“नमस्ते! क्या आप जानते हैं परमेश्वर का नाम क्या है?”
यहोवा के गवाहों के ब्राज़ील शाखा दफ़्तर ने फोर्टालेज़ा शहर से १२ वर्षीय जुड़वां बहनों से निम्नलिखित पत्र पाया:
“उन्नीस सौ नब्बे में जब हम पाँचवीं कक्षा में थे, हमारे स्कूल ने विज्ञान, कला, और सांस्कृतिक मेला आयोजित किया। हमने अध्यापिका को समझाया कि हम चाहते हैं कि हमारी प्रस्तुति उन प्रस्तुतियों से भिन्न हो जो दूसरे छात्र तैयार करने की योजना कर रहे थे। क्योंकि उसने हमें यहोवा और बाइबल के विषय में पहले बात करते सुना था, उसने सुझाव दिया: ‘तब तुम अपने परमेश्वर के विषय में लिख सकती हो!’
“हमने इसे गवाही देने का एक अवसर समझा और ऐसे बाइबल साहित्यों का प्रदर्शन करने का निर्णय लिया जो यहोवा के नाम पर केन्द्रित हों। हमने भजन ८३:१८ के शब्दों की परिवर्धित प्रतिलिपि तैयार की और उसे एक खुली बाइबल की तस्वीर पर चिपका दिया। और, हमने एक मेज़ पर विभिन्न बाइबल अनुवादों को रख दिया, जिनमें यहोवा का नाम है। उसी मेज़ पर, हमने तरह-तरह के बाइबल साहित्य सजा दिए। मेज़ के कोने पर हमने एक टी.वी. और वी.सी.आर. लगा दिया ताकि एक बहुत लोकप्रिय फ़िल्म से, जिसमें यहोवा नाम प्रयोग किया गया था, दर्शकों को एक उदाहरण दिखा सकें।
“मेले के दौरान, जब कोई व्यक्ति हमारी मेज़ पर आता, तो हम कहते: ‘नमस्ते! क्या आप जानते हैं परमेश्वर का नाम क्या है?’ दर्शक को जवाब देने का अवसर देने के बाद, हम आगे कहते: ‘यहाँ देखिए! अनेक बाइबल अनुवाद दिखाते हैं कि उसका नाम यहोवा है,’ अलग-अलग बाइबलों में नाम को दिखाते हुए, जैसे कि हाओ फरीएरा डी एलमीडा की बाइबल, द जरूसलेम बाइबल, (The Jerusalem Bible) और न्यू वर्ल्ड ट्रान्सलेशन, (New World Translation)। फिर हम वह दृश्य चलाते जहाँ फ़िल्म का मुख्य पात्र यहोवा को परमेश्वर के नाम के रूप में विशिष्ट करता है। जब लोग दिलचस्पी दिखाते, तो हम उन्हें अधिक जानकारी वाली एक पत्रिका, या एक ट्रैक्ट दे देते।
“हमारी मेज़ पर आए एक युवा ने क्वेस्चन्स् यंग पीपल आस्क—आनसर्स् दैट वर्क (Questions Young People Ask—Answers That Work) पुस्तक माँगी। हमारी अध्यापिका ने मेकिंग युअर फैमिली लाइफ हैप्पी (Making Your Family Life Happy) पुस्तक की जाँच की और विस्मय से बोली: ‘वाह! कितनी दिलचस्प किताब!’ मेले के अन्त तक हमने ७ पुस्तकें, १८ ट्रैक्ट, और ६७ पत्रिकाएँ वितरित कर दी थीं। हमें मेले में तीसरा स्थान मिला। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि, हम ईश्वरीय नाम, यहोवा को बताने के विशेषाधिकार के लिए ख़ुश थे।”