बाइबल विद्यार्थियों को अपने अध्ययन की तैयारी करने के लिए सहायता कीजिए
बाइबल विद्यार्थी जो हर सप्ताह अपने अध्ययन के लिए तैयारी करते हैं अध्ययन में सच्ची दिलचस्पी प्रदर्शित करते हैं और वे अकसर उनसे ज़्यादा तेज़ आध्यात्मिक प्रगति करते हैं जो तैयारी नहीं करते। कभी-कभी एक विद्यार्थी तैयारी नहीं करता क्योंकि वह नहीं जानता कि तैयारी कैसे की जाए। शायद उसे तैयारी कैसे की जाए यह सिखाना आवश्यक हो। यह कैसे किया जा सकता है?
२ शुरूआत से ही, थोड़ा समय लीजिए यह निश्चित करने के लिए कि विद्यार्थी समझता है कि तैयारी में व्यक्तिगत अभ्यास सम्मिलित है। कई लोगों को, पढ़ना आता है फिर भी, उन्हें अध्ययन करना सिखाया नहीं गया है। थियोक्रैटिक मिनिस्ट्री स्कूल गाइडबुक में पृष्ठ ३३-४३ पर कई उपयोगी सुझाव दिए हैं, जो आप विद्यार्थी को ज़रूरत के अनुसार दे सकते हैं।
३ विद्यार्थी को अध्ययन का मूल्य दिखाइए: आप विद्यार्थी को अपनी अध्ययन पुस्तक दिखा सकते हैं जिसमें आपने मुख्य शब्द और वाक्यांशों को रेखांकित किया है। उसे दिखाइए कि कैसे चिह्नित भागों को एक नज़र देखना ही उसे उन विचारों की याद दिला सकता है जिन्हें वह अपने शब्दों में ज़ाहिर कर सकेगा। इस तरह वह सवालों के जवाब देते वक़्त पुस्तक से सारे भाग पढ़ने के लिए आकर्षित नहीं होगा। इस चरण के दौरान उचित प्रशिक्षण उसे बाद में कलीसिया सभाओं में अर्थपूर्ण टिप्पणियाँ करने में सहायता करेगा। उसकी टिप्पणियाँ विचार किए जा रहे विषय के लिए क़दर प्रतिबिम्बित करेंगी और उसकी समझ की गहराई को सूचित करेंगी।
४ उसे बाइबल का प्रयोग करना सिखाइए: विद्यार्थी को यह सीखने की ज़रूरत है कि अध्ययन विषय में उल्लिखित शास्त्रवचनों को कैसे ढूँढे। जब वह यह कुशलतापूर्वक कर सकता है, वह इस बात की और अधिक क़दर करेगा कि वह वाक़ई एक बाइबल का विद्यार्थी है। हालाँकि शुरूआत में उसे बाइबल के आरंभ में दी गई सूची का उपयोग करने की ज़रूरत पड़े, विद्यार्थी को ६६ बाइबल पुस्तकों के अनुक्रम से परिचित होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जब वह एक शास्त्रवचन खोलकर पढ़ता है, उसे वह भाग पहचानने में सहायता कीजिए जो विचार किए जा रहे अनुच्छेद में दिए गए मुद्दे का समर्थन करता है और उन भागों द्वारा उसका ध्यान भंग न हो जो प्रत्यक्षता मौजूदा अध्ययन से सीधे संबंधित नहीं हैं।
५ जैसे-जैसे विद्यार्थी प्रगति करता है, शुरूआत से अंत तक बाइबल पढ़ने के लिए उसे प्रोत्साहित कीजिए। इस बात पर ज़ोर दीजिए कि सम्पूर्ण बाइबल परमेश्वर का प्रेरित वचन है और कि सच्चे मसीहियों को इससे आध्यात्मिक रूप से पोषित होना चाहिए।—मत्ती ४:४; २ तीमु. ३:१६, १७.
६ अन्य ईश्वरशासित संदर्भ-पुस्तकों का परिचय कराइए: जब एक विद्यार्थी पर्याप्त रूप से प्रगति कर चुका है, वह अन्य ईश्वरशासित संदर्भ पुस्तकें इस्तेमाल करना शुरू कर सकता है। समझदारी से, उसे संस्था के उन प्रकाशनों से अतिरिक्त जानकारी ढूँढने के लिए प्रोत्साहित कीजिए जिनसे वह कलीसिया सभाओं में उपस्थित होते वक़्त परिचित होगा। उसे न्यू वर्ल्ड ट्रान्सलेशन की विशिष्ट विशेषताओं का उपयोग करना सिखाइए, जैसे कि बाइबल वर्डस् इन्डेक्सड् (Bible Words Indexed)। जैसे-जैसे वह खुद अपनी ईश्वरशासित लाइब्ररी बनाना शुरू करता है, उसे दिखाइए कि कॉम्प्रिहेन्सिव कॉनकार्डन्स (Comprehensive Concordance), रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिप्चर्स्, इन्डेक्स् (Index) और इन्साइट (Insight) के खण्डों को कैसे इस्तेमाल करना है।
७ अपने बाइबल अध्ययन की तैयारी कैसे करें, यदि यह हम अपने बाइबल विद्यार्थियों को सिखाएँ, तो हम उन्हें उनका व्यक्तिगत गृह बाइबल अध्ययन समाप्त होने के बाद भी योग्य बाइबल विद्यार्थियों की तरह सत्य में प्रगति करते रहने के लिए सुसज्जित करेंगे।