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हमेशा की ज़िंदगी देनेवाला फिरौती बलिदान परमेश्‍वर का सबसे बढ़िया तोहफा

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सबसे बढ़िया तोहफा कौन-सा है?

“हर अच्छा तोहफा और हर उत्तम देन ऊपर से मिलती है यानी आकाश की ज्योतियों के पिता की तरफ से।” (याकूब 1:17) शास्त्र की इस बात से पता चलता है कि स्वर्ग में रहनेवाला हमारा पिता, परमेश्‍वर यहोवा कितना उदार है। (बाइबल के मुताबिक यहोवा, परमेश्‍वर का नाम है।) वैसे तो परमेश्‍वर ने इंसानों को बहुत-से तोहफे दिए हैं, लेकिन एक तोहफा सबसे बढ़कर है। वह कौन-सा तोहफा है? यीशु ने बताया, “परमेश्‍वर ने दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।”—यूहन्‍ना 3:16.

परमेश्‍वर ने अपना इकलौता बेटा दे दिया। यह वाकई इंसानों को मिला सबसे बढ़िया तोहफा है, क्योंकि इससे हमें पाप, बुढ़ापे और मौत से छुटकारा मिल सकता है। (भजन 51:5; यूहन्‍ना 8:34) इंसान अपने बलबूते इन सबके चंगुल से खुद को कभी नहीं छुड़ा सकता। लेकिन परमेश्‍वर को हमसे बेहद प्यार है, इसलिए उसने हमें छुड़ाने का इंतज़ाम किया। उसने अपने इकलौते बेटे यीशु मसीह की कुरबानी देकर फिरौती दी, ताकि नेक इंसानों को हमेशा की ज़िंदगी मिल सके। लेकिन फिरौती क्या है? फिरौती देना ज़रूरी क्यों था? हम इससे फायदा कैसे पा सकते हैं?

फिरौती वह कीमत है, जो किसी को छुड़ाने के लिए या गँवायी हुई चीज़ वापस पाने के लिए दी जाती है। पवित्र शास्त्र में बताया गया है कि जब सबसे पहले स्त्री-पुरुष यानी आदम और हव्वा को बनाया गया था, तो उनमें कोई पाप या खोट नहीं था, वे परिपूर्ण थे। वे अपने बच्चों के साथ इस खूबसूरत धरती पर हमेशा जी सकते थे। (उत्पत्ति 1:26-28) लेकिन अफसोस उन्होंने परमेश्‍वर की आज्ञा नहीं मानी। इस तरह वे पापी हो गए और उन्होंने धरती पर हमेशा जीने का मौका गँवा दिया। शास्त्र में लिखा है, “एक आदमी से पाप दुनिया में आया और पाप से मौत आयी और इस तरह मौत सब इंसानों में फैल गयी क्योंकि सबने पाप किया।” (रोमियों 5:12) आदम ने अपने बच्चों को विरासत में परिपूर्ण जीवन देने के बजाय पाप और मौत दी।

फिरौती में दी जानेवाली रकम उस चीज़ के बराबर होनी चाहिए, जो गँवा दी गयी है। जब आदम ने जानबूझकर परमेश्‍वर की आज्ञा तोड़ी, तो यह बहुत बड़ा पाप था। नतीजा यह हुआ कि उसने परिपूर्ण जीवन गँवा दिया। उसने अपनी संतानों को मानो पाप और मौत की गुलामी में बेच दिया। इस गुलामी से उन्हें छुड़ाने के लिए एक परिपूर्ण जीवन की कुरबानी दी जानी थी। (रोमियों 5:19; इफिसियों 1:7) इसके लिए परमेश्‍वर ने अपने परिपूर्ण बेटे यीशु को चुना। अपने इस बेटे की कुरबानी देकर परमेश्‍वर ने हम सबकी खातिर फिरौती की रकम चुकायी, ताकि हमें खूबसूरत धरती पर हमेशा जीने का मौका मिले, जो आदम और हव्वा ने गँवा दिया था। कितना प्यार है परमेश्‍वर को हमसे!—प्रकाशितवाक्य 21:3-5.

