सपनों का मतलब कैसे जान सका? यहोवा ने उसकी मदद की।

यूसुफ सेवकों अनाज जमा करने के बारे में निर्देश दे रहा है

अगले सात सालों तक यूसुफ अनाज जमा करता रहा। इसके बाद जैसे यूसुफ ने कहा था, पूरी धरती पर अकाल पड़ गया। हर जगह से लोग अनाज खरीदने यूसुफ के पास आने लगे। उसके पिता याकूब ने भी सुना कि मिस्र में अनाज मिल रहा है, इसलिए उसने अपने बेटों में से दस को वहाँ अनाज खरीदने भेजा।

जब याकूब के बेटे यूसुफ के पास आए तो उसने उन्हें फौरन पहचान लिया। मगर उन्होंने यूसुफ को नहीं पहचाना। उन्होंने झुककर उसे प्रणाम किया, ठीक जैसे उसने बहुत पहले सपना देखा था। यूसुफ देखना चाहता था कि क्या उसके भाइयों के दिल में अब भी नफरत है। इसलिए उसने उनसे कहा, “तुम लोग जासूस हो। तुम हमारे देश की कमज़ोरियों का पता लगाने आए हो।” उन्होंने कहा, ‘नहीं! हम कनान से आए हैं। हम 12 भाई हैं। हमारा एक भाई नहीं रहा और सबसे छोटा भाई पिता के साथ है।’ तब यूसुफ ने कहा, ‘तुम अपने सबसे छोटे भाई को मेरे पास लाओ, तभी मैं तुम्हारी बात पर यकीन करूँगा।’ तब वे अपने पिता के पास घर लौट गए।

जब याकूब के घर में अनाज खत्म हो गया तो उसने उन्हें वापस मिस्र भेजा। इस बार वे अपने साथ सबसे छोटे भाई बिन्यामीन को ले गए। यूसुफ ने उनकी परीक्षा लेने के लिए अपना चाँदी का प्याला बिन्यामीन के बोरे में रख दिया। फिर उसने अपने भाइयों पर चोरी का इलज़ाम लगाया। जब यूसुफ के सेवकों को बिन्यामीन के बोरे में प्याला मिला तो उसके भाई चौंक गए। वे यूसुफ से बिनती करने लगे कि वह बिन्यामीन के बजाय उन्हें सज़ा दे।

यूसुफ जान गया कि उसके भाई बदल गए हैं। वह अब खुद को रोक नहीं पाया और रोने लगा। उसने कहा, ‘मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूँ। क्या मेरा पिता ज़िंदा है?’ उसके भाई हैरान रह गए। फिर यूसुफ ने उनसे कहा, ‘तुम लोगों ने मेरे साथ जो किया था उसकी वजह से दुखी मत हो। परमेश्‍वर ने तुम सबकी जान बचाने के लिए मुझे यहाँ भेजा है। अब जल्दी से जाओ और मेरे पिता को यहाँ ले आओ।’

फिर वे घर लौट गए ताकि अपने पिता को यह खुशी की खबर दें और उसे मिस्र ले आएँ। इतने सालों बाद यूसुफ और उसका पिता एक-दूसरे से मिल गए!

यूसुफ और उसका पिता याकूब एक-दूसरे से मिल रहे हैं

“अगर तुम दूसरों के अपराध माफ नहीं करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध माफ नहीं करेगा।”—मत्ती 6:15

सवाल: यहोवा ने कैसे यूसुफ की मदद की? यूसुफ ने कैसे दिखाया कि उसने अपने भाइयों को माफ कर दिया है?

उत्पत्ति 40:1–45:28; 46:1-7, 26-34; भजन 105:17-19; प्रेषितों 7:9-15

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें