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  • फिर कभी नहीं आएँगी विपत्तियाँ!
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2012
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फिर कभी नहीं आएँगी विपत्तियाँ!

अगर कोई आपसे कहे कि “बहुत जल्द एक ऐसा समय आनेवाला है जब प्राकृतिक विपत्तियाँ फिर कभी नहीं आएँगी,” तो यह सुनकर आपको कैसा लगेगा? आप शायद जवाब दें, “अरे कौन-सी दुनिया में हो, कहीं सपना तो नहीं देख रहे! आज तक कभी ऐसा हुआ है, जो अब होगा।” या शायद आप मन-ही-मन सोचें, “उसे मज़ाक करने के लिए क्या मैं ही मिला था?”

हालाँकि कई लोगों को लगता है कि प्राकृतिक विपत्तियाँ कभी खत्म नहीं होंगी, लेकिन हमारे पास यह मानने की ठोस वजह है कि जल्द ही हालात बदलेंगे। मगर यह बदलाव इंसान की कोशिशों से नहीं आ सकता। इंसान जब पूरी तरह यही नहीं समझ पाया है कि प्राकृतिक विपत्तियाँ क्यों और कैसे आती हैं, तो इन पर काबू पाना या इन्हें खत्म करना उसके लिए बहुत दूर की बात है। प्राचीन इसराएल का राजा सुलैमान, जो अपनी बुद्धि और समझ के लिए मशहूर था, उसने लिखा: “सारा काम . . . जो सूर्य के नीचे किया जाता है, उसकी थाह मनुष्य नहीं पा सकता। चाहे मनुष्य उसकी खोज में कितना भी परिश्रम करे, तौभी उसको न जान पाएगा; और यद्यपि बुद्धिमान कहे भी कि मैं उसे समझूंगा, तौभी वह उसे न पा सकेगा।”—सभोपदेशक 8:17.

अगर प्राकृतिक विपत्तियों को इंसान नहीं रोक सकता तो फिर कौन रोक सकता है? बाइबल साफ-साफ बताती है कि हमारा सृष्टिकर्ता ही यह बदलाव ला सकता है, क्योंकि उसी ने पृथ्वी और इसके पर्यावरण, जैसे कि जल-चक्र को बनाया है। (सभोपदेशक 1:7) परमेश्‍वर के पास असीम ताकत है, जो इंसानों के पास नहीं है। भविष्यवक्‍ता यिर्मयाह ने इस सच को कबूल करते हुए कहा: “हे प्रभु यहोवा, तू ने बड़े सामर्थ और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है।” (यिर्मयाह 32:17) परमेश्‍वर ने पृथ्वी और इस पर की सारी चीज़ें बनायी हैं, इसलिए देखा जाए तो वही बखूबी जानता है कि इसे कैसे चलाया जाना चाहिए जिससे इंसान यहाँ शांति और सुरक्षा में जी सके।—भजन 37:11; 115:16.

परमेश्‍वर पृथ्वी पर यह ज़रूरी बदलाव कैसे लाएगा? आपको याद होगा कि इस श्रृंखला के दूसरे लेख में बताया गया था कि आज दिल दहला देनेवाली ज़्यादातर घटनाएँ, “दुनिया की व्यवस्था के आखिरी वक्‍त” की “निशानी” का हिस्सा हैं। यीशु ने कहा था: “जब तुम ये बातें होती देखो, तो जान लो कि परमेश्‍वर का राज पास है।” (मत्ती 24:3; लूका 21:31) परमेश्‍वर का राज यानी उसकी बनायी स्वर्गीय सरकार, धरती पर बड़े-बड़े बदलाव लाएगी यहाँ तक कि प्राकृतिक शक्‍तियों को भी काबू में रखेगी। हालाँकि यहोवा परमेश्‍वर खुद ऐसा कर सकता है, मगर उसने इस काम का ज़िम्मा अपने बेटे को दिया है। परमेश्‍वर के इस बेटे के बारे में भविष्यवक्‍ता दानिय्येल ने कहा: “उसको ऐसी प्रभुता, महिमा और राज्य दिया गया, कि देश-देश और जाति-जाति के लोग और भिन्‍न-भिन्‍न भाषा बोलनेवाले सब उसके अधीन हों।”—दानिय्येल 7:14.

परमेश्‍वर के बेटे, यीशु मसीह को ताकत दी गयी है ताकि वह धरती को एक खुशहाल जगह बनाने के लिए सभी ज़रूरी बदलाव ला सके। दो हज़ार साल पहले जब यीशु इस धरती पर था, तो उसने छोटे पैमाने पर दिखाया कि उसमें प्राकृतिक शक्‍तियों को अपने बस में करने की ताकत है। एक बार जब यीशु अपने चेलों के साथ नाव में बैठकर गलील झील पार कर रहा था, तो “एक ज़ोरदार आँधी चलने लगी और लहरें नाव से इतनी ज़ोर से टकराने लगीं कि नाव पानी से पूरी तरह भरने पर थी।” उसके चेले घबरा गए, उन्हें लगा कि उनकी जान खतरे में है। उन्होंने यीशु को मदद के लिए पुकारा। यीशु ने क्या किया? उसने “आँधी को डाँटा और लहरों से कहा: ‘शश्‍श! खामोश हो जाओ!’ तब आँधी थम गयी और बड़ा सन्‍नाटा छा गया।” उसके चेले हक्के-बक्के रह गए और आपस में कहने लगे: “आखिर यह कौन है कि आँधी और समुद्र तक इसका हुक्म मानते हैं?”—मरकुस 4:37-41.

