प्रगतिशील गृह बाइबल अध्ययन संचालित करना
वो क्या है जो तंज़ानिया की एक नर्स, अर्जेंटीना की एक युवती, और लैटविया की एक माँ के बीच समान है? १९९७ वार्षिकी (अंग्रेज़ी) (पृ. ८, ४६, और ५६) रिपोर्ट करती है कि तीनों ने अपने गृह बाइबल अध्ययन में तेज़ी से प्रगति की, जो कि ज्ञान पुस्तक से हर सप्ताह एक से ज़्यादा बार अध्ययन करने की उनकी उत्सुकता की बदौलत है। यह सिफ़ारिश की गई है कि जब कभी संभव हो, प्रकाशकों को प्रत्येक अध्ययन बैठक के दौरान पुस्तक के एक अध्याय की चर्चा करने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन, कुछ लोग इसे कठिन समझते हैं। हालाँकि बहुत कुछ प्रत्येक विद्यार्थी की परिस्थितियों और क्षमता पर निर्भर करेगा, लेकिन अनुभवी शिक्षकों ने निम्नलिखित सुझावों को काम में लाने से सफलता पाई है।
२ जैसा कि जून १९९६ की हमारी राज्य सेवकाई के अंतःपत्र में चर्चा की गई थी, यह ज़रूरी है कि आप अपने विद्यार्थी को अध्ययन की तैयारी करने के लिए प्रशिक्षित करें। शुरू-शुरू में ही, यह अच्छा होगा कि समझाएँ और प्रदर्शित करें कि यह कैसे किया जाता है। उन्हें अपनी ज्ञान पुस्तक की निजी अध्ययन प्रति दिखाइए। पहला पाठ उसके साथ तैयार कीजिए। विद्यार्थियों को ऐसे मुख्य शब्द या वाक्यांश ढूँढ़ने में मदद कीजिए जो छपे हुए सवाल का सीधा उत्तर देते हैं और फिर उन्हें रेखांकित या हाइलाइट कीजिए। कुछ प्रकाशकों ने अपने विद्यार्थियों को हाइलाइट करनेवाला एक मार्कर भी दे रखा है। उन्हें अध्ययन की तैयारी करते समय सारे शास्त्रवचनों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कीजिए। ऐसा करने में, आप उन्हें कलीसिया पुस्तक अध्ययन और प्रहरीदुर्ग अध्ययन में उपस्थित होने की तैयारी करने के लिए भी प्रशिक्षित कर रहे होंगे।—लूका ६:४०.
३ एक अच्छा शिक्षक अपने विद्यार्थी के मन की बात निकालेगा और ख़ुद बहुत ज़्यादा नहीं बोलेगा। वह छोटे-छोटे मुद्दों पर विषय बदलने से बचता है। वह शायद ही कभी अतिरिक्त सामग्री लाएगा। इसके बजाय, वह पाठ के मुख्य मुद्दों पर ज़ोर देता है। कुछ लोगों ने अपने विद्यार्थियों को सवालों के जवाब ढूँढ़ने में मदद करने के लिए अतिरिक्त साहित्य उपलब्ध कराया है। इसके अलावा, रुचि दिखानेवाले लोग कलीसिया सभाओं में उपस्थित होने के द्वारा अतिरिक्त विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
४ अध्याय में उद्धृत सभी शास्त्रवचनों को पढ़ना शायद ज़रूरी न हो। कुछ ख़ास मुद्दों को शायद अनुच्छेद में दिए गए उद्धृत पाठों के ज़रिए समझाया जा सके। पुनर्विचार के दौरान, चर्चा किए गए मुख्य शास्त्रवचनों पर ज़ोर दीजिए और इन्हें याद रखने के लिए विद्यार्थी को प्रोत्साहित कीजिए।
५ प्रत्येक सत्र कितना लंबा होना चाहिए?: अध्ययन को एक घंटे तक सीमित करने की ज़रूरत नहीं है। कुछ गृहस्वामियों के पास समय होता है और वे शायद ज़्यादा समय तक अध्ययन करना चाहें। या विद्यार्थी सप्ताह में शायद एक से ज़्यादा बार पढ़ना चाहे। जो ऐसा कर सकते हैं, उनके लिए यह फ़ायदेमंद होगा।
६ जैसा कि यशायाह ६०:८ चित्रित करता है, आज यहोवा के लाखों नए स्तुतिकर्ता “बादल की नाईं और दर्बाओं की ओर उड़ते हुए कबूतरों की नाईं” उसके लोगों की कलीसियाओं में चले आते हैं। आइए हम सब यहोवा के साथ कार्य करने में अपना भाग पूरा करें, जैसे-जैसे वह तेज़ी से भेड़-समान लोगों को इकट्ठा करना पूरा करता है।—यशा. ६०:२२.