हमारी पत्रिकाओं का सर्वोत्तम प्रयोग कीजिए
जब आप एक समाचार-पत्र पटल के पास आते हैं, तो आप क्या देखते हैं? पत्रिकाएँ। सड़क के किनारे दुकान में, कौन-सी चीज़ आपको आकर्षित करती है? पत्रिकाएँ। कौन-सी चीज़ डाकिए को उसके डाक-थैले के बोझ तले झुका देती है? पत्रिकाएँ। अतः, अनेक लोग क्या पढ़ रहे हैं? पत्रिकाएँ। सर्वेक्षण दिखाते हैं कि १० और १८ के बीच की उम्र के १० में से ९ युवा, और उतने ही प्रतिशत में वयस्क हर महीने कम-से-कम एक पत्रिका पढ़ते हैं। संसार पत्रिका-सचेतन है।
२ क्या हम सत्हृदयी लोगों को प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के प्रति सचेत कर सकते हैं? जी हाँ, अगर हम प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के प्रति सचेत हैं। क्या बात हमारी मदद कर सकती है? इन सुझावों पर विचार कीजिए:
▪ पत्रिकाएँ पढ़िए: एक सफ़री ओवरसियर ने रिपोर्ट किया कि उसके सर्किट में औसतन ३ में से केवल १ प्रकाशक प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! की हर प्रति को शुरू से अन्त तक पढ़ता है। क्या आप पढ़ते हैं? जब आप प्रत्येक लेख पढ़ते हैं, अपने आप से पूछिए, ‘कौन इस जानकारी की क़दर करेगा—एक माँ, एक नास्तिक, एक व्यापारी, एक युवा?’ अपनी व्यक्तिगत प्रति में, एक या दो मुद्दों को चिन्हित कीजिए जो आप पत्रिका को प्रस्तुत करते वक़्त प्रयोग कर सकते हैं। उसके बाद सोचिए कि आप कैसे केवल एक या दो वाक्यों में उस विषय में दिलचस्पी जगा सकते हैं।
▪ एक निर्धारित पत्रिका आर्डर रखिए: पत्रिकाओं की देख-रेख करनेवाले भाई को हर अंक की प्रतियों की निर्धारित संख्या का एक उचित आर्डर दीजिए। इस प्रकार, आपके और आपके परिवार के पास पत्रिकाओं की नियमित और पर्याप्त सप्लाई होगी।
▪ नियमित पत्रिका दिन आयोजित कीजिए: अनेक कलीसियाओं ने एक निश्चित दिन मुख्यतः पत्रिका गवाही कार्य के लिए अलग रखा हुआ है। क्या आप कलीसिया के पत्रिका दिन का समर्थन कर सकते हैं? अगर नहीं, तो कोशिश कीजिए कि समय-समय पर कुछ सेवा समय का प्रयोग पत्रिका सड़क गवाही कार्य और दर-दर और पत्रिका-मार्ग दोनों में पत्रिकाओं के व्यक्तिगत वितरण के लिए करें।
▪ “प्रहरीदुर्ग” और “सजग होइए!” सचेतन बनिए: यात्रा करते समय या ख़रीदारी करते समय अपने साथ पत्रिकाओं की प्रतियाँ ले जाइए। सहकर्मियों, पड़ोसियों, सहपाठियों, या शिक्षकों से बात करते वक़्त उन्हें पेश कीजिए। एक दम्पति जो अकसर यात्रा करते हैं, किसी एक सामयिक पत्रिका में से किसी मुद्दे का प्रयोग उनके पास बैठे यात्री के साथ बातचीत शुरू करने के लिए करते हैं। उन्होंने अनेक आनन्ददायक अनुभवों का मज़ा उठाया है। कुछ युवा लोग नियमित रूप से स्कूल में ऐसे लेख ले आते हैं जो वे महसूस करते हैं कि उनके शिक्षकों को या संगी विद्यार्थियों को दिलचस्प लगेंगे। अपने पड़ोस की दुकानों में भेंट करते समय भी प्रतियाँ अपने साथ रखिए, और अपना काम ख़त्म कर लेने के बाद उन्हें व्यापारियों को पेश कीजिए। हम में से अनेक जन नियमित रूप से पेट्रोल भरवाते हैं; क्यों न पेट्रोल पम्प के कर्मचारी को पत्रिकाएँ पेश करें? जब रिश्तेदार मिलने आते हैं, जब आप सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करते हैं, या जब आप किसी से मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं तो पत्रिकाओं को पास ही रखिए। क्या आप अन्य उपयुक्त अवसरों के बारे में सोच सकते हैं?
▪ एक संक्षिप्त पत्रिका प्रस्तुति तैयार कीजिए: थोड़ा ही कहने की योजना बनाइए, लेकिन अच्छी तरह कहिए। उत्साही बनिए। हृदय को आकर्षित कीजिए। स्पष्ट रहिए। एक लेख में से एक विचार लीजिए, उसे थोड़े शब्दों में व्यक्त कीजिए, और पत्रिकाएँ पेश कीजिए। सर्वोत्तम प्रस्तुति एक दिलचस्प विषय पर सवाल उठाती है और फिर एक लेख की ओर संकेत करती है जो एक शास्त्रीय जवाब देता है। ऐसा कैसे किया जा सकता है इसके चंद उदाहरणों पर विचार कीजिए:
३ अगर आप बढ़ती अपराध दर पर एक लेख को विशिष्ट कर रहे हैं, आप पूछ सकते हैं:
▪ “रात के समय अपराध के भय के बिना हम सो पाएँ यह संभव करने के लिए किस बात की ज़रूरत है?” गृहस्वामी स्थिति के बेहतर होने के बारे में शायद निराशावादी हो। आप जवाब दे सकते हैं कि अनेक लोग ऐसा ही महसूस करते हैं और फिर कह सकते हैं कि आपके पास कुछ ऐसी जानकारी है जिसमें आपको लगता है कि उसे दिलचस्पी होगी। उसके बाद लेख में एक उपयुक्त मुद्दे का ज़िक्र कीजिए।
४ पारिवारिक जीवन पर एक लेख पेश करते वक़्त आप कह सकते हैं:
▪ “अनेक लोग पाते हैं कि इन दिनों रोज़ी-रोटी कमाना और परिवार का पालन-पोषण करना एक वास्तविक चुनौती है। इस विषय पर अनेक किताबें लिखी गयी हैं, लेकिन विशेषज्ञ भी हमारी समस्याओं के समाधान पर सहमत नहीं होते। भरोसे का मार्गदर्शन पाने के लिए हम कहाँ जा सकते हैं?” उसके बाद पत्रिका में एक विशिष्ट टिप्पणी दिखाइए।
५ किसी सामाजिक समस्या पर लेख पेश करते वक़्त आप यह तरीक़ा अपना सकते हैं:
▪ “आज अधिकांश लोग दबाव के अधीन हैं। परमेश्वर ने कभी नहीं चाहा था कि हम इस तरह जीएँ।” उसके बाद बताइए कि लेख का विषय कैसे अब जीवन की समस्याओं का सामना करने में हमारी मदद कर सकता है और भविष्य में एक स्थायी समाधान की आशा दे सकता है।
६ सड़क गवाही कार्य प्रभावकारी है: इन्फ़ॉर्मन्ट (हमारी राज्य सेवकाई) के जनवरी १९४० के अंक में प्रकाशकों को पहली बार प्रोत्साहित किया गया था कि हर सप्ताह पत्रिकाओं का प्रयोग करते हुए सड़क गवाही कार्य के लिए एक ख़ास दिन निर्धारित करें। क्या आप समय-समय पर सड़क गवाही कार्य में भाग लेते हैं? अगर आप लेते हैं, तो जो तरीक़ा आप प्रयोग करते हैं क्या वह सचमुच प्रभावकारी है? कुछ प्रकाशकों को एक भीड़-भाड़ वाली सड़क के किनारे, एक दूसरे से बातचीत करते, खड़े हुए देखा गया है, जबकि अनेकों लोग यों ही गुज़रते जा रहे थे। पत्रिकाओं के साथ पास-पास खड़े रहने के बजाय, अलग होना और लोगों के पास जाना ज़्यादा प्रभावकारी होता है। अगर उनके पास केवल एक व्यक्ति आता है तो अजनबी शायद रुककर थोड़ी देर सुनें, लेकिन बहुत कम व्यक्ति बातचीत में मस्त एक समूह के पास आने की पहल करेंगे। क्योंकि हम सड़क पर बहुत ध्यान आकर्षित करते हैं, अच्छे बनाव-श्रंगार और शालीन पहनावे की ख़ास ज़रूरत है जैसा परमेश्वर के सेवकों के लिए उपयुक्त है।—१ तीमु. २:९, १०.
७ दरवाज़ों पर पत्रिकाएँ वितरित करना: सड़क गवाही कार्य पत्रिकाएँ पेश करने का एकमात्र तरीक़ा नहीं है, वे घर-घर की सेवकाई में भी पेश की जा सकती हैं और की जानी चाहिए। उनके घरों में लोगों से मिलते वक़्त हम सामान्यतः तीन से आठ मिनट के लिए बात करने, एकाध शास्त्रवचन दिखाने, और उस महीने के लिए सुझायी गयी भेंट को प्रस्तुत करने की योजना बनाते हैं, चाहे वह किताब, पुस्तिका या अभिदान हो। लेकिन जब कलीसिया एक पत्रिका दिन निर्धारित करती है, (अनेक कलीसियाएँ हर शनिवार ऐसा करती हैं,) तो केवल पत्रिकाएँ पेश करते हुए आप दोपहर में सड़क कार्य करने का, परन्तु सुबह के वक़्त घर-घर कार्य करने का चुनाव कर सकते हैं। ऐसे पत्रिका कार्य के दौरान, दरवाज़ों पर हमारी प्रस्तुति संक्षिप्त होगी—केवल ३० से ६० सेकन्ड की—और पत्रिकाएँ सामान्यतः शास्त्रवचन दिखाए बिना पेश की जाएँगी। दिलचस्पी को लिख लिया जाना चाहिए और दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों पर फिर से भेंट की जानी चाहिए। या उसी क्षेत्र में बाद में कभी कार्य किया जा सकता है, कुछ कम गति से, अभियान साहित्य का प्रयोग करते हुए। लेकिन दर-दर तेज़ पत्रिका कार्य के महत्त्व को कभी कम नहीं समझा जाना चाहिए। असल में, सड़क गवाही कार्य की तुलना में, दरवाज़ों पर पत्रिकाएँ पेश करना अकसर पत्रिका मार्ग आरम्भ करना आसान बनाता है।
८ पत्रिका मार्ग: जिनके पास एक पत्रिका मार्ग होता है वे क्षेत्रों के नियमित रूप से कार्य किए जाने पर भी अनेक पत्रिकाएँ देते हैं। पत्रिका मार्ग संभव गृह बाइबल अध्ययन का एक अत्युत्तम स्रोत हैं।
९ जब आप पत्रिकाएँ देने के लिए नियमित पुनःभेंट करते हैं, तो आप गृहस्वामी और अपने बीच के स्नेह और मित्रता को बढ़ता हुआ पाएँगे। आप जितना बेहतर परिचित होते हैं, शास्त्रीय विषयों के बारे में बातचीत करना उतना ही आसान होगा। यह एक फलदायी गृह बाइबल अध्ययन शुरू करने की ओर ले जाएगा। जिन पुनःभेंटों पर पत्रिकाओं के लिए मूल्यांकन स्पष्ट होता है, वहाँ एक अभिदान पेश कीजिए। और याद रखिए, हर बार जब आप गृहस्वामी से सम्पर्क करते हैं आप एक पुनःभेंट रिपोर्ट कर सकते हैं।
१० एक बहन नियमित रूप से एक ऐसी स्त्री के पास पत्रिकाएँ लेकर जाती रही जो उन्हें हमेशा स्वीकार करती थी लेकिन कहती थी: “जो आप मुझे बता रही हैं मैं उस पर विश्वास नहीं करती।” बाद में एक भेंट करते वक़्त, बहन ने उसके पति को घर पर पाया। मैत्रीपूर्ण बातचीत के बाद, एक बाइबल अध्ययन आरम्भ करने के प्रबन्ध किए गए। उस बहन ने उनके तीन बेटों से दोस्ती कर ली जो अध्ययन में शामिल होने के लिए आए। आख़िरकार, माँ और उसके बेटों ने यहोवा को अपना जीवन समर्पित किया और बपतिस्मा लिया। आज तक, परिवार के ३५ सदस्यों ने सत्य को स्वीकार किया है। यह सब हुआ क्योंकि उस बहन ने अपने पत्रिका मार्ग पर पुनःभेंट की!
