आप अपनी प्रार्थनाओं को कैसे अधिक अर्थपूर्ण बना सकते हैं?
यहोवा परमेश्वर के प्रेमपूर्ण प्रबंधों में प्रार्थना एक अनोखा प्रबंध है। विरोध करनेवाले आपकी बाइबल ज़ब्त कर सकते हैं या आपको संगी उपासकों के साथ मिलने से रोक सकते हैं, लेकिन कोई भी आपको प्रार्थना से वंचित नहीं कर सकता। प्रार्थना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। तो फिर, हम में से प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह कितना महत्त्वपूर्ण है कि इस विशेषाधिकार की क़दर करें और इसका पूरा लाभ उठाएँ। अपनी प्रार्थनाओं को अधिक अर्थपूर्ण बनाने में क्या बात आपकी मदद कर सकती है?
बाइबल एक प्रार्थना पुस्तक नहीं है। फिर भी, इसे प्रार्थना के विषय पर मनुष्यजाति की सबसे महान पुस्तक के तौर पर वर्णित किया जा सकता है। सिर्फ़ इब्रानी शास्त्र में ही १५० से ज़्यादा प्रार्थनाएँ हैं। कुछ छोटी हैं; कुछ बड़ी। वे सब के सामने या अकेले में, राजाओं द्वारा या बंदियों द्वारा, विजय के वक़्त या क्लेश के वक़्त की गयीं। जैसे दाऊद ने भजन ६५:२ में गाया, “सब प्राणी” यहोवा की ओर जाते हैं, जो ‘प्रार्थना का सुननेवाला’ है। परमेश्वर ने क्यों बाइबल के लेखकों को इतनी विविध प्रकार की प्रार्थनाओं को अभिलिखित करने के लिए प्रेरित किया?
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, २ तीमुथियुस ३:१६ पर विचार कीजिए। यह कहता है: “हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और . . . लाभदायक है।” अतः, बाइबल की प्रार्थनाएँ, शास्त्रीय भविष्यवाणी, सिद्धान्त और इतिहास की तरह हमारे मार्गदर्शन के लिए अभिलिखित की गयी हैं। ये प्रार्थनाएँ हमारे लिए कैसे लाभदायक हो सकती हैं?
शास्त्रीय प्रार्थनाओं को जाँचने पर, हम उन प्रार्थनाओं को पहचान सकते हैं जो ऐसी ही परिस्थितियों में की गयीं जैसी हमारी परिस्थिति है। हम यह जान सकते हैं कि कैसे प्रार्थनाएँ विभिन्न उद्देश्यों के लिए और विभिन्न स्थितियों में की गयीं। इसके अतिरिक्त, हम स्तुति और धन्यवाद की नयी अभिव्यक्तियाँ खोज निकालेंगे और हमें अपने निवेदनों और याचनाओं के लिए नए शब्द मिलेंगे। थोड़े में कहा जाए तो, बाइबल की प्रार्थनाएँ हमारी अपनी प्रार्थनाओं को अधिक अर्थपूर्ण बनाने में मदद कर सकती हैं।
मरियम जो यीशु की माँ बनी, प्रत्यक्षतया ऐसी एक व्यक्ति थी जिसने बाइबल में अभिलिखित एक प्रार्थना में प्रयोग की गयी अभिव्यक्तियों से लाभ प्राप्त किया। जब वे दोनों ईश्वरीय सहायता से एक पुत्र से गर्भवती हुईं, तो वह अपनी रिश्तेदार इलीशिबा से मिलने गयी। मरियम ने परमेश्वर की स्तुति की और धन्यवाद दिया, और उसके कुछ शब्द इब्रानी शास्त्र की एक प्रार्थना के शब्दों से उल्लेखनीय रूप से मिलते-जुलते हैं। ऐसा संभव प्रतीत होता है कि मरियम भविष्यवक्ता शमूएल की माँ, हन्ना द्वारा कही गयी प्रार्थना से परिचित थी। हन्ना भी १,००० से अधिक वर्ष पूर्व परमेश्वर की सहायता से एक पुत्र से गर्भवती हुई थी। क्या ऐसा हो सकता था कि मरियम ने इस प्रार्थना पर मनन किया क्योंकि यह उसकी अपनी भावनाओं को प्रतिबिम्बित करती थी?—१ शमूएल २:१-१०; लूका १:४६-५५.
आपके बारे में क्या? क्या आप ऐसी एक बाइबलीय प्रार्थना याद कर सकते हैं जो आपकी परिस्थितियों के समान परिस्थितियों में की गयी थी? ऐसी प्रार्थनाओं को ढूँढना, पढ़ना और उन पर मनन करना परमेश्वर के साथ आपके अपने संचार को अर्थपूर्ण बनाने में आपकी मदद करेगा। अगले लेख में, हम आपको पवित्र शास्त्र से तीन प्रार्थनाओं की जाँच करने के लिए आमंत्रित करते हैं। वे भिन्न परिस्थितियों में, शायद आपकी जैसी परिस्थितियों में, की गयी थीं।