नियमित सभा उपस्थिति —हमारे दृढ़ खड़े रहने के लिए आवश्यक
प्रेरित पौलुस ने हमसे “विश्वास में पक्के” बने रहने के लिए आग्रह किया। (तीतु. १:९, १३) कलीसिया सभाओं में हम हितकर विचारों पर ग़ौर करते हैं और निर्देशित किए जाते हैं कि कैसे हम आत्मिक हथियार को पूरी तरह से पहने रखें, ताकि हम ‘इब्लीस की युक्तियों के साम्हने दृढ़ खड़े रह सकें।’—इफि. ६:११; फिलि. ४:८.
२ सभाएँ वह प्रदान करती हैं जिसकी हमें ज़रूरत है: कलीसिया सभाओं में नियमित रूप से उपस्थित होना हमारे दृढ़ खड़े रहने के लिए आवश्यक है। (१ कुरि. १६:१३) सभाओं में परमेश्वर को धन्यवाद देने और उसकी स्तुति करने के लिए, और साथ ही कलीसिया तथा उसकी ज़रूरतों के हित में उससे निवेदन करने के लिए प्रार्थनाएँ की जाती हैं। (फिलि. ४:६, ७) जैसे-जैसे हम यहोवा की उपासना करते हैं, राज्य गीतों को गाने में शामिल होना हमें उत्साहित करता है और वह हमें अपने मनोभावों और भावनाओं को व्यक्त करने में समर्थ करता है। (इफि. ५:१९, २०) राज्यगृह में सभाओं के पहले और बाद में हमारा एकसाथ साहचर्य करना हमें प्रोत्साहित करता है, हमें मज़बूत करता है, और हमें ताज़गी देता है।—१ थिस्स. ५:११.
३ गत अप्रैल के ख़ास भाषण, “झूठे धर्म का अन्त निकट है,” ने सच्चाई के प्रेमियों के मन में बड़े बाबुल से बाहर निकलने के लिए तात्कालिक क़दम उठाने की अत्यावश्यकता को प्रभावशाली रूप से बिठाया। (प्रका. १८:४) जून और जुलाई के दौरान, उन प्रकाश-कौंधों पर प्रहरीदुर्ग के तीन अध्ययन लेखों की चर्चा करना कितना प्रेरक था जिन्होंने धर्मियों के मार्ग को प्रकाशमान किया है! (नीति. ४:१८) सोचिए कि हम ने कितना कुछ गवाँया होता अगर हम उन सभाओं में उपस्थित होने में लापरवाही दिखाते।
४ जैसे अपनी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित (अंग्रेज़ी) पृष्ठ ७२ में बताती है, ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल पूरी कलीसिया की जारी शिक्षा के लिए एक प्रबन्ध है। अभी, अंग्रेज़ी-भाषीय तालिका का एक पहलू, उद्घोषक (अंग्रेज़ी) पुस्तक का इस्तेमाल करने के द्वारा हमें संगठन के आधुनिक-दिन के इतिहास से अच्छी तरह परिचित होने में मदद देता है। हम इस शिक्षा के अवसर को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते।
५ हमारी सेवा सभा हमें सेवकाई में अधिक प्रभावकारी होने के लिए सज्जित करती है। यह बात उस सभा से सचित्रित हुई जिसमें हमें राज्य समाचार क्र. ३४ के व्यापक वितरण में हिस्सा लेने के लिए निर्देशन प्राप्त हुए। इस कार्य पर यहोवा ने बहुतायत में आशिष दी, जो विश्व-भर से मिले असाधारण परिणामों में दिखाई देता है। (२ कुरिन्थियों ९:६, ७ से तुलना कीजिए।) सभाओं में नियमित रूप से उपस्थित होनेवालों को प्रोत्साहित किया गया, और उन्होंने अभियान को दिए गए समर्थन को बढ़ाने में मदद की।
६ कलीसिया पुस्तक अध्ययन में, अत्यावश्यकता की हमारी भावना उन बातों से बढ़ती है जो हम प्रकाशितवाक्य पराकाष्ठा (अंग्रेज़ी) पुस्तक की मदद से परमेश्वर के वचन से सीख रहे हैं। संसार के दृश्य-पटल पर घटनाओं में तेज़ी पकड़ने की वजह से, हमें प्रकाशितवाक्य की अधिक गहन भविष्यवाणियों की पूर्ति को समझने की ज़रूरत है।
७ नियमित सभा उपस्थिति को प्राथमिकता दीजिए: अनेक देशों में जहाँ हमारे भाई परीक्षाओं को सह रहे हैं, अब भी समझते हैं कि प्रत्येक सप्ताह एकसाथ इकट्ठे होना उनके लिए कितना अत्यावश्यक है। उदाहरण के लिए, बुरूण्डी, रुवाण्डा, लाइबीरिया, तथा बॉसनीया और हर्ट्सगोवीना में सभाओं में प्रकाशकों की कुल संख्या से दो या तीन गुना ज़्यादा लोग उपस्थित होते हैं। इस प्रकार यहोवा भाइयों को एक आत्मा में दृढ़ बने रहने के लिए मदद देता है।—फिलि. १:२७; इब्रा. १०:२३-२५.
८ ऐसे किसी भी व्यक्ति को, जो शायद नियमित सभा उपस्थिति के प्रति लापरवाही दिखा रहा हो, इस रुख को सुधारने के लिए अभी क़दम उठाने चाहिए। (सभो. ४:९-१२) दृढ़ खड़े रहने के लिए, हमें प्रौढ़ लोगों के साथ परस्पर विनिमय की ज़रूरत है, जो नियमित सभा उपस्थिति प्रदान करती है।—रोमि. १:११.