११ पत्रिका मार्ग शुरू करने के अनेक तरीक़े हैं। आप अपने वितरणों का केवल रिकार्ड रखने के द्वारा और नवीनतम अंकों के साथ हर दो सप्ताह लौटने का प्रबन्ध करने के द्वारा एक मार्ग शुरू कर सकते हैं। एक तरीक़ा है “हमारे अगले अंक में” शीर्षक के नीचे की जानकारी का प्रयोग करना। जब आप लौटते हैं, तो गृहस्वामी से कहिए कि आपने पहले जिस लेख का ज़िक्र किया था वह आपके पास है। या, पुनःभेंट करते वक़्त आप कह सकते हैं: “जब मैं ने यह लेख पढ़ा, तो मैं ने सोचा कि शायद यह आपको दिलचस्प लगे . . . ” उसके बाद लेख पर चंद संक्षिप्त टिप्पणियाँ कीजिए और उसे पेश कीजिए। जब आप पुनःभेंट पूरी कर लेते हैं, तो पाँच सरल बातें अपने घर-घर रिकार्ड पर लिख लीजिए: (१) गृहस्वामी का नाम, (२) गृहस्वामी का पता, (३) भेंट की तारीख़, (४) दिए गए अंक, और (५) पेश किया गया लेख। कुछ प्रकाशक पत्रिका मार्ग विकसित करने में बहुत ही सफल रहे हैं, और उन्होंने अपनी सूची पर ४० या अधिक पुनःभेंट इकट्ठी की हैं!
१२ व्यवसाय क्षेत्र: व्यवसाय क्षेत्र में कार्य करनेवाले प्रकाशकों द्वारा अनेक पत्रिकाएँ दी गयी हैं। क्या आपने दुकान-दुकान कार्य किया है? रिपोर्ट सूचित करते हैं कि कुछ कलीसियाओं में, सेवा के इस पहलू में सहयोग काफ़ी सीमित है। पहले-पहल, कुछ लोग व्यावसायिक लोगों से भेंट करने के बारे में आशंकित होते हैं, लेकिन कुछ बार कोशिश करने के बाद, उन्हें यह दिलचस्प और लाभप्रद लगता है। क्यों न एक अनुभवी प्रकाशक या पायनियर से शुरू करने के लिए आपकी मदद करने को कहें?