इसके कुछ समय बाद यीशु आत्मिक प्राणी के तौर पर स्वर्ग चला गया। अब उसके पास पहले से ज़्यादा ताकत और अधिकार है। परमेश्‍वर के राज का राजा होने के नाते, उसे इंसानों को धरती पर एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित ज़िंदगी देने की ज़िम्मेदारी दी गयी है और उसके पास ऐसा करने की काबिलीयत भी है।

लेकिन जैसा कि हमने देखा, ज़्यादातर समस्याओं और विपत्तियों के पीछे इंसानों का हाथ है, उनके लालच और स्वार्थ की वजह से प्राकृतिक विपत्तियाँ और भी तबाही मचाती हैं। जो लोग अपनी इन करतूतों से बाज़ नहीं आते या खुद को बदलना ही नहीं चाहते, यीशु उनके साथ क्या करेगा? बाइबल बताती है कि प्रभु यीशु “अपने शक्‍तिशाली दूतों के साथ धधकती आग में स्वर्ग से प्रकट होगा। वह उन लोगों से बदला लेगा जो परमेश्‍वर को नहीं जानते और हमारे प्रभु यीशु के बारे में खुशखबरी को नहीं मानते।” जी हाँ, वह “पृथ्वी को तबाह-बरबाद करनेवालों को खत्म कर” देगा।—2 थिस्सलुनीकियों 1:7, 8; प्रकाशितवाक्य 11:18.

इसके बाद धरती की प्राकृतिक शक्‍तियों पर ‘राजाओं के राजा’ यीशु मसीह का पूरा काबू होगा। (प्रकाशितवाक्य 19:16) वह अपनी प्रजा पर कोई विपत्ति नहीं आने देगा। वह मौसम को नियंत्रित करनेवाले तत्वों को काबू में रखने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करेगा, ताकि मौसम और ऋतुओं के चक्र इंसानों के फायदे के लिए काम करें। नतीजा यह होगा कि यहोवा परमेश्‍वर ने बहुत पहले अपने लोगों से जो वादा किया था, वह पूरा हो जाएगा: “मैं तुम्हारे लिए ठीक ऋतु में वर्षा भेजूँगा जिससे भूमि अपनी उपज उपजाएगी और मैदान के वृक्षों में फल लगेंगे।” (लैव्यव्यवस्था 26:4, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन) हर किसी का अपना घर होगा और लोगों के मन में यह डर नहीं रहेगा कि किसी विपत्ति में वे अपना घर खो देंगे: “वे घर बनाकर उन में बसेंगे; वे दाख की बारियां लगाकर उनका फल खाएंगे।”—यशायाह 65:21.

आपको क्या करने की ज़रूरत है?

बेशक बहुतों की तरह आपका मन भी ऐसी दुनिया में रहने के लिए बेताब हो रहा होगा, जहाँ प्राकृतिक विपत्तियाँ कभी नहीं आएँगी। लेकिन वहाँ रहने के लिए आपको क्या करना होगा? बाइबल कहती है कि “जो परमेश्‍वर को नहीं जानते” और “खुशखबरी को नहीं मानते,” वे आनेवाली उस दुनिया में जीने के लायक नहीं ठहरेंगे। इसलिए ज़रूरी है कि हम आज परमेश्‍वर के बारे में सीखें और धरती पर हुकूमत करने के उसके इंतज़ाम में सहयोग दें। परमेश्‍वर चाहता है कि हम उसे जानें और उस राज की खुशखबरी को मानें जिसे उसने अपने बेटे के ज़रिए ठहराया है।

यह जानकारी लेने का सबसे बढ़िया तरीका है, बाइबल का गहराई से अध्ययन करना। इसमें ऐसी हिदायतें दी गयी हैं जो हमें परमेश्‍वर के राज में जीने के काबिल बनाती हैं, जहाँ हमें किसी भी तरह की प्राकृतिक विपत्तियों का डर नहीं सताएगा। क्यों न आप यहोवा के साक्षियों से यह जानने में मदद लें कि बाइबल क्या सिखाती है? वे इस काम के लिए हमेशा तैयार हैं। एक बात पक्की है, अगर आप परमेश्‍वर को जानने और खुशखबरी को मानने के लिए मेहनत करेंगे तो आप नीतिवचन 1:33 में दिए इन शब्दों को पूरा होते देख पाएँगे: “जो मेरी सुनेगा, वह निडर बसा रहेगा, और बेखटके सुख से रहेगा।” (w11-E 12/01)

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