क्षेत्र सेवा में तन-मन से कार्य करें
भाग ३: दूसरों की प्रगति में सहायक बनें
बुज़ुर्ग भाई पौलुस और निष्ठावान् नौजवान तीमुथियुस के बीच के रिश्ते का ज़िक्र सेवकाई के लिए प्रशिक्षण की एक बढ़िया मिसाल के तौर से अक्सर किया जा चुका है। (१ कुरि. ४:१७) पौलुस ने तीमुथियुस को आदेश दिया कि वह दूसरों को वही ज्ञान और प्रशिक्षण दे जो उसे मिला था। (२ तीमु. २:१, २) आज की मण्डली में इसी कार्यप्रणाली का अनुकरण करने से हम भली-भाँति करेंगे।
२ दूसरों को प्रशिक्षित करें: प्रशिक्षण की ज़रूरत तब ज़ाहिर होती है जब हमें पता चलता है कि आज भारत में तीन साल पहले की तुलना में तक़रीबन ३,५०० ज़्यादा प्रचारक हैं। यह बहुत ही संभव है कि ये लोग उस प्रशिक्षण से फ़ायदा उठा सकेंगे जो अनुभवी प्रचारक दे सकते हैं। जब एक अनुभवी प्रचारक ने एक बहन की मदद की, जो पहले आम तौर से हर महीने क्षेत्र सेवा में सिर्फ़ एक या दो ही घंटे बिताती थी, तब उसने लोगों से प्रभावकारी रूप से बात करना सीखा। सेवकाई में हिस्सा लेने की उसकी भूतपूर्व अनिच्छा ग़ायब हो गयी, और वह एक उत्साही सुसमाचार प्रचारक बन गयी। अब एक निपुण पायनियर के रूप में, वह याद करके कहती है: “मुझे तो सिर्फ़ यही सिखाए जाने की ज़रूरत थी कि क्या कहना है, और फिर मुझे सेवकाई में काम करना मज़ेदार लगने लगा।”
३ अगर आप एक प्राचीन, सेवकाई सेवक, पायनियर, या एक अनुभवी प्रचारक हैं, तो आप दूसरों की प्रगति में किस तरह सहायक बन सकते हैं? पहला क़दम यह है कि आपको अपने मण्डली पुस्तक अध्ययन संचालक को सूचित करना होगा कि आप किसी दूसरे प्रचारक की मदद करना चाहते हैं।
४ सुव्यवस्थित और तैयार रहें: साथ काम करने के लिए एक निश्चित समय पक्का करना उपयोगी होता है। पहले-पहले तो आपके साथी को शायद घबराहट होगी और अपने बारे में संदिग्धता होगी, लेकिन वह इस बात की क़दर करेगा कि कोई उसके साथ इसलिए काम कर रहा है कि ज़रूरत होने पर उसकी मदद कर सके। (सभो. ४:९) अगर संभव हो, तो एक ऐसा क्षेत्र चुनिए जिस में यह ज़्यादा संभव है कि आप ऐसे लोगों से मिलेंगे जो बाइबल के विषयों पर बातचीत करने के लिए राज़ी हैं। इस से नए व्यक्ति को शामिल होने और इस प्रकार आत्म-विश्वास पाने में मदद होगी।
५ प्रगतिशील प्रशिक्षण को जारी रखने के लिए, जिन लोगों ने दिलचस्पी दिखायी थी, उनसे किस तरह पुनःभेंट कर सकते हैं, इस पर विचार-विमर्श करना फ़ायदेमन्द होगा। उस में गृहस्थ को एक ऐसा सवाल पूछकर छोड़ने के द्वारा, जिसका जवाब आप लौटने पर देंगे, पहली भेंट में ही पुनःभेंट की बुनियाद तैयार करना सम्बद्ध है। यह निश्चित कर लें कि आप कम अनुभवी प्रचारक को तैयारी करने की मदद करते हैं और फिर उसके साथ पुनःभेंट करने जाएँ। अगर अध्ययन शुरू किया जाता है और नया प्रचारक अब भी अपनी क़ाबिलियत के बारे में कुछ-कुछ संदिग्ध है, तो शायद ज़्यादा अनुभवी प्रचारक अध्ययन को कुछ बार संचालित करना चाहेगा उस वक़्त तक जब नया व्यक्ति इसका भार उठाने के क़ाबिल बन जाए।
६ संघटन में नए व्यक्तियों का तेज़ी से अधिक मात्रा में आने से, क्षेत्र सेवकाई में ज़बरदस्त शिक्षण देने की अक़्लमन्दी स्वस्पष्ट बन जाती है। ऐसे लोगों से मदद की ज़रूरत है जिन्होंने प्रचार कार्य में अपनी दक्षता विकसित की है। अगर आप किसी की मदद कर सकते हैं, तो समय आने पर वह भी “औरों को सिखाने के योग्य” होगा।—२ तीमु. २:२.