क्या आप—इंतज़ार करना जानते हैं?
क्या आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हर साल लोग सिर्फ इंतज़ार करने में कितना वक्त बरबाद करते हैं? राशन की लाईन हो या पेट्रोल पंप की, हमें अपनी बारी आने तक रुकना ही पड़ता है। होटल में बैठे हों या रेस्तराँ में, हमें खाने का इंतज़ार करना ही पड़ता है। बस में जाना हो या ट्रेन में जाना हो, यहाँ तक कि डॉक्टर और डेन्टिस्ट के यहाँ भी हमें इंतज़ार करना ही पड़ता है। जी हाँ, इंतज़ार ही इंतज़ार! लोगों की ज़िंदगी का ज़्यादातर समय इंतज़ार में ही कट जाता है। एक सर्वे के मुताबिक, जर्मनवासी हर साल ट्रैफिक जैम में 4.7 अरब घंटे बरबाद कर देते हैं। यह तो सिर्फ एक देश की बात है! एक व्यक्ति ने अंदाज़ा लगाया कि इंतज़ार में ज़ाया हुए ये 4.7 अरब घंटे दरअसल 7,000 लोगों की जीवन-अवधि के बराबर हैं।
यह सच है कि इंतज़ार करना बड़ा तकलीफ-देह होता है। आजकल एक तो वैसे ही हमारे पास समय नहीं रहता, उस पर दिमाग में ढेर सारे काम घूमते रहते हैं। ऐसे में इंतज़ार करने में वक्त ज़ाया करना बहुत खलता है। एक लेखक एलॆक्ज़ैन्डर रोस ने इस बारे में कहा, “आधी ज़िंदगी तो इंतज़ार करने में कट जाती है और इससे बहुत दुःख होता है।”
अमरीका के एक नेता बॆनजामिन फ्रैंकलिन का मानना था कि इंतज़ार करने में कीमती वक्त ज़ाया होता है। उसने करीब 250 साल पहले कहा था, “समय बड़ा कीमती है।” तभी तो व्यापारी लोग अपने धंधे में वक्त ज़ाया करना पसंद नहीं करते। क्योंकि अगर कम समय में ज़्यादा माल उत्पन्न हो तो ज़्यादा मुनाफा होता है। ऐसे व्यापारी जिनका सीधे-सीधे जनता से लेन-देन होता है, वे अपने ग्राहकों से ज़्यादा इंतज़ार नहीं करवाना चाहते—जैसे फास्ट फूड सॆंटर, अपनी गाड़ी से बिना उतरे ही बैंक से अपना लेन-देन करने की सुविधाएँ, इत्यादि—क्योंकि वे जानते हैं कि ग्राहकों को खुश रखने की तरकीब है, उन्हें जल्दी से फ्री कर देना।
ज़िंदगी इंतज़ार में ही कट जाए
उन्नीसवीं सदी में, अमरीका के एक कवि रैल्फ वैल्डो एमरसन ने एक बार कहा, “लगता है कि ज़िंदगी का दूसरा नाम इंतज़ार है!” एक और लेखक लैन्स मॉरो भी इंतज़ार करते वक्त होनेवाली बोरियत और तकलीफ की बात करता है। मगर उसने “एक और तकलीफ” की बात की जो साफ ज़ाहिर नहीं होती। वो क्या है? “ये एक एहसास है कि आप अपना कीमती वक्त, साधन, और ज़िंदगी के कुछ लम्हे खो रहे हैं और इन्हें आप किसी भी तरह से वापस पा नहीं सकते।” यह एक कड़वा सच है! जो समय इंतज़ार में बीत जाता है वो कभी लौटकर नहीं आता।
जी हाँ, अगर हमारी ज़िंदगी छोटी नहीं होती तो शायद इंतज़ार करने की बात हमें ज़्यादा नहीं सताती। मगर हकीकत यह है कि हमारी ज़िंदगी सचमुच बहुत ही छोटी है! कुछ हज़ार साल पहले, बाइबल के एक भजनहार ने कहा: “हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष भी हो जाएं, तौभी उनका घमण्ड केवल कष्ट और शोक ही शोक है; क्योंकि वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं।” (भजन 90:10) ये तो सच है कि हम चाहे जो भी हों या जहाँ भी रहते हों, हमारी ज़िंदगी यानी जन्म से मौत तक का समय मानो पल भर का ही है। मगर फिर भी कई बार हमारा कीमती समय लोगों के इंतज़ार में या किसी और बात के पूरा होने के इंतज़ार में बरबाद हो ही जाता है।
इंतज़ार करना सीखना
