मण्डली की पुस्तक अध्ययन व्यवस्था
भाग ५: सेवा अध्यक्ष की मुलाक़ात
सेवा अध्यक्ष को एक सुसमाचार प्रचारक और शिक्षक होना चाहिए। वह मण्डली को अपने नियत क्षेत्र में सुसमाचार प्रचार करने तथा सिखाने की उनकी ज़िम्मेदारी पूरा करने के लिए उनकी मदद करने में एक अहम भूमिका अदा करते हैं। (मरकुस १३:१०) जब वह अपनी ज़िम्मेदारी को संजीदगी से लेते हैं और हर कोई सहयोग देता है, तब सुसमाचार प्रस्तुत करने में प्रचारक अधिक कौशल विकसित करेंगे और क्षेत्र में कार्य अधिक अच्छी तरह से पूरा किया जाएगा।
२ सेवा अध्यक्ष क्षेत्र सेवा में और भी अधिक कार्य उकसाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। मुख्यतः यह मण्डली की पुस्तक अध्ययन व्यवस्था के ज़रिए पूरा किया जाता है। आम तौर से, सेवा अध्यक्ष को पुस्तक अध्ययन संचालित करने का भार सौंपा जाता है, लेकिन महीने में एक बार उनका सहायक उनका स्थान ले सकता है जब वह एक और समूह से मुलाक़ात कर रहे होते हैं।—km ११/८१ पृष्ठ १, ७.
३ मुलाक़ात के लिए तैयारी: इस मुलाक़ात के सप्ताह से पहले, सेवा अध्यक्ष को इस समूह से सम्बन्धित लोगों के मण्डली के पब्लिशर रिकार्ड कार्डों की जाँच करनी चाहिए। उन्हें संचालक से मिलने और इस समूह के साथ जुड़े प्रचारकों के कार्य का पुनरीक्षण करने का प्रबन्ध भी करना चाहिए। संचालक सेवा अध्यक्ष को किसी भी सेवा-सम्बन्धी समस्याओं से या ज़रूरतों से वाक़िफ़ करा सकता है जो रिकार्ड कार्डों से शायद ज़ाहिर न हों। अध्ययन के संचालक को याद दिलाया जाना चाहिए कि अध्ययन की अवधि सिर्फ़ ४५ मिनट की होगी ताकि सेवा अध्यक्ष १५-मिनट का एक सेवा भाषण दे सके।
४ यह भाषण सेवकाई के लिए अधिक मूल्यांकन प्रोत्साहित करने की चेष्टा करेगा। अगर प्रचारकों को सेवकाई की कुछेक विशेषताओं में सहायता की ज़रूरत हो, तो सेवा अध्यक्ष को कुछ व्यावहारिक सुझाव देने चाहिए जिस से सुधार किया जा सके। उसकी टिप्पणी सकारात्मक और प्रोत्साहक होनी चाहिए ताकि वह किसी को नकारात्मक टिप्पणी से निरुत्साह न कर दे। यह उनकी मुलाक़ात के उद्देश्य को व्यर्थ ही कर देगा। उनके भाषण में हर किसी को सुधरने का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
५ सेवा अध्यक्ष अपने कार्यक्रम के समयानुसार ज़्यादा से ज़्यादा भाई-बहनों को व्यक्तिगत ध्यान देने की कोशिश करते हैं। वह सेवा में विभिन्न लोगों के साथ काम करने के लिए तिथि और समय निर्धारित कर सकते हैं। प्रचारकों के साथ घर-घर कार्य करते समय वह शायद उन्हें अपनी प्रस्तुति सुधारने के तरीक़ों के विषय में एक या दो मददपूर्ण सुझाव दे सकते हैं। यह नुक़ताचीनी के भाव से नहीं लेकिन मददपूर्ण होने की एक सच्ची इच्छा से दिया जाना चाहिए। वह प्रचारकों के साथ उनकी पुनःभेंट और बाइबल अध्ययनों के लिए जाने का भी प्रस्ताव रखेंगे। अगर लगता है कि समूह के किसी भी व्यक्ति को निजी सहायता की ज़रूरत हो, तो उस सप्ताह के दौरान उनकी मदद करने के लिए वह एक चरवाहा के तौर से उन से मुलाक़ात कर सकते हैं। उसके बाद, वह दिए गए सुझावों के बारे में संचालक को बता सकते हैं। स्नेही, और निजी ध्यान कुछ लोगों के लिए एक प्रेरणा रही है, जो अपनी क्षेत्र सेवा में धीमे पड़ गए हैं।
६ सेवा की सभा: उस सप्ताह में सेवा की सभाओं को सेवा अध्यक्ष द्वारा संचालित किए जाने चाहिए। अगर बहुत ही कम लोग उपस्थित हों, तब भी इन्हें समय पर शुरू किया जाना चाहिए। सभा को १० से १५ मिनट से ज़्यादा होना नहीं चाहिए। दैनिक पाठ पर विचार-विमर्श करना या न करना अपनी पसंद पर निर्भर है। समूह को विदा करने से पहले, हर किसी को मालूम होना चाहिए कि वह कहाँ और किस के साथ काम कर रहा है। (१ कुरि. १४:३३, ४०) सेवा अध्यक्ष हर एक को बिना देर किए क्षेत्र सेवा करने के हेतु निकलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
७ पुस्तक अध्ययन समूहों में सेवा अध्यक्ष की नियमित मुलाक़ातें मण्डली के लिए एक असली आशिष हो सकता है। उनकी मुलाक़ात के समय हम में से हर एक का उन से सहयोग करने से हमारी सेवकाई सुव्यवस्थित और प्रभावकारी होगी। इसके अलावा, उन्हें अपने काम से आनन्द मिलेगा। (इब्रा. १३:१७) भेड़-समान लोगों को एकत्र किया जाएगा, और हमें यह जानने का आनन्द प्राप्त होगा कि हम ने सुननेवाले हर किसी को सुसमाचार सुनाने के हेतु हमारे नियतकार्य को पूरा किया है।—यशा. ६१:१, २; यहेज. ९:११; यूहन्ना १७:२६.