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  • हमें कलीसिया की ज़रूरत है
  • हमारी राज-सेवा—1995
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हमारी राज-सेवा—1995
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हमें कलीसिया की ज़रूरत है

कोरह के पुत्रों ने एक बार यहोवा की कलीसिया के लिए इस प्रकार अपना मूल्यांकन व्यक्‍त किया: “तेरे आंगनों में का एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है।” (भज. ८४:१०) उनके लिए, इसकी तुलना में संसार कुछ भी नहीं दे सकता था। यदि आपकी भी ऐसी भावनाएँ हैं, तो आपको कलीसिया को अपने जीवन का केन्द्रबिन्दु बनाना चाहिए।

२ अपनी शुरूआत से, मसीही कलीसिया ने प्रकट किया है कि उसे यहोवा की आशिष प्राप्त है। (प्रेरि. १६:४, ५) हम में से किसी को भी मसीही कलीसिया के प्रति कृतध्न नहीं होना चाहिए या ऐसा महसूस नहीं करना चाहिए कि यह हमें शारीरिक रूप से एकसाथ लाने का मात्र एक तरीक़ा है। हर समुदाय में यहोवा के साक्षियों के लिए कलीसिया प्रोत्साहन और शक्‍ति पाने का स्थान है। यह संयुक्‍त संगति का अवसर देती है ताकि हम यहोवा के द्वारा सिखाए जा सकें और राज्य गतिविधि के लिए संगठित हो सकें।—यशा. २:२.

३ मसीही कलीसिया हमें सच्चाई सिखाने के लिए एक बुनियादी माध्यम है। (१ तीमु. ३:१५) यीशु के ‘सभी’ अनुयायियों को ‘एक होना’ है—परमेश्‍वर के साथ, मसीह के साथ, और एक दूसरे के साथ एकता में होना है। (यूह. १७:२०, २१; यशायाह ५४:१३ से तुलना कीजिए।) चाहे हम संसार में जहाँ भी जाएँ, हमारे भाई बाइबल की शिक्षाओं और सिद्धान्तों को मानते हैं, और वे अपने आपको उसके अनुसार चलाते हैं।

४ शिष्य बनाने की हमारी कार्यनियुक्‍ति को पूरा करने के लिए हमें प्रशिक्षित और सज्जित किया जाता है। हर महीने, प्रहरीदुर्ग, सजग होइए! (अंग्रेज़ी), और हमारी राज्य सेवकाई शास्त्रीय चर्चाओं को शुरू करने में हमारी मदद करने के लिए सहायक जानकारी पेश करती हैं। सभाओं को इस तरह तैयार किया जाता है ताकि वे हमें यह दिखाएँ कि हम कैसे दिलचस्पी ढूँढें और विकसित करें। विश्‍वभर में जो वृद्धी हम देखते हैं, वह यह साबित करती है कि हमें इस कार्य में स्वर्गीय सहायता है।—मत्ती २८:१८-२०.

५ कलीसिया के ज़रिए, हम दैनिक प्रोत्साहन प्राप्त करते हैं जो हमें ‘प्रेम, और भले कामों में उस्काता’ है। (इब्रा. १०:२४, २५) परीक्षाओं में वफ़ादारी से धीरज धरने के लिए हमें मज़बूत किया जाता है। प्रेममय ओवरसियर हमें दबावों और चिन्ताओं का सामना करने में मदद करते हैं। (सभो. ४:९-१२) जब हमारे भटक जाने का ख़तरा होता है, तब हमें आवश्‍यक सलाह दी जाती है। कौन-सा दूसरा संगठन ऐसी प्रेममय परवाह प्रदान करता है?—१ थिस्स. ५:१४.

६ यह यहोवा की इच्छा है कि हम अपनी एकता को सुरक्षित रखने के लिए उसके संगठन के नज़दीक रहें। (यूह. १०:१६) हमारे प्रोत्साहन के लिए सफ़री ओवरसियरों को भेजना एक तरीक़ा है जिससे कलीसिया विश्‍वासयोग्य दास वर्ग के साथ संपर्क बनाए रखने में हमारी मदद करती है। प्रेममय निर्देशन के प्रति हमारा अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाना हमें ऐसी घनिष्ठता में एकसाथ लाता है जो हमें आध्यात्मिक रूप से मज़बूत रहने में मदद करती है।

७ हमारी आध्यात्मिक उत्तरजीविता के लिए कलीसिया अनिवार्य है। इससे दूर रहकर स्वीकार्य रूप से यहोवा की सेवा करना असंभव होगा। तो, आइए हम उसके नज़दीक रहें जिसे यहोवा ने प्रदान किया है। ऐसा हो कि हम उसके लक्ष्यों के सामंजस्य में कार्य करें और वहाँ हमें प्राप्त सलाह को निष्कपटता से लागू करें। इस तरीक़े से ही हम दिखा सकते हैं कि कलीसिया का हमारे लिए कितना महत्त्व है।—भज. २७:४.

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