अकसर आपने ऐसे ड्राइवरों के साथ सफर किया होगा जो हमेशा दूसरी गाड़ियों को ओवरटेक करने के चक्कर में रहते हैं। कई बार ड्राइवरों को किसी बात की जल्दी भी नहीं होती मगर फिर भी वे ओवरटेक करते रहते हैं। क्योंकि उनसे यह बरदाश्त नहीं होता कि कोई उनके आगे धीमी-गति से चलनेवाला ड्राइवर उनकी स्पीड कम करे। इससे उनकी बेसब्री झलकती है और यह ज़ाहिर होता है कि उन्होंने इंतज़ार करना नहीं सीखा है। सीखा? जी हाँ, इंतज़ार करना कोई पैदाइशी गुण नहीं है, इसे सीखना पड़ता है। शिशुओं को जब भूख लगती है या कोई तकलीफ होती है तो वे फौरन रोना-धोना शुरू कर देते हैं। मगर जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, तो वे यह बात सीखने लगते हैं कि कुछ चीज़ें पाने के लिए उन्हें इंतज़ार भी करना है। हम सबको जब मालूम ही है कि इंतज़ार करना हमारी ज़िंदगी का एक हिस्सा है, तो यह जानना अक्लमंदी की बात होगी कि धीरज दिखाते हुए इंतज़ार कैसे किया जाए। इससे यह भी ज़ाहिर होगा कि हम प्रौढ़ हैं।
जी हाँ, कभी-कभी ऐसी स्थिति आन पड़ती है जब बेसब्र होना या अधीर हो जाना वाजिब होता है। मसलन, एक जवान पति अपनी पत्नी को बड़ी तेज़ी से अस्पताल ले जा रहा है क्योंकि उसे बच्चा होनेवाला है। ऐसे में अगर किसी बात में देरी हो जाए, तो वाजिब है कि वे ज़्यादा इंतज़ार नहीं कर सकते और वे अधीर हो जाएँगे। एक और मिसाल पर गौर कीजिए, लूत और उसके परिवार की जान खतरे में थी। इसलिए स्वर्गदूत लूत को सदोम देश छोड़कर जाने के लिए जल्दी कर रहे थे। लूत देर करता जा रहा था। मगर स्वर्गदूत इंतज़ार नहीं कर सकते थे क्योंकि किसी भी क्षण नाश हो सकता था। (उत्पत्ति 19:15, 16) लेकिन, ज़्यादातर मामलों में जब लोगों को किसी वज़ह से इंतज़ार करना ही पड़ता है तो उनकी जान खतरे में नहीं होती। ऐसे हालात में, अगर हर व्यक्ति सब्र से काम लेना सीखे तो समस्या चाहे किसी की गलती से हुई हो या लापरवाही से, मगर फिर भी माहौल शांत बना रहेगा। और तो और, अगर हर व्यक्ति इंतज़ार करते वक्त अपने समय का बढ़िया इस्तेमाल करना सीख ले, तो सब्र करना आसान हो जाएगा। इसके लिए कुछ सुझाव पेज 5 के बॉक्स में दिए गए हैं। ये सुझाव आपको इंतज़ार करते वक्त समय का अच्छा इस्तेमाल करने में और सब्र से काम लेने में मदद करेंगे।
एक बात ध्यान में रखी जा सकती है कि उतावली करनेवाले लोग अकसर घमंडी होते हैं और वे यह सोचते हैं कि वे बहुत बड़ी शख्सियत हैं। और उनसे इंतज़ार नहीं करवाया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को बाइबल की इस आयत पर ध्यान देना चाहिए: “अहंकारी पुरुष की अपेक्षा धीरज रखनेवाला पुरुष श्रेष्ठ है।” (सभोपदेशक 7:8, नयी हिन्दी बाइबिल) अहंकार या घमंड का होना ज़ाहिर करता है कि व्यक्ति का स्वभाव अच्छा नहीं है, और ऐसों के बारे में बाइबल कहती है, “सब मन के घमण्डियों से यहोवा घृणा करता है।” (नीतिवचन 16:5) अगर हम धीरज धरना या इंतज़ार करना सीखना चाहते हैं, तो हमें खुद की और दूसरों के साथ अपने रिश्ते की अच्छी तरह जाँच करनी चाहिए।
सब्र का फल मीठा होता है
जब हमें पूरा यकीन होता है कि जिस चीज़ के लिए हम इंतज़ार कर रहे हैं, वह हमारे लिए फायदेमंद है, और वह हमें ज़रूर मिलेगी, तो अकसर हमारे लिए इंतज़ार करना आसान होता है। परमेश्वर के सभी नेकदिल उपासक भी बाइबल में दिए गए उसके खास वादों के पूरा होने का इंतज़ार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, एक भजन में यह वादा किया गया है: “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” इसी वादे को दोहराते हुए प्रेरित यूहन्ना कहता है: “जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।” (भजन 37:29; 1 यूहन्ना 2:17) अगर हमें हमेशा-हमेशा का जीवन मिल सके, तो इंतज़ार करना कोई मुश्किल बात नहीं होगी। फिलहाल तो हमारी ज़िंदगी हमेशा-हमेशा की नहीं है। मगर, क्या हमेशा-हमेशा की ज़िंदगी के बारे में बातें करना बुद्धिमानी की बात है?
