वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • CO-pgm22 पेज 4-5
  • शनिवार

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • शनिवार
  • 2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
  • मिलते-जुलते लेख
  • रविवार
    2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
  • शुक्रवार
    2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
  • शुक्रवार
    2024 अधिवेशन का कार्यक्रम
  • शनिवार
    2021 अधिवेशन का कार्यक्रम
और देखिए
2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
CO-pgm22 पेज 4-5
नीले और हरे रंग के कुछ आकार।

शनिवार

“तुम निष्कलंक और बेदाग और शांति में पाए जाओ”​—2 पतरस 3:14

सुबह का कार्यक्रम

  • 9:20 संगीत का वीडियो

  • 9:30 गीत नं. 58 और प्रार्थना

  • 9:40 परिचर्चा: “शांति की खुशखबरी” सुनाने के लिए तैयार रहिए

    • • अपना जोश बनाए रखिए (रोमियों 1:14, 15)

    • • अच्छी तैयारी कीजिए (2 तीमुथियुस 2:15)

    • • बातचीत करने में पहल कीजिए (यूहन्‍ना 4:6, 7, 9, 25, 26)

    • • दिलचस्पी दिखानेवालों से दोबारा मिलिए (1 कुरिंथियों 3:6)

    • • अपने विद्यार्थियों को तरक्की करने में मदद दीजिए (इब्रानियों 6:1)

  • 10:40 नौजवानो, शांति की तरफ ले जानेवाला रास्ता चुनिए! (मत्ती 6:33; लूका 7:35; याकूब 1:4)

  • 11:00 गीत नं. 135 और घोषणाएँ

  • 11:10 वीडियो: हमारे भाई-बहन किस तरह सच्ची शांति पा रहे हैं . . .

    • • विरोध के बावजूद

    • • बीमारी में

    • • आर्थिक तंगी में

    • • कुदरती आफतों में

  • 11:45 बपतिस्मा: “शांति की राह” पर चलते रहिए (लूका 1:79; 2 कुरिंथियों 4:16-18; 13:11)

  • 12:15 गीत नं. 54 और अंतराल

दोपहर का कार्यक्रम

  • 1:35 संगीत का वीडियो

  • 1:45 गीत नं. 29

  • 1:50 परिचर्चा: शांति भंग करनेवाली बातों को खुद से दूर कीजिए

    • • शेखी मारना (इफिसियों 4:22; 1 कुरिंथियों 4:7)

    • • ईर्ष्या (फिलिप्पियों 2:3, 4)

    • • बेईमानी (इफिसियों 4:25)

    • • नुकसान पहुँचानेवाली गपशप (नीतिवचन 15:28)

    • • गुस्से से बेकाबू होना (याकूब 1:19)

  • 2:45 वीडियो: यहोवा हमें शांति की राह पर ले चलता है​—भाग 1 (यशायाह 48:17, 18)

  • 3:15 गीत नं. 130 और घोषणाएँ

  • 3:25 परिचर्चा: ‘शांति कायम करने की खोज करें और उसमें लगे रहें’​—कैसे?

    • • जल्दी बुरा मत मानिए (नीतिवचन 19:11; सभोपदेशक 7:9; 1 पतरस 3:11)

    • • माफी माँगिए (मत्ती 5:23, 24; प्रेषितों 23:3-5)

    • • दिल खोलकर माफ कीजिए (कुलुस्सियों 3:13)

    • • सोच-समझकर बात कीजिए (नीतिवचन 12:18; 18:21)

  • 4:15 उस “शांति” को बनाए रखिए जो हमें ‘एकता के बंधन में बाँधे रखती है’! (इफिसियों 4:1-6)

  • 4:50 गीत नं. 113 और प्रार्थना

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें