“परमेश्वर के वचन में विश्वास” ज़िला अधिवेशन में आइए!
लाखों लोग संसार-भर के सैकड़ों स्थानों पर हाज़िर होंगे। भारत में ही १६ अधिवेशन आयोजित किए गए हैं। इनमें से पहला अक्तूबर १०-१२ और आख़िरी जनवरी २-४ को होगा। संभवतः इन तीन-दिवसीय सभाओं—शुक्रवार से रविवार तक—में से एक आपके घर के नज़दीक किसी शहर में होगी।
आप व्यावहारिक बाइबल उपदेश की भरमार से फ़ायदा उठाएँगे। अधिकांश स्थानों पर कार्यक्रम हर सुबह ९.३० पर संगीत के साथ शुरू होगा। शुक्रवार की सुबह २५ मिनट के लिए ऐसे लोगों के साक्षात्कार प्रस्तुत करेगी जिनके जीवन परमेश्वर के वचन में उनके विश्वास से बहुत ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। वह पहला सत्र मूलविचार भाषण के साथ समाप्त होगा, “रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलना।”
शुक्रवार की दोपहर का पहला भाषण मसीही कलीसिया में युवाओं के अत्यावश्यक भाग पर विचार करेगा। उसके बाद तीन भागों की परिचर्चा, बोली, आचरण, और निजी बनाव-श्रंगार में मसीही आचरण से संबंधित बाइबल स्तरों की चर्चा करती है। उसके बाद “विश्वास की कमी के प्रति चौकस रहिए” और “परमेश्वर का वचन जीवित है” भाषण इब्रानियों अध्याय ३ और ४ की उत्तम सलाह पर ध्यान केंद्रित करते हैं। शुक्रवार का कार्यक्रम “सब लोगों के लिए एक किताब” भाषण के साथ समाप्त होगा।
शनिवार सुबह का पहला भाषण है “विश्वास कर्म बिना मरा हुआ है।” उस सुबह एक और महत्त्वपूर्ण भाषण, “सत्य में जड़ पकड़ो और दृढ़ हो जाओ,” बताता है कि कैसे आध्यात्मिक वृद्धि हासिल की जा सकती है। यह सत्र नियमित अधिवेशन विशेषता के साथ समाप्त होगा, “परमेश्वर के वचन में विश्वास बपतिस्मे की ओर ले जाता है,” जिसके बाद नए शिष्यों के बपतिस्मा प्राप्त करने का प्रबंध किया जाएगा।
शनिवार दोपहर का पहला भाषण, “विश्वास के लिए कड़ी लड़ाई लड़िए,” यहूदा की बाइबल किताब की सलाह के बारे में चर्चा करता है। “आओ, हम यहोवा के भवन को चलें,” शीर्षक की एक घंटे की परिचर्चा में मसीही सभाओं के लाभों पर विचार किया जाएगा। “आपके विश्वास का गुण—अब परखा गया,” भाषण के साथ उस दिन का कार्यक्रम समाप्त होता है।
रविवार सुबह का कार्यक्रम तीन भाग की परिचर्चा पेश करेगा जो योएल की बाइबल किताब पर, साथ ही हमारे समय में इसके अनुप्रयोग के बारे में चर्चा करेगी। उसके बाद एक बाइबलीय नाटक आता है, जिसका शीर्षक है “अपनी आँख साधारण बनाए रखिए।” अधिवेशन की विशेषता है दोपहर का जन भाषण, “विश्वास और आपका भविष्य।”
निश्चय ही उपस्थित होने से आप आध्यात्मिक रीति से समृद्ध होंगे। हर सत्र में आपका हार्दिक स्वागत किया जाएगा। अभी से उपस्थित होने की योजनाएँ बनाइए। आपके घर के सबसे पास के स्थान के लिए, यहोवा के साक्षियों के स्थानीय राज्यगृह से संपर्क कीजिए या इस पत्रिका के प्रकाशकों को लिखिए। भारत में सभी अधिवेशन स्थानों के पते सजग होइए! के एक भावी अंक में भी आपको मिल सकते हैं।