राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
आयरलैंड में बाइबल सच्चाइयों का प्रचार जारी है
हाल के वर्षों में आयरलैंड का ख़ूबसूरत देश बहुत अधिक हलचल का मंच रहा है। साथ ही, आयरलैंड के निवासियों ने यहोवा के साक्षियों द्वारा उन्हें प्रस्तुत किए गए बाइबल के आशा के सन्देश के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाई है। आयरलैंड से निम्निलिखित अनुभव इस बात की पुष्टि करते हैं।
▪ डबलिन में एक यहोवा का साक्षी और उसकी युवा बेटी घर-घर के प्रचार कार्य में हिस्सा ले रहे थे। वे कैथी नामक एक महिला से मिले जो अपने अनेक बच्चों के साथ बहुत व्यस्त थी। साक्षी ने पूछा कि क्या उसकी बेटी, जो सीख रही थी कि किस प्रकार प्रचार किया जाता है, उसके साथ मात्र एक संक्षिप्त सन्देश बाँट सकती है। कैथी सहमत हो गयी, और उस छोटी-सी लड़की ने एक स्पष्ट, अच्छी तरह सोच-विचार की गई प्रस्तुति दी। कैथी उस बच्ची की सच्ची निष्कपटता और आदरपूर्णता से प्रभावित हुई, और उसने एक बाइबल ट्रैक्ट की पेशकश को स्वीकार कर लिया।
बाद में कैथी ने अपनी छोटी भेंटकर्ता की अच्छी तैयारी और शिष्टाचार पर विचार किया। उसने कहा, “मैं प्रभावित हो गई थी कि एक छोटी-सी लड़की अपनी ओर ध्यान खींचे बिना एक ऐसा दिलचस्प सन्देश बाँट सकती थी।” “मैंने फ़ैसला किया कि अगली बार जब यहोवा के साक्षी आएँगे तो मैं उनकी सुनूँगी।”
इसी दौरान कैथी दक्षिण-पश्चिमी आयरलैंड के कॉर्क और कॆरी के प्रान्तों की सीमा के पास एक छोटे-से नगर में रहने लगी। कुछ समय बाद यहोवा के साक्षी उसके दरवाज़े पर आए, और उसने उन्हें अन्दर आमंत्रित किया। उसने बाइबल का नियमित अध्ययन स्वीकार किया और अब अपने कई बच्चों के साथ कलीसिया सभाओं में हाज़िर होती है। कैथी उसके साथ सुसमाचार बाँटने की उस छोटी लड़की की वास्तविक इच्छा के लिए कृतज्ञ है।
▪ टुल्लामोरे के क्षेत्र में, जीन नामक एक महिला के साथ साक्षियों ने सात साल से ज़्यादा समय तक बाइबल चर्चाएँ कीं। कभी-कभी उसने दिलचस्पी दिखाई और साहित्य स्वीकार किया, लेकिन दूसरे मौक़ों पर उसकी दिलचस्पी क्षीण पड़ जाती। एक दिन, जब फ्रांसस नामक एक साक्षी और उसकी साथी जीन से भेंट करने आयीं, उन्होंने उसे बहुत ही ख़राब मिज़ाज में पाया। “चाहे हम कुछ भी क्यों न कहते,” साक्षी बताता है, “वह बिगड़ती चली गई। आख़िरकार उसने हमें वहाँ से दफ़ा हो जाने के लिए कहा और धड़ाम-से दरवाज़ा बन्द कर दिया।”
फ्रांसस को लगा शायद आगे भेंट करना केवल ऐसे ही स्वागत को न्योता देता। फ्रांसस ने सोचा, ‘यदि उसे सचमुच सन्देश में दिलचस्पी नहीं है तो आगे भेंट करने का शायद और फ़ायदा नहीं है।’ लेकिन, उसने अपने पति, थॉमस से इस विषय पर चर्चा की, और वह ज़्यादा आशाजनक था। अगली बार जब वे उस क्षेत्र में थे, तो जीन से एक और भेंट की गई। वह मिलनसार थी और प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं की प्रतियाँ स्वीकार कीं। बाद की भेंटें ऐसी ही सुखद थीं, और थॉमस और फ्रांसस ने उसके साथ नियमित गृह बाइबल अध्ययन शुरू कर दिया।
यह परिवर्तन क्यों? जीन समझाती है कि जिस समय वह साक्षियों के साथ इतनी अभद्र होती थी, उस समय उसने हाल ही में जन्म दिया था और उसी वक़्त अस्पताल से बाहर आयी थी। अपने नवजात को स्तन-पान कराने और अपने बड़े बच्चे को चम्मच से खिलाने के कारण, उसे हर रात सोने के लिए केवल एक-आध घंटा मिल रहा था। “सबसे आख़िरी काम जो मैं करना चाहती थी,” जीन कहती है, “वह था धर्म के बारे में बात करना।”
दो महीने के अन्दर जीन कलीसिया की सभी सभाओं में हाज़िर हो रही थी, और चार महीने के अन्दर वह क्षेत्र सेवकाई में हिस्सा ले रही थी। जिस समय से उसने अपना बाइबल अध्ययन शुरू किया था तब से दस महीने बाद, उसका बपतिस्मा हुआ। अब जीन का अपना अनुभव क्षेत्र सेवकाई में उसकी मदद करता है। वह कहती है: “जब मैं किसी ऐसे व्यक्ति से मिलती हूँ जो बहुत रूखा होता है, तो मैं ज़्यादा विचारशील होने की कोशिश करती हूँ। मैं हमेशा इसको नोट करती हूँ। जब मैं दोबारा जाऊँगी तब तक परिस्थिति शायद बदल जाए; शायद वह व्यक्ति बेहतर महसूस कर रहा हो और ज़्यादा ग्रहणशील हो।”