माँग ब्रोशर से बाइबल स्टडी शुरू करना
दुनिया भर से मिली रिपोर्टों से पता चलता है कि लोगों को सच्चाई सिखाने में परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? ब्रोशर से बहुत कामयाबी मिलती है। इस ब्रोशर से हर हफ्ते हज़ारों बाइबल स्टडी शुरू की जा रही हैं। क्या आप भी माँग ब्रोशर से बाइबल स्टडी शुरू करने में कामयाब हुए हैं?
२ ज़्यादातर भाई-बहनों के लिए लोगों को यह ब्रोशर देना आसान है लेकिन कुछ भाई-बहनों को समझ नहीं आता कि क्या कहकर इस ब्रोशर से स्टडी शुरू करें। जो लोग माँग ब्रोशर से बाइबल स्टडी शुरू करने में कामयाब हुए हैं उन्होंने किस तरह स्टडी शुरू की? यहाँ दिए गए तरीके इस्तेमाल करके आसानी से स्टडी शुरू की जा सकती है।
३ दिखाइए कि स्टडी कैसे की जाती है: जब हम पहली बार किसी व्यक्ति को साक्षी देते हैं या उससे दोबारा मिलते हैं तो उसे यह बताने के बजाय कि हम उसके साथ बाइबल स्टडी करेंगे, हम उसी वक्त उसे दिखा सकते हैं कि बाइबल स्टडी कैसे की जाती है। ऐसा करने से लोग “स्टडी” के नाम से जी नहीं चुराएँगे। स्टडी कैसे की जाती है, जब हमें यह दिखाना आ जाएगा तो हम साक्षी देते वक्त शुरू में चंद शब्द कहने के बाद तुरंत स्टडी शुरू कर सकते हैं।
४ तैयारी करना सबसे ज़रूरी है: बाइबल स्टडी शुरू करने में हमारा जोश इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितनी अच्छी तैयारी करते हैं। अगर हम पहले से तैयारी करेंगे तो बाइबल स्टडी शुरू करना हमारे लिए आसान होगा और हम नहीं हिचकिचाएँगे। अगर हम बार-बार प्रैक्टिस करें तो हम अपने शब्दों में ज़्यादा अच्छी तरह बात कर पाएँगे। ऐसा करने से न सिर्फ हम बिना घबराए बात करेंगे बल्कि लोग भी आराम से हमारी बात सुनेंगे।
५ जब आप इसकी प्रैक्टिस करते हैं तो देखिए कि कितना वक्त लगता है ताकि जब आप किसी को स्टडी करना दिखाएँगे तो उसे बता सकेंगे कि इसमें कितना वक्त लगेगा। एक भाई अपना परिचय देने के बाद इस तरह कहता है: “मैं आपको दिखाना चाहता हूँ कि हम किस तरह लोगों को बाइबल सिखाते हैं। यह बस पाँच मिनट का काम है। क्या आप पाँच मिनट दे सकते हैं?” माँग ब्रोशर के पहले पाठ की स्टडी सिर्फ पाँच मिनट में ही दिखाई जा सकती है। बेशक, इतने कम समय में सिर्फ कुछ खास आयतें ही पढ़ी जा सकती हैं लेकिन पहले पाठ को कुछ मिनटों में पूरा करने से एक व्यक्ति समझ पाएगा कि स्टडी कैसे की जाती है। फिर उसे बताइए कि आप दूसरे पाठ की स्टडी के लिए दोबारा आएँगे और इसके लिए सिर्फ १५ मिनट लेंगे।
६ यह कहने से अच्छे नतीजे मिले हैं:
◼“मैं आपको दिखाना चाहता हूँ कि परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? ब्रोशर से हम किस तरह बाइबल स्टडी कराते हैं। यह स्टडी बिलकुल सरल है और इसके लिए बहुत कम वक्त लगता है। अगर हफ्ते में १५ मिनट से भी कम समय लिया जाए तो यह स्टडी १६ हफ्तों में पूरी होती है। कई लोगों ने इस स्टडी के ज़रिए ब्रोशर में दिए गए सवालों का सही-सही जवाब बाइबल से पाया है।” फिर विषय-सूची की एक झलक दीजिए। फिर पाठ १ दिखाइए और कहिए: “अगर आप पाँच मिनट का समय दें, तो मैं आपको दिखाऊँगा कि यह स्टडी कैसे की जाती है। पहले पाठ का विषय है, ‘परमेश्वर क्या माँग करता है यह आप कैसे पता लगा सकते हैं।’” इसके बाद तीनों सवाल पढ़िए और बताइए कि ब्रॆकेट में दिए गए नंबर क्या हैं। अब पैराग्राफ १ पढ़िए और उस व्यक्ति को सवाल का जवाब ढूँढ़ने में मदद कीजिए। फिर उसे पैराग्राफ २ पढ़ने के लिए कहा जा सकता है। इसके बाद कहिए: “इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक आप इस सवाल का क्या जवाब देंगे? [सवाल फिर से पढ़िए और उसके जवाब के लिए रुकिए।] यहाँ आप देख सकते हैं कि हर पैराग्राफ के बाद बाइबल की कुछ आयतें दी गईं हैं। ये आयतें हमें बताती हैं कि इन सवालों का बाइबल में क्या जवाब दिया गया है। मिसाल के तौर पर, आइए हम २ तीमुथियुस ३:१६, १७ पढ़ें और देखें कि बाइबल के रचयिता के बारे में आपने जो जवाब दिया था वह सही है या नहीं।” पैराग्राफ ३ पढ़ने के बाद सवाल पर चर्चा कीजिए, फिर यूहन्ना १७:३ पढ़िए और फिर उसे याद दिलाइए कि पाठ १ से उसने क्या-क्या सीखा है। अब आप उसका ध्यान पाठ २ की ओर लाकर उसका आखिरी सवाल पूछ सकते हैं, “किन दो तरीकों से हम परमेश्वर के बारे में सीख सकते हैं?” फिर पूछिए: “दूसरे पाठ से इस सवाल का जवाब पाने के लिए किस दिन आप पंद्रह मिनट का वक्त दे सकते हैं?”
७ यह बहुत ज़रूरी है कि चर्चा सरल भाषा में करें और उस दौरान जब भी मौका मिले, व्यक्ति की सराहना करें। अगली स्टडी के बारे में उससे यह पूछने के बजाय कि क्या वह आगे का पाठ पढ़ना चाहता है, आप उसे बता सकते हैं कि वह अगले पाठ के लिए भी ऐसी ही तैयारी करे। अगर स्टडी के लिए समय तय करना मुश्किल होता है तो कई प्रचारक बताते हैं कि वे फोन पर उन्हें पाठ समझाएँगे। आप अपने विद्यार्थी को यह भी बता सकते हैं कि वह ब्रोशर को एक ऐसी जगह रखे कि वह सही-सलामत रहे और अगली बार आसानी से निकालकर पढ़ा जा सके।
८ दोबारा ज़रूर जाएँ: यह सच है कि बाइबल स्टडी करने में कामयाब होने का राज़ है, तैयारी करना। लेकिन साथ ही लोगों से दोबारा मिलने के लिए हमारे अंदर एक पक्का इरादा भी होना चाहिए। कुछ ही मिनटों में एक पाठ सिखाना मुश्किल हो सकता है इसलिए जितनी बार ज़रूरी हो, उतनी बार प्रैक्टिस कीजिए ताकि पहली स्टडी दिखाते वक्त आपको कोई दिक्कत न हो। घर-घर में, किसी भी मौके पर और टेलिफोन से गवाही देते वक्त कोशिश कीजिए कि पहली बार में ही स्टडी करना दिखाएँ। अगर आपको बाइबल स्टडी शुरू करना मुश्किल लगता है तो निराश मत होइए। स्टडी शुरू करने में कामयाब होने के लिए ज़रूरी है कि इस काम के लिए आपमें लगन हो और दूसरों को सच्चाई सिखाने की इच्छा हो।—गल. ६:९.
९ इन सुझावों को आज़माकर आप भी किसी के साथ माँग ब्रोशर से बाइबल स्टडी शुरू कर सकते हैं और उसे जीवन के मार्ग पर आने में मदद दे सकते हैं।—मत्ती ७:१४.