इसका जवाब देने से पहले, इस पर विचार कीजिए कि परमेश्वर ने हमारे पहले माता-पिता को हमेशा की ज़िंदगी जीने के मकसद से ही बनाया था। मगर उन्होंने पाप किया जिसकी वज़ह से उनके हाथों से हमेशा-हमेशा के लिए जीने की आशा चली गयी और उनके बच्चों को यानी हमें भी उस आशा से हाथ धोना पड़ा। उनके पाप करने के तुरंत बाद परमेश्वर ने अपने मकसद के बारे में बताया कि वह आदम और हव्वा के पाप के असर को खत्म करेगा। परमेश्वर ने एक “वंश” का वादा किया जो यीशु मसीह था।—उत्पत्ति 3:15; रोमियों 5:18.
हम परमेश्वर के वादों की पूर्ति से फायदा उठाना चाहते हैं या नहीं, इसका फैसला करना हमारे ऊपर है। फायदा उठाने के लिए सब्र की ज़रूरत है। सब्र करना सीखने के लिए बाइबल हमें एक किसान का उदाहरण देती है। बीज बो देने के बाद एक किसान बस इंतज़ार ही कर सकता है। और कटनी का समय आने तक वह बस फसल की रखवाली ही कर सकता है। उसके लिए सब्र का फल मीठा तभी होता है जब उसकी मेहनत रंग लाती है। (याकूब 5:7) प्रेरित पौलुस सब्र की एक और मिसाल देता है। वह हमें पुराने ज़माने के वफादार पुरुष और स्त्रियों की याद दिलाता है। वे वफादार जन परमेश्वर के मकसद के पूरा होने की आस लगाए बैठे थे, मगर उन्हें परमेश्वर के नियत समय तक इंतज़ार करना पड़ा। पौलुस भी हमें उनकी मिसाल पर चलने के लिए कहता है “जो विश्वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।”—इब्रानियों 6:11, 12.
जी हाँ, हमें इस दुनिया में कभी-न-कभी किसी चीज़ के लिए इंतज़ार तो करना ही होगा। मगर इसकी वज़ह से हमें हताश होने की ज़रूरत नहीं है। जो लोग परमेश्वर के वादों के पूरा होने का इंतज़ार कर रहे हैं उनके लिए यह खुशी का कारण है। और इस दौरान वे परमेश्वर के साथ अपना रिश्ता मज़बूत बना सकते हैं और अपने विश्वास के मुताबिक काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, प्रार्थना, अध्ययन और मनन के द्वारा भी वे इस बात पर अपना पूरा विश्वास दिखा सकते हैं कि परमेश्वर वादे का पक्का है।
[पेज 5 पर बक्स/तसवीरें]
इंतज़ार की घड़ियों का अच्छा इस्तेमाल कीजिए!
पहले से योजना बनाइए! अगर आपको पता है कि आपको इंतज़ार करना पड़ सकता है, तो अपने साथ पढ़ने-लिखने के लिए कुछ किताबें, सिलाई-बुनाई की चीज़ें, या समय का अच्छा इस्तेमाल करने के लिए कुछ और चीज़ें साथ ले जाइए।
ज़िंदगी व्यस्त होने की वज़ह से मनन के लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है, इसलिए इंतज़ार की घड़ियों को आप मनन करते हुए बिता सकते हैं।
फोन के पास कुछ किताबें रखा कीजिए ताकि फोन पर बातचीत करते वक्त अगर होल्ड करना पड़े तो आपका समय ज़ाया न हो। पाँच-दस मिनटों में ही आप कई पन्ने पढ़ सकते हैं।
ग्रूप में इंतज़ार करते वक्त अगर आपको ठीक लगता है तो आप दूसरों से बातचीत शुरू कर सकते हैं और अच्छे-अच्छे विचारों का आदान-प्रदान करने में समय बिता सकते हैं। इससे सभी को फायदा होगा।
आप अपनी गाड़ी में नोट-पैड या कोई किताब रख सकते हैं ताकि अगर इंतज़ार करने की नौबत आन पड़े तो आपका समय बरबाद न हो।
आँखें बंद करके आप रिलैक्स भी कर सकते हैं या फिर प्रार्थना कर सकते हैं।
पहले से योजना बनाने और सही मनोवृत्ति रखने से आपकी इंतज़ार की घड़ियाँ मीठी हो सकती हैं!