१३ दुकान से दुकान कार्य करने के अनेक लाभ हैं। कम-से-कम व्यापार के समय के दौरान, बहुत कम घर-पर-नहीं होते हैं! व्यापारी और दुकानदार चाहे वे विशेष रूप से दिलचस्पी न रखते हों फिर भी वे सामान्यतः शिष्ट होते हैं। दिन में जल्दी शुरू कीजिए; आपसे शायद बेहतर रीति से व्यवहार किया जाए। अपना परिचय देने के बाद, आप शायद कहें कि व्यापारी मुश्किल ही घर पर मिलते हैं, इसलिए प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के नवीनतम अंकों को पेश करने के लिए आप उनसे उनके कार्य-स्थल पर केवल चंद मिनटों के लिए भेंट कर रहे हैं। बताइए कि अनेक व्यापारी हमारी पत्रिकाओं की क़दर करते हैं क्योंकि उन्हें संसार की घटनाओं की ताज़ा जानकारी की ज़रूरत होती है लेकिन पढ़ने के लिए उनके पास थोड़ा ही समय होता है। ये पत्रिकाएँ एक नए दृष्टिकोण से विचारोत्पादक जानकारी, बिना किसी धार्मिक, राजनीतिक, या व्यावसायिक पक्षपात के प्रस्तुत करती हैं। व्यवसाय क्षेत्र में दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों के साथ एक पत्रिका मार्ग विकसित किया जा सकता है।
१४ परिवार के तौर पर तैयारी कीजिए: नवीनतम पत्रिकाओं के कौन-से लेख आपके क्षेत्र में प्रयोग के लिए उपयुक्त हो सकते हैं इसकी चर्चा करने के लिए, आपके पारिवारिक अध्ययन में कुछ समय अलग रखा जा सकता है। परिवार के सदस्य—जिनमें बच्चे भी शामिल हैं—बारी-बारी अपनी प्रस्तुतियों और उठायी जानेवाली ऐसी सामान्य आपत्तियों का सामना करने का अभ्यास कर सकते हैं, जैसे कि: “मैं व्यस्त हूँ,” “हमारा अपना धर्म है,” या “मुझे दिलचस्पी नहीं है।” अच्छा सहयोग पूरे परिवार के लिए पत्रिका वितरण में नियमित भाग लेना संभव बना सकता है।
१५ पुस्तक अध्ययन संचालक मदद कर सकते हैं: जहाँ कहीं व्यावहारिक हो, पत्रिका दिन पर पुस्तक अध्ययन स्थानों पर या क्षेत्र के निकट किसी प्रकाशक के घर में क्षेत्र सेवा के लिए सभाएँ आयोजित कीजिए, बजाय इसके कि सारी कलीसिया राज्यगृह में मिले। क्षेत्र सेवा के लिए सभाएँ लेनेवालों को समूह के लिए विशेष सुझावों के साथ अच्छी तरह तैयार होना चाहिए। इनमें एक उदाहरण-प्रस्तुति और सामयिक अंकों से एक या दो मुद्दे शामिल हो सकते हैं जिनका प्रयोग स्थानीय रूप से दिलचस्पी जगाने के लिए किया जा सकता है। क्षेत्र सेवा के लिए सभाएँ—जिसमें समूह को संगठित करना शामिल है—संक्षिप्त होनी चाहिए, और १० से १५ मिनट से ज़्यादा समय तक नहीं चलनी चाहिए। अध्ययन संचालकों को यह निश्चित करना चाहिए कि पर्याप्त क्षेत्र है ताकि समूह पूरी क्षेत्र सेवा अवधि के लिए व्यस्त रहेगा।
१६ पत्रिकाओं के लिए क़दर दिखाइए: “प्रहरीदुर्ग और अवेक! का अच्छा प्रयोग करना” लेख ने, जो हमारी राज्य सेवकाई के जुलाई १९९३ के अंक में प्रकाशित हुआ था, यह महत्त्वपूर्ण मुद्दा स्पष्ट किया: “चाहे प्रहरीदुर्ग और अवेक! के अंक अपनी तारीख़ से एक या दो महीने में वितरित न भी किए गए हों, उनका मूल्य घटता नहीं है। उनमें पायी जानेवाली जानकारी समय के बीतने के साथ-साथ कम महत्त्वपूर्ण नहीं होती। . . . पुरानी पत्रिकाओं का ढेर लगने देना और उनको कभी भी प्रयोग न करना, इन मूल्यवान यंत्रों के लिए मूल्यांकन की कमी दिखाता है। . . . पुराने अंकों को एक तरफ़ रखकर उन्हें भूल जाने के बजाय, क्या यह बेहतर न होगा कि हम उन्हें दिलचस्पी रखनेवाले लोगों के हाथ में देने . . . का ख़ास प्रयत्न करें?”
