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यीशु के घरवाले कौन थे?

दिसंबर के दौरान, दुनिया के कई हिस्सों में यीशु के जन्म की झाँकियाँ बनायी जाती हैं। इनमें अकसर आप नन्हे यीशु को अपनी माँ, मरियम की गोद में और साथ खड़े उसके दत्तक-पिता यूसुफ को देखेंगे। ऐसी झाँकियों में उन लोगों को भी दिलचस्पी हो सकती है जो ईसाई नहीं हैं। इन झाँकियों में यीशु पर खास ध्यान दिया जाता है, तो बेशक हम यह जानना चाहेंगे कि शास्त्रवचन, उसके घरवालों के बारे में क्या बताता है।

यीशु के परिवार और जन्म के बारे में बहुत दिलचस्प बात देखने में आती है। उसने एक कुँवारी, मरियम से जन्म लिया और इस तरह इंसानी परिवार का एक हिस्सा बना। बाइबल के मुताबिक, पवित्र आत्मा के ज़रिए उसकी जान, स्वर्ग से मरियम के गर्भ में डाली गयी। (लूका 1:30-35) जिस वक्‍त मरियम को बताया गया था कि वह एक करिश्‍मे से गर्भवती होगी, उस वक्‍त उसकी मँगनी यूसुफ नाम के एक आदमी से हो चुकी थी। इस तरह यूसुफ, यीशु का दत्तक-पिता बना।

यीशु के पैदा होने के बाद, यूसुफ और मरियम के और भी बच्चे हुए जो यीशु के सौतेले भाई-बहन थे। यह बात हमें नासरत के वासियों के इन सवालों से पता चलती है जो वे यीशु के बारे में पूछते हैं: “क्या यह बढ़ई का बेटा नहीं? और क्या इस की माता का नाम मरियम और इस के भाइयों के नाम याकूब और यूसुफ और शमौन और यहूदा नहीं? और क्या इस की सब बहिनें हमारे बीच में नहीं रहतीं?” (मत्ती 1:25; 13:55, 56; मरकुस 6:3) उनकी बातों से हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि यीशु के परिवार में उसके माता-पिता, चार भाई और कम-से-कम दो बहने थीं।

मगर आज कुछ लोग यह नहीं मानते कि यीशु के भाई-बहन असल में यूसुफ और मरियम के बच्चे थे। इसकी वजह? न्यू कैथोलिक इनसाइक्लोपीडिया कहती है: “शुरू से चर्च यही सिखाता आया है कि मरियम हमेशा एक कुँवारी थी। तो फिर, इस बात को मद्देनज़र रखते हुए पूरे यकीन के साथ कहा जा सकता है कि मरियम का कोई और बच्चा नहीं था।” यही किताब दावा करती है कि “भाई” और “बहन” के लिए इस्तेमाल किए गए यूनानी शब्दों का मतलब “कोई एक इंसान या कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं जो धर्म या दूसरे मामलों में एक जैसे खयाल रखते हों” या रिश्‍तेदार हो सकते हैं, जैसे चचेरे या ममेरे भाई-बहन।

क्या यह बात सच है? देखा गया है कि सदियों से चर्चों में सिखायी जा रही इस शिक्षा से कुछेक कैथोलिक धर्मविज्ञानी भी सहमत नहीं हैं। उलटा वे तो यही मानते हैं कि यीशु और उसके भाई-बहनों के बीच खून का रिश्‍ता था। अमरीका के कैथोलिक बाइबल संघ के भूतपूर्व अध्यक्ष, जॉन पी. माइअर ने लिखा: “नए नियम में जब अदेल्फोस [भाई] शब्द का इस्तेमाल रूपक के तौर पर नहीं बल्कि दो आदमियों का शारीरिक या कानूनी रिश्‍ता दिखाने के लिए किया जाता है, तो उस शब्द का सिर्फ यही मतलब निकलता है कि वे दोनों या तो सगे भाई हैं या सौतेले, इसके सिवा कोई और मतलब नहीं निकलता।”a जी हाँ, शास्त्रवचन यह बताता है कि यीशु के सचमुच के भाई-बहन थे और वे यूसुफ और मरियम के ही बच्चे थे।

सुसमाचार की किताबें, यीशु के और भी कई नाते-रिश्‍तेदारों का ज़िक्र करती हैं। मगर फिलहाल हम उसके माता-पिता और भाइयों पर ध्यान देंगे और देखेंगे कि हम उनसे क्या सीख सकते हैं।

[फुटनोट]

a “यीशु के भाई-बहनों के बारे में दुनिया-भर के चर्चों का नज़रिया,” लेखक जे. पी माइअर, द कैथोलिक बिब्लिकल क्वाटरली, जनवरी 1992, पेज 21.

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