पुनःभेंट की ज़िम्मेदारी स्वीकार करें
पुनःभेंट करने में यथासंभव पूरा-पूरा हिस्सा लेने के कई प्रेरक कारण हैं। हम उस काम को, जो हमें करने को दिया गया है, उसी तरह संपूर्ण रूप से पूरा करना चाहते हैं, जैसे पौलुस ने किया। (प्रेरितों २०:२१, २४) अगर हम सभी दिलचस्पी रखनेवाले लोगों को पुनःभेंट करने में अध्यवसायी होंगे, तो हम अपनी सेवकाई को पूरा करने की कोशिश करते समय एक अच्छा अन्तःकरण बनाए रखेंगे।—२ तीमु. ४:५.
२ जानकारी से हम ज़िम्मेदार बन जाते हैं: इस तथ्य से कि जानें जाख़िम में हैं, हमें पुनःभेंट करने में अध्यवसायी होने के लिए प्रेरित होना चाहिए। (यूहन्ना १७:३) यहोवा के न्यायदण्ड और आरमागेडोन की निकटता के बारे में हमारी जानकारी से हमें न सिर्फ़ बुरे लोगों को चेतावनी देने, लेकिन पृथ्वी पर होनेवाले ‘सब घृणित कामों के कारण जो लोग आह भरते और दुःख के मारे चिल्लाते हैं,’ उनकी मदद करने के लिए प्रेरित होना चाहिए। (यहेज़. ९:४) उन्हें यहोवा के दृश्य संगठन के साहचर्य में लाए जाने की ज़रूरत है।
३ परिशुद्ध रूप से सच्चाई समझने के लिए लोगों को मदद की ज़रूरत है। (प्रेरितों ८:३०, ३१; १८:२६) वापस जाने और सच्चाई के उन बीजों को, जो बोए गए थे, “सींचने” की अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकारने का यह एक और कारण है। खुद हम ने कितनी प्रगति की होती अगर किसी ने बार-बार वापस आकर हमें यहोवा और उनके अद्भुत उद्देश्यों के बारे में परिशुद्ध ज्ञान हासिल करने की मदद न की होती?—मत्ती ७:१२.
४ प्रेम और उत्साह दर्शाएँ: पुनःभेंट करना लोगों के लिए हमारे प्रेम को दर्शाने का एक उत्तम तरीक़ा है। एक नियमित पायनियर की हैसियत से सेवा करनेवाले एक अन्धे भाई ने कहा: “मेरे बपतिस्मा से लेकर, मेरी इच्छा दूसरों को वह सब बताने की है, जो मैं ने बाइबल में से सीखा था। मैं खुश था कि मेरे अन्धेपन ने मुझे ऐसा करने से न रोका। . . . मैं ने सड़क के हर घर का एक मानसिक रिकार्ड भी रखना सीखा, और इस रीति से, मैं उन लोगों से पुनःभेंट कर सका जो बाइबल अध्ययन में दिलचस्पी रखते हैं।” यह अन्धा भाई सचमुच ही अपने दिल से देख सकता है, और वह पुनःभेंट करने और दूसरों के लिए अपना मसीही प्रेम व्यक्त करने से पीछे नहीं हटता।
५ पुनःभेंट करते समय, हमें बाइबल का अच्छा उपयोग करने और, हम में जो आशा है, उसका कारण बताने के लिए अकसर अवसर मिलता है। (१ पत. ३:१५) यह न सिर्फ़ गृहस्थ की मदद करता है लेकिन सच्चाई के लिए खुद अपने उत्साह और क़दरदानी को जोश दिलाता है। पुनःभेंट करने से ऐसा हर्ष मिलता है जो किसी दूसरी रीति से नहीं पाया जा सकता। और उस हर्ष के स्तर को कभी कम होने की ज़रूरत नहीं है। हमारा उत्साहपूर्वक पुनःभेंट करने से इसे हमेशा ताज़ा किया जा सकता है।—नीति. १०:२२.
६ हमें पुनःभेंट करने की अपनी ज़िम्मेदारी को गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए। यहोवा के लोग दूसरों का भला करने से पीछे नहीं हटते, और यह १९९१ के सेवा वर्ष के दौरान हमारे विश्वव्यापी क्रिया-कलाप से देखा जा सकता है। (नीति. ३:२७) हम ने ३४,४९,२६,९५२ पुनःभेंट किए, और ३९,४७,२६१ गृह बाइबल अध्ययन संचालित किए। यहोवा के प्रति समर्पण करनेवाले ३,००,९४५ नए शिष्य थे, जिन्होंने बपतिस्मा लिया। यह बढ़िया वृद्धि कभी न घटती अगर पुनःभेंट करने की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करने के लिए हमारी तत्परता न रही होती।—१ थिस्स. २:८.