१७ आज अनेक सत्हृदयी लोग हैं जो सत्य की खोज में हैं। उन्हें सत्य की ओर ले आने के लिए शायद एक पत्रिका में मौजूद जानकारी की ही ज़रूरत हो! यहोवा ने हमें घोषित करने के लिए एक रोमांचकारी संदेश दिया है, और हमारी पत्रिकाएँ इस संदेश को दूसरों तक पहुँचाने में एक अहम भूमिका अदा करती हैं। क्या आप भविष्य में पत्रिका वितरण के लिए ज़्यादा सचेत होंगे? क्या आप इनमें से कुछ सुझावों को इसी सप्ताहांत में लागू करेंगे? अगर आप करेंगे तो आपको बहुतायत में आशीष प्राप्त होगी।
व्यावहारिक सुझाव:
▪ पहले से पत्रिकाएँ पढ़िए, और लेखों से परिचित हो जाइए।
▪ एक लेख चुनिए जो आपके समुदाय में सामान्य दिलचस्पी के किसी विषय पर बात करता है।
▪ एक प्रस्तुति तैयार कीजिए जो विभिन्न लोगों के लिए, चाहे पुरुष, स्त्री या युवा हों, उपयुक्त होगी। दिखाइए कि पत्रिका कैसे गृहस्वामी से सम्बन्धित है और कैसे सारा परिवार इसका आनन्द लेगा।
▪ जब अधिकांश लोग घर पर होते हैं, उस समय क्षेत्र सेवा कार्य में भाग लेने की योजना बनाइए। कुछ कलीसियाएँ पत्रिकाओं के साथ संध्या गवाही कार्य के लिए प्रबन्ध करती हैं।
▪ अपनी प्रस्तुति को छोटा और सटीक रखिए।
▪ बहुत तेज़ न बोलिए। अगर आपके श्रोता को दिलचस्पी नहीं है, तो तेज़ बोलने से कुछ नहीं होगा। तनाव-मुक्त रहने की कोशिश कीजिए, और गृहस्वामी को जवाब देने का अवसर दीजिए।
घर-घर पत्रिकाएँ पेश करना:
▪ एक मैत्रीपूर्ण मुस्कान और सुखद आवाज़ रखिए।
▪ पत्रिकाओं के बारे में उत्साही रहिए।
▪ धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से बात कीजिए।
▪ किसी एक विषय पर बात कीजिए; थोड़े में दिलचस्पी जगाइए, और गृहस्वामी को इसका महत्त्व दिखाइए।
▪ केवल एक लेख को विशिष्ट कीजिए।
▪ केवल एक पत्रिका विशिष्ट कीजिए, दूसरी को साथी के तौर पर पेश कीजिए।
▪ पत्रिकाएँ गृहस्वामी के हाथ में दीजिए।
▪ गृहस्वामी को बताइए कि आपका इरादा लौटने का है।
▪ अगर पत्रिकाएँ अस्वीकार की जाती हैं, तो एक मैत्रीपूर्ण, सकारात्मक समाप्ति कीजिए।
▪ घर-घर रिकॉर्ड पर सभी दिलचस्पी और वितरणों को लिखिए।
पत्रिकाएँ देने के अवसर:
▪ घर-घर गवाही कार्य
▪ सड़क गवाही कार्य
▪ दुकान-दुकान कार्य
▪ पत्रिका मार्ग
▪ संध्या गवाही कार्य
▪ पुनःभेंट करते वक़्त
▪ पहले के बाइबल विद्यार्थियों से भेंट करते वक़्त
▪ यात्रा, ख़रीदारी करते वक़्त
▪ रिश्तेदारों, सहकर्मियों, पड़ोसियों, सहपाठियों, शिक्षकों के साथ बात करते वक़्त
▪ सार्वजनिक परिवहन में, या प्रतीक्षालयों में