पूर्वधारणा क्या आप इसके शिकार हैं?
नृजातीय हिंसा, प्रजातिवाद, पक्षपात, विभाजन, और जातिसंहार में कौन-सी बात समान है? ये सभी एक व्यापक मानव प्रवृत्ति के परिणाम हैं—पूर्वधारणा!
पूर्वधारणा क्या है? एक विश्वकोश इसे इस प्रकार परिभाषित करता है “एक ऐसी राय बनाना जिसे उचित रूप से जाँचने के लिए न तो समय निकाला गया हो न ही उसकी परवाह की गई हो।” अपरिपूर्ण मनुष्य होने के नाते, हम कुछ हद तक पूर्वधारणा रखने के लिए प्रवृत्त होते हैं। शायद आप ऐसे अवसरों को याद करें जब आपने पूरी सच्चाई को जाने बिना एक राय क़ायम की थी। बाइबल ऐसी पूर्वधारणायुक्त प्रवृत्तियों की विषमता उस तरीक़े से करती है जिससे यहोवा परमेश्वर न्याय करता है। यह कहती है: “यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है।”—१ शमूएल १६:७.
पूर्वधारणा चोट पहुँचा सकती है
निःसंदेह हरेक व्यक्ति किसी-न-किसी के द्वारा कभी-न-कभी ग़लत समझा गया है। (सभोपदेशक ७:२१, २२ से तुलना कीजिए।) आम तौर पर, हम सभी पूर्वधारणा के शिकार हैं। लेकिन, जब पूर्वधारणायुक्त विचार तुरन्त दूर किए जाते हैं तो वे संभवतः बहुत कम अथवा कोई चोट नहीं पहुँचाएँगे। ऐसे विचारों को पनपने देने का परिणाम नुक़सान हो सकता है। ये हमें एक झूठ पर विश्वास करने के लिए धोखे में डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, पूर्वधारणा के प्रभाव के अधीन कुछ लोग सचमुच विश्वास करते हैं कि एक व्यक्ति लालची, आलसी, मूर्ख, अथवा घमण्डी हो सकता है केवल इसलिए क्योंकि वह अमुक धार्मिक, नृजातीय, अथवा राष्ट्रीय समूह का है।
अनेक मामलों में इस प्रकार की ग़लत राय दूसरों के प्रति अनुचित, अपमानजनक, अथवा यहाँ तक कि हिंसक व्यवहार की ओर ले जाती है। लाखों लोगों ने अपनी जानें, क़त्लेआम, जातिसंहारों, नृजातीय हत्याओं, और घोर पूर्वधारणा के अन्य स्वरूपों में गँवायी हैं।
पूरे संसार में, सरकारों ने स्वतंत्रता, सुरक्षा और समानता के अलंघ्य अधिकार की कानूनन गारंटी देने के द्वारा पूर्वधारणा का विरोध किया है। यदि आप अपने देश का संविधान अथवा मुख्य नियम-संहिता पढ़ें, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि आप किसी धारा अथवा किसी संशोधन को पढ़ें जो सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए बनाया गया है, चाहे उनकी जाति, लिंग, अथवा धर्म कोई भी क्यों न हो। फिर भी, पूर्वधारणा और पक्षपात विश्वव्यापी स्तर पर फैले हुए हैं।
क्या आप पूर्वधारणा के एक शिकार हैं? क्या आप पर अपनी प्रजाति, आयु, लिंग, राष्ट्रीयता, अथवा धार्मिक विश्वास के कारण एक लालची, आलसी, मूर्ख, अथवा घमण्डी होने की छाप लगायी गई है? क्या पूर्वधारणा के कारण आपको उचित शिक्षा, रोज़गार, आवास, और जन सुविधाओं के अवसरों से वंचित रखा गया है? यदि ऐसा है तो आप इसका सामना कैसे कर सकते हैं?
[पेज 3 पर तसवीरें]
पूर्वधारणा को पनपने देना प्रजातीय घृणा को भड़काता है
[चित्र का श्रेय]
Nina Berman/Sipa Press