स्मारक के लिए याद रखनेवाली बातें
स्मारक समारोह रविवार, मार्च २३ के दिन है। प्राचीनों को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
▪ सभा का समय निर्धारित करते वक़्त, इस बात का ध्यान रखिए कि स्मारक प्रतीक सूर्यास्त से पहले न दिए जाएँ।
▪ वक्ता के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति को समारोह के निश्चित समय और स्थान के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।
▪ उचित प्रकार की रोटी और दाखमधु लायी जानी चाहिए, और उन्हें तैयार रखा जाना चाहिए।—फरवरी १, १९८५ की प्रहरीदुर्ग, पृष्ठ २४ देखिए।
▪ प्लेटें, ग्लास, एक उपयुक्त मेज़ और मेज़पोश पहले ही हॉल में लाए और उचित स्थान पर पहले से रखे जाने चाहिए।
▪ राज्यगृह या सभा के लिए कोई अन्य स्थान को समय से पहले पूरी तरह साफ़ किया जाना चाहिए।
▪ परिचारकों और परोसनेवालों को पहले ही चुना जाना और सही तरीक़े और उनके कर्त्तव्यों के बारे में हिदायत दी जानी चाहिए।
▪ ऐसे कोई भी अभिषिक्त व्यक्ति जो अशक्त हैं, और उपस्थित होने में असमर्थ हैं, उन्हें रोटी और दाखमधु पेश करने का प्रबंध किया जाना चाहिए।
▪ जब एक ही राज्यगृह में एक से अधिक समारोहों का आयोजन किया जाता है, तो प्रतीक्षा-कक्ष, प्रवेश-द्वार, सभागृह के बाहर फुटपाथ, और गाड़ियाँ खड़ी करने के स्थान में अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचने के लिए कलीसियाओं के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए।