डेड् सी स्क्रोल्ज़ वह बहुमूल्य उपलब्धि
यरूशलेम के लगभग २४ किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में, वाड़ी-एन-नार, एक वीरान, सूखा जलमार्ग, पूर्वी दिशा में बढ़ते हुए डेड् सी (लवण सागर) में जा मिलता है। खड़ी चट्टानों की एक दरारयुक्त रेखा समुद्रतट की समतल-भूमि के पीछे फैलती है। शरद ऋतु के गरम दिन और उसके विषम की ठंड रातों में, इस समतल-भूमि पर ता‘आमीरेह बेडुइन अपनी भेड़ें और बकरियों के झुण्ड की रखवाली करते थे।
वर्ष १९४७ में, झुण्डों की रखवाली करते समय, एक जवान बेडुइन भेड़ें चरानेवाले ने खड़ी चट्टान के भुरभुरे अगले भाग के एक छोटे छेद में पत्थर फेंका। उस से जो शोर उत्पन्न हुआ, स्पष्टतया किसी मिट्टी के मर्तबान के चूर-चूर होने से, वह चौंक गया। वह डर के मारे भाग गया, पर दो दिन बाद वापस आकर कुछ १०० मीटर ऊपर चढ़ा, ताकि उस से अधिक बड़े, अधिक ऊँचे छेद से अन्दर जा सके। जब उसकी आँखें अन्धकार में देखने के अभ्यस्त हो गयीं, उसने देखा कि गुफ़ा की दिवारों के साथ १० ऊँचे मर्तबान लगे हुए थे, और गिरी हुई चट्टानों के बीचों-बीच टूटे-फूटे मिट्टी के बर्तन का ढेर ज़मीन पर बिखरा हुआ था।
अधिकांश मर्तबान खाली थे, पर एक के अन्दर तीन खर्रे थे, जिन में से दो कपड़े से ढ़के हुए थे। वह हस्तलेखों को बेडुइन लोगों के डेरे में ले गया और वहाँ क़रीब एक महीने तक तम्बू के एक खम्भे पर किसी बैग में लटकाकर छोड़ दिया। अन्त में, कुछ बेडुअन लोग उन खर्रों को बैतलहम ले गए, यह देखने के लिए कि उन्हें बेचकर कितने पैसे मिल सकते थे। बेडुइन को बिना किसी शिष्टाचार के एक मठ से वापस कर दिया गया, यह कहकर कि खर्रों का कोई मूल्य नहीं था। एक और विक्रेता ने कहा कि हस्तलेखों की कोई पुरातात्विक योग्यता न थी और उसे संदेह था कि उन्हें किसी यहूदी धार्मिक सभा-स्थान से चुराया जा चुका था। वह कितना ग़लत था! अन्त में, एक सीरियाई मोची के दलाल की भूमिका अदा करने के द्वारा उनका उचित मूल्य स्थापित किया गया। शीघ्र ही, दूसरे हस्तलेखों का मूल्यांकन किया गया।
इन प्राचीन लेखों में से कुछ लेख हमें यीशु मसीह के समय की उन यहूदी धार्मिक मण्डलियों के कार्य में एक सम्पूर्णतः नयी अन्तर्दृष्टि देते हैं। परन्तु, यशायाह की भविष्यवाणी के एक बाइबल हस्तलेख ने संसार को उत्तेजित किया। क्यों?
वह अत्यन्त बहुमूल्य उपलब्धि
हाल ही में मिला यशायाह का खर्रा आरम्भ में क़रीब ७.५ मीटर लंबा था। वह १७ काग़ज़ों का बना था जो कि पशु की खाल से ध्यानपूर्वक तैयार किया गया था और क़रीब-क़रीब चमड़े के काग़ज़ की तरह शुद्ध था। इसे ध्यानपूर्वक रेखांकित करके, औसतन ३० पंक्तियों में ५४ कालमों में रचा गया था। इन रेखाओं पर निपुण लिपिक के अनुच्छेदों में लिखते हुए, मूल ग्रन्थ के अक्षर रखे थे।—तस्वीर देखें।
खर्रे को लकड़ियों पर नहीं लपेटा गया था, और बीच में उसका रंग अधिक गहरा था जहाँ अनेक हाथों ने उसे पढ़ने के लिए पकड़ा था। वह अच्छी तरह घिसा गया था और साथ ही उस पर कुशल रूप से मरम्मत करने और मज़बूत करने के चिह्न दिखायी देते थे। इसके अच्छी तरह परिरक्षित रहने का कारण यह था कि इसे मिट्टी के मर्तबान में ध्यानपूर्वक बन्द कर दिया गया था। यह खर्रा बाइबल विद्वान, और व्याप्ति से, हम सब के लिए कितना क़ीमती है?
यशायाह भविष्यवक्ता का यह हस्तलेख बाक़ी बची हुई किसी भी प्रतिलिपि से क़रीब एक हज़ार साल ज़्यादा पुराना है, फिर भी, इसकी अन्तर्वस्तु में इतनी अधिक भिन्नता नहीं है। वर्ष १९५० में प्रकाशित किए गए मूल ग्रन्थ के सम्पादक, प्रोफ़ेसर मीलर बरोज़ ने कहा: “इस हस्तलेख में यशायाह का मूलग्रन्थ मूल बातों में M.T. [मासोरेटिक इब्रानी मूल ग्रन्थ] से मिलता-जुलता है, जो काफ़ी बाद में प्रस्तुत किया गया, सिर्फ़ इस की वर्तनी और व्याकरण में अर्थपूर्ण अन्तर, तथा कम या ज़्यादा दिलचस्पी और महत्त्व रखनेवाले अनेक भिन्न पाठान्तर भी पाए जाते हैं।a एक और ध्यान देने योग्य बात यह है कि किस तरह इस में सुसंगत रूप से टेट्राग्रैमटन् (चार अक्षरों का शब्द), יהוה, इब्रानी भाषा में परमेश्वर के पवित्र नाम, यहोवा, का इस्तेमाल किया गया है।
दूसरे बहुमूल्य हस्तलेख
इसी गुफ़ा से, जिसे अब गुफ़ा १ कहा जाता है, प्राप्त हुए एक और हस्तलेख में भी पवित्र नाम प्रकट होता है। हबक्कूक की पुस्तक पर एक व्याख्या में टेट्राग्रैमटन् चार बार पेलीओ- (प्राचीन-) इब्रानी अक्षरों में प्रकट होता है, लिखने का एक पुराना तरीक़ा, जो कि आज ज़्यादा सुपरिचित चौकोर इब्रानी अक्षरांकण से विषम है।—हबक्कूक १:९ की पादटिप्पणी देखें, रेफ़रेंस बाइबल.
गुफ़ा से यशायाह के एक और खर्रे के अंश, और साथ ही दानिय्येल की बाइबल पुस्तक से कुछ चमड़े के टुकड़े प्राप्त हुए। इन में से एक दानिय्येल २:४ में इब्रानी से अरामी भाषा में किए गए परिवर्तन को उसी तरह रखता है, जैसे कि एक हज़ार साल बाद के प्राप्त हुए हस्तलेखों में पाया जाता है।
खर्रों के छोटे हिस्से जो अच्छी तरह परिरक्षित हैं, आज यरूशलेम में, श्राइन् ऑफ द बुक नामक म्यूज़ियम (संग्रहालय) में प्रदर्शित हैं। यह म्यूज़ियम भूमि के अन्दर है, इसलिए जब आप वहाँ देखने जाते हैं, तो आप को यूँ लगता है कि आप गुफ़ा में प्रवेश कर रहे हैं। म्यूज़ियम का ऊपरी हिस्सा उस मिट्टी के मर्तबान के ढक्कन के आकार का है, जिस में यशायाह का डेड् सी स्क्रोल प्राप्त हुआ था। फिर भी, आप यशायाह हस्तलेख की केवल एक प्रतिकृति ही देखते हैं। इसका बहुमूल्य मूल लेख पास के भंडार कक्ष में सुरक्षित पड़ा है।
[फुटनोट]
a यशायाह ११:१; १२:२; १४:४; १५:२; १८:२; ३०:१९; ३७:२०, २८; ४०:६; ४८:१९; ५१:१९; ५६:५; ६०:२१ में इसके कुछेक अधिक महत्त्वपूर्ण पाठान्तर न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन ऑफ द होली स्क्रिप्चर्स—वित रेफ़रेंसिज़ में उल्लेख किए गए हैं। पादटिप्पणी में इस स्क्रोल की शनाख़्त IQIs⁄a के तौर से दी गयी है।
[पेज 29 पर चित्रों का श्रेय]
Pictorial Archive (Near Eastern History) Est.
Courtesy of The British Museum
[पेज 30 पर चित्र का श्रेय]
Israel Antiquities Authority; The Shrine of the Book, Israel Museum; D. Samuel and Jeanne H. Gottesman Center for Biblical Manuscripts