यहोवा का वचन हर रोज़ पढ़िए!
हर नया दिन, आपके विश्वास के सामने नई मुसीबतें लेकर खड़ा हो जाता है। शायद कोई लड़का या लड़की जिससे आपकी जान-पहचान है, आपसे रोज़ कहता हो कि डेटिंग के लिए आप उसके साथ अकेले घूमने चलें। शायद आपके टीचर चाहते हैं कि आप ऐसा कैरियर चुनें जिससे आगे चलकर आपको धन-दौलत और एशो-आराम मिले या फिर आपका मालिक यह चाहता है कि आप बस मशीन की तरह काम ही काम करते रहें। या फिर हो सकता है कि आपकी सेहत बिगड़ रही है। याद रखिए, ऐसी मुसीबतें आपके सामने कभी-भी आकर खड़ी हो सकती हैं मगर फिर भी आप अकेले नहीं हैं। ऐसी मुसीबतों का सामना करने के लिए यहोवा आपको बुद्धि देने के लिए तैयार है। यहोवा के वचन से बुद्धि पाने का एक तरीका है, हर रोज़ प्रतिदिन शास्त्रवचनों की जाँच करना बुकलेट से बाइबल वचन और पैराग्राफ पढ़ना। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप हर रोज़ यहोवा के वचन अपने दिमाग में डालते हैं। क्या आप हर रोज़ दैनिक पाठ पढ़ते हैं?
2 मदद हाज़िर है: यशायाह 30:20 बताता है कि यहोवा महान “उपदेशक” है और हम उसके सेवक उससे बेझिझक मदद माँग सकते हैं। और यहोवा आपको वही ताकत देगा जो आपको अपना विश्वास बरकरार रखने के लिए ज़रूरी है। यह ताकत वह कैसे देता है? अगली आयत कहती है: “तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो।” आज यहोवा अपना वचन हम तक बाइबल के ज़रिए और “विश्वासयोग्य दास” द्वारा तैयार की गई पत्रिकाओं और किताबों के ज़रिए पहुँचा रहा है। (मत्ती 24:45) प्रहरीदुर्ग पत्रिका के लेखों में ही देखा जाए तो बुद्धि का खज़ाना भरा हुआ है। और इनमें मसीही ज़िंदगी के लगभग हर पहलू पर बात की गई है। फिर जब हम प्रतिदिन शास्त्रवचनों की जाँच करना बुकलेट में दिये गए प्रहरीदुर्ग लेख पढ़ते हैं तो हमारा ज्ञान बढ़ता जाता है। और यह ज्ञान इतना अनमोल है कि हमें हर किस्म की मुसीबत का सामना करने के काबिल बना सकता है।—यशा. 48:17.
3 समय निकालिए: एक माँ अपने बेटे के साथ दैनिक पाठ की चर्चा सुबह के वक्त करती थी, जब वह नाश्ता करता था। हालाँकि सुबह का वक्त भागा-दौड़ी का होता था, मगर फिर भी वह किसी भी तरह अपने बेटे के साथ चर्चा करने के लिए समय निकालती थी। स्कूल जाने से पहले की गई चर्चा और प्रार्थना में कही गई सब बातों को उसका बेटा याद रखता था। इससे उसे इतनी ताकत मिलती थी कि वह सॆक्स के फंदों से दूर रह पाता था, देशभक्ति के मामले में तटस्थ रहता था, और अपने दोस्तों और टीचरों को हिम्मत के साथ साक्षी देता था। जबकि वह उस स्कूल में अकेला साक्षी था, मगर उसने कभी-भी खुद को अकेला नहीं समझा।
4 सही राह पर चलने और मुसीबतों का सामना करने के लिए आप यहोवा और उसके वचन से शिक्षा लीजिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो परमेश्वर के साथ आपका एक करीबी रिश्ता बनेगा, जैसे दो पक्के दोस्तों का होता है। इसलिए हर रोज़ परमेश्वर का वचन पढ़िए, जैसे कि दुनियाभर में लाखों लोग हर रोज़ परमेश्वर का वचन पढ़ते हैं। फिर आपको भी उनकी तरह महसूस होगा कि आप “अपनी आंखों से” अपने उपदेशक को देख रहे हैं।