सुसमाचार की घोषणा निधड़क करो
१ इतिहास की ओर देखे तो, सच्चे मसीही उनके साहस के लिए ज्ञात हैं। इसके लिए पतरस और यूहन्ना जैसे प्रेरित मुख्य उदाहरण हैं। क़ैदख़ाने में ड़ाले जाने पर और धमकी दिलाए जाने के बावजूद, ये प्रेरित निधड़क रीति से और साहसपूर्वक सच्चाई कहते रहे। (प्रेरित. ४:१८-२०, २३, ३१ब) काफ़ी उत्पीड़न का अनुभव करने के बावजूद, पौलुस ने भी कठिन इलाकों में निधड़क होकर अपनी सेवकाई को पूर्ण किया।—प्रेरित. २०:२०; २ कुरि. ११:२३, २८.
२ यह कैसे सम्भव हुआ कि बड़ी कठिनाईयों के बावजूद, प्रेरितों ने और साथ ही अन्य मसीहियों ने पूरे इतिहास के दौरान निधड़क होकर सुसमाचार की घोषणा करते रहे? प्रेरित पौलुस यह सवाल का उत्तर १ थिस्सलुनीकियों २:२ में देता है, जहाँ वे कहते हैं, “हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा हियाव दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएं।” इसी तरह पतरस और यूहन्ना और साथ ही, दूसरे शिष्य सुसमाचार की घोषणा निधड़क रीति से कर सके। क़ैद से छूटने के बाद पतरस और यूहन्ना उनके संगी शिष्यों के पास वापस चले गए। प्रार्थना में उन्होंने यहोवा से निवेदन किया कि उन्हें ‘उसके वचन को पूरे साहस के साथ कहने’ के लिए हिम्मत और शक्ति दें। यह प्रार्थना यहोवा द्वारा तुरन्त सुन लिया गया क्योंकि तब “वे सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गए, और परमेश्वर का वचन हियाव से सुनाते रहे।”—प्रेरितों ४:२९, ३१
यहोवा में भरोसा प्रदर्शित करना
३ प्रेरितों को इस बात का पूर्ण विश्वास था कि यहोवा उनका समर्थन कर रहा था। यहोवा ने जो भी प्रतिज्ञा अपने वचन के द्वारा की थी वे सब सच निकल रही थी। और जिनकी पूर्ति बाक़ी थी, वे यीशु मसीह के द्वारा प्रतिश्रुत थी। क्या हममें भी सुसमाचार का निधड़क प्रचार करने के लिए यही विश्वास है? जब कि हम नयी भाषाओं में बातचीत या मरीज़ों को चंगा नहीं करते, हमें फिर भी यहोवा के समर्थन का भरपूर प्रमाण है। जब हम बाइबल भविष्यवाणी की पूर्ति देखते हैं, क्या हम परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार बताने के लिए प्रेरित होते हैं?
४ लेकिन यह अपेक्षित है कि ऐसा साहसी प्रचार का विरोध किया जाएगा? (यूहन्ना १५:२०) यीशु और पहली सदी के मसीहियों के साथ ऐसा ही हुआ। लेकिन यह उन्हें रोका नहीं और ना ही उस तीव्रता को, जिसके साथ वे प्रचार कर रहे थे, कम किया। वास्तव में, ऐसा विरोध बहुधा उन्हें राज्य सुसमाचार को फ़ैलाने में अधिक अवसर दिया। (प्रेरित ४:३, ८-१३अ) महत्त्वपूर्ण विषयों पर परमेश्वर के वचन की ओर की हमारी मसीही निष्ठा के कारण हमें बहुधा हमारे स्तर का कारण बताने की माँग की जाती है। हम ऐसे अवसरों को सुसमाचार का निधड़क प्रचार करने के अवसरों के रूप में देखते हैं। ऐसा करने से, हम यीशु मसीह और उसके प्रेरितों का अनुकरण करते हैं।
५ सहायक पायनियर सेवा हमें सुसमाचार का प्रचार करने के अधिक अवसर देते हैं। मई के दौरान कई सहायक पायनियर सेवा करेंगे, जब कि दूसरे आनेवाले महिनों में ऐसा करने के लिए व्यवस्था कर रहे हैं। क्या आपकी परिस्थितियाँ आपको ऐसा करने के लिए अनुमति देंगी? सहायक पायनियर सेवा में भाग लेने के लिए प्रयास करने के द्वारा हम अपने आप को पौलुस और बरनबास की तरह सिद्ध करते हैं। प्रेरितों १४:३ में ऐसा कहा गया है कि “वे बहुत दिन तक वहां रहे, और यहोवा के भरोसे पर हियाव से बातें करते थे।” अगर हम एक महिने के दौरान क्षेत्र सेवकाई में ६० घंटे व्यतीत करने के लिए, अन्य कार्यों से समय खरीद सकेंगे, तो हम पर आनेवाली आशीषें ज़रूर बढ़ेंगी।
६ सेवकाई में साहसी बनना विशेष रूप से तब सहायक है, जब अभिदानों की भेंट की जाती है। इन पत्रिकाओं में परमेश्वर के वचन पर आधारित एक जीवनरक्षक संदेश है। इसलिए हम पीछे न हटे, पर हमारे आदर्श, यीशु, और उसके प्रेरितों का अनुकरण करते हुए, साहस के साथ प्रचार करें।