फिरौती की वजह से इंसानों को हमेशा की ज़िंदगी मिल सकती है। क्या आपको नहीं लगता कि परमेश्‍वर से मिला यह तोहफा दुनिया का सबसे बढ़िया तोहफा है? आइए देखें कि पिछले लेख में हमने अच्छे तोहफे की जिन चार खासियतों पर चर्चा की थी, वह सब फिरौती के मामले में कैसे सच साबित होती हैं। इससे हम समझ पाएँगे कि यह कितना बढ़िया तोहफा है।

यह हमारी चाहत पूरी करता है। कोई भी इंसान मरना नहीं चाहता, बल्कि जीना चाहता है। (सभोपदेशक 3:11) इंसान अपनी यह चाहत अपने आप कभी नहीं पूरी कर सकता, लेकिन फिरौती बलिदान की वजह से यह चाहत पूरी हो सकती है। पवित्र शास्त्र में लिखा है, “पाप जो मज़दूरी देता है वह मौत है, मगर परमेश्‍वर जो तोहफा देता है वह हमारे प्रभु मसीह यीशु के ज़रिए हमेशा की ज़िंदगी है।”—रोमियों 6:23.

यह हमारी ज़रूरतें पूरी करता है। पाप और मौत की गुलामी से आज़ाद होने के लिए हम इंसान फिरौती नहीं दे सकते, क्योंकि जैसे शास्त्र में लिखा है, ‘इंसान की जान की फिरौती की कीमत इतनी ज़्यादा है कि वे उसे कभी नहीं चुका सकते।’ (भजन 49:8) हमें परमेश्‍वर की मदद चाहिए थी और परमेश्‍वर ने हमारी मदद की। उसने ठीक वही किया, जिसकी हमें ज़रूरत थी। उसने हमें छुड़ाने के लिए मसीह यीशु के ज़रिए “फिरौती का दाम दिया।”—रोमियों 3:23, 24.

एकदम सही वक्‍त पर दिया गया। पवित्र शास्त्र कहता है, “जब हम पापी ही थे, तब मसीह हमारे लिए मरा।” (रोमियों 5:8) जी हाँ, यह फिरौती तब दी गयी, “जब हम पापी ही थे।” इससे पता चलता है कि हमारे पापी होने के बावजूद परमेश्‍वर हमसे कितना प्यार करता है। भले ही आज हमें पाप के बुरे अंजाम भुगतने पड़ रहे हैं, लेकिन फिरौती की बदौलत हम भविष्य में एक खुशहाल ज़िंदगी पाने की आशा रख सकते हैं।

नेक इरादे से दिया गया। शास्त्र से पता चलता है कि किस बात ने परमेश्‍वर को अपने बेटे की कुरबानी देने के लिए उभारा। इसमें लिखा है, “हमारे मामले में परमेश्‍वर का प्यार इस बात से ज़ाहिर हुआ कि परमेश्‍वर ने अपना इकलौता बेटा दुनिया में भेजा ताकि हम उसके ज़रिए जीवन पाएँ। ऐसा नहीं कि हमने परमेश्‍वर से प्यार किया था और बदले में उसने हमसे प्यार किया, बल्कि उसी ने हमसे प्यार किया।”—1 यूहन्‍ना 4:9, 10.

हम इस लाजवाब तोहफे की कदर कैसे कर सकते हैं? ध्यान दीजिए कि यीशु ने कहा था कि जो कोई उस पर “विश्‍वास” करेगा, वही बचाया जाएगा। (यूहन्‍ना 3:16) शास्त्र में बताया है कि विश्‍वास “आशा की हुई बातों का पूरे भरोसे के साथ इंतज़ार करना है।” (इब्रानियों 11:1) इस भरोसे के लिए सही ज्ञान का होना ज़रूरी है। हम आपसे गुज़ारिश करते हैं कि आप वक्‍त निकालकर परमेश्‍वर यहोवा के बारे में सीखें, जिसने यह लाजवाब तोहफा दिया है। साथ ही, यह जानें कि यीशु के फिरौती बलिदान की वजह से आपको हमेशा की ज़िंदगी कैसे मिल सकती है।

यह सब जानने के लिए आप www.jw.org पर शास्त्र पर आधारित जानकारी पढ़ सकते हैं। यहोवा के साक्षियों को आपसे इस बारे में चर्चा करने में खुशी होगी। हमें यकीन है कि जब आप इस लाजवाब तोहफे के बारे में सीखेंगे और इससे फायदा पाएँगे, तो आप भी कहेंगे, “हमारे प्रभु, यीशु मसीह के ज़रिए परमेश्‍वर का धन्यवाद हो!”—रोमियों 7:25.

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