यहोवा हमें सामर्थ देता है
प्रेरित पौलुस के बारे में कौन-सी बात आपको प्रभावित करती है? जब हम प्रेरितों की किताब पढ़ते हैं, तब हम इस बात की सराहना करते हैं कि उसने यहोवा की सेवा में कितनी मेहनत की थी। मगर पौलुस वह सब कैसे कर सका था? वह कहता है: “जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।” (फिलि. 4:13) पौलुस की तरह हम भी यहोवा से सामर्थ पाकर लाभ उठा सकते हैं। कैसे? उन छः प्रबंधों से लाभ उठाने के ज़रिए, जो यहोवा ने हमारे अंदर आध्यात्मिक जोश पैदा करने और हमें मज़बूत करने के लिए किए हैं।
2 परमेश्वर का वचन: जिस तरह हमारे शरीर को ताकत पाने के लिए भोजन की ज़रूरत होती है, ठीक उसी तरह आध्यात्मिक तौर पर जीवित रहने के लिए हमें परमेश्वर के वचन के ज़रिए खुद का पोषण करना बहुत ज़रूरी है। (मत्ती 4:4) आध्यात्मिक रूप से जिंदा रहने के लिए हमें बाइबल से ताकत मिल सकती है। इसलिए सच्चाई के प्रति अपना जोश और उत्साह बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि हम सही तरीके से बाइबल और संस्था के प्रकाशनों का अध्ययन करें और उन पर मनन करें। अगर मुमकिन हो तो हर रोज़ ऐसा करना चाहिए।—भज. 1:2, 3.
3 प्रार्थना: यह ज़रूरी है कि हम परमेश्वर के करीब जाएँ, खासकर जब हमें उसकी मदद की सख्त ज़रूरत होती है। जो लोग यहोवा से उसकी आत्मा के लिए बिनती करते हैं, उन सभी को वह अपनी आत्मा देकर शक्ति प्रदान करता है। (लूका 11:13; इफि. 3:16) बाइबल हमें “प्रार्थना में नित्य लगे” रहने के लिए उकसाती है। (रोमि. 12:12) क्या आप ऐसा करते हैं?
4 कलीसिया: हमें कलीसिया की सभाओं और वहाँ हमारे प्रिय भाई-बहनों के साथ संगति करने से हिम्मत मिलती है और हौसला भी बढ़ाता है। (इब्रा. 10:24, 25) जब हम चिंताओं से घिरे होते हैं, तब वे हमें हिम्मत दिलाते हैं और प्यार से हमारी मदद करते हैं।—नीति. 17:17; सभो. 4:10.
5 प्रचार काम: सेवकाई में नियमित रूप से हिस्सा लेने से हम अपना ध्यान राज्य पर और उससे मिलनेवाली आशीषों पर लगाए रख सकते हैं। जब हम दूसरों को यहोवा के बारे में सीखने में मदद देते हैं, तो खुशी से हमारा जोश और भी बुलंद हो जाता है। (प्रेरि. 20:35) यह सच है कि हम में से हर कोई ऐसी जगह जाकर सेवा नहीं कर सकता जहाँ प्रचारकों की सख्त ज़रूरत है, ना ही हर कोई पूरे समय की सेवा कर सकता है, लेकिन ऐसे और भी तरीके हैं जिनसे हम तन-मन लगाकर सेवा कर सकते हैं।—इब्रा. 6:10-12.
6 मसीही ओवरसियर: प्राचीनों से हमें जो प्रोत्साहन और मदद मिलती है, उससे भी हमें बहुत फायदा होता है। यहोवा ने अपने झुँड की रखवाली करने के लिए प्राचीनों को नियुक्त किया है। (1 पत. 5:2) सफरी ओवरसियर अलग-अलग कलीसियाओं में जाकर सेवा करते हैं और वहाँ के भाई-बहनों का हौसला बढ़ाते हैं, ठीक जैसे पौलुस किया करता था।—रोमि. 1:11, 12.
7 वफादार भाई-बहनों के उदाहरण: प्राचीन समय के और हमारे समय के वफादार लोगों के उदाहरणों पर गौर करने से हमारा हौसला मज़बूत हो सकता है। (इब्रा. 12:1) इसलिए जब कभी आपको लगता है कि आप हिम्मत हार रहे हैं तब क्यों ना हमारी पत्रिकाओं में से कोई जीवन-कहानी पढ़ लें ताकि आप में उत्साह पैदा हो, या इयरबुक में से कोई हौसला बढ़ानेवाली रिपोर्ट, या प्रोक्लेमर्स् किताब में दिए गए यहोवा के साक्षियों के आधुनिक इतिहास में से कोई ऐसा वृत्तांत पढ़ लें जो आप में जोश भर दे?
8 एक भाई जिसकी उम्र आज 90 से भी ज़्यादा है, उसने छोटी-सी उम्र में ही सच्चाई स्वीकार की थी फिर जब जवान ही था, तब उसके विश्वास की परीक्षा हुई थी। पहली, कलीसिया के कुछ जोशीले भाई-बहनों ने यहोवा के संगठन को छोड़ दिया था। उसकी एक और परीक्षा यह थी कि उसे घर-घर की सेवकाई करना बहुत मुश्किल लगता था। लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी बल्कि हमेशा यहोवा पर भरोसा रखा। फिर कुछ ही समय बाद उसे सेवकाई में आनंद आने लगा। और आज? हालाँकि आज उस भाई का स्वास्थ्य इतना अच्छा नहीं है, फिर भी वह ब्रुकलिन बेथेल परिवार का एक सदस्य है, और शासी निकाय के सदस्य के तौर पर सेवा कर रहा है। आज वह बेहद खुश है कि वह यहोवा के संगठन के साथ हमेशा मज़बूती से जुड़ा रहा है।
9 एक बहन जो आज ब्रिटेन के बेथेल परिवार की सदस्य है, उसका बपतिस्मा 13 साल की उम्र में हुआ था। बपतिस्मे के एक साल बाद उसने अपने भाई के साथ पायनियर सेवा करनी शुरू कर दी, फिर साल भर बीतने पर उसके पिता को जेल हो गई क्योंकि उसने दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था। वह बहन सामर्थ के लिए हमेशा यहोवा से मदद माँगती रही, और उसने सच्चे परमेश्वर की सेवा करना जारी रखा। कुछ समय बाद, उसने एक वफादार भाई के साथ शादी कर ली और फिर दोनों मिलकर यहोवा की इच्छा पूरी करने लगे। शादी के 35 साल बाद, उसके पति की अचानक मृत्यु हो गई। एक बार फिर, उसने यहोवा से सामर्थ पायी और वह आज तक यहोवा की सेवा वफादारी से कर रही है और पृथ्वी पर यहोवा के परिवार की सदस्य के तौर पर हमेशा-हमेशा सेवा करने की आशा रखती है।
10 जो लोग यहोवा की सेवा वफादारी से करते हैं, उन्हें वह हमेशा मदद देता है और उन्हें नई शक्ति देता है। “वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।” यहोवा की इस अपार शक्ति से ताकत पाने के लिए हमें ऊपर बताए गए उन सभी छः प्रबंधों से फायदा उठाना चाहिए। याद रखिए: “जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगें . . . वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, वे चलेंगे और थकेंगे नहीं।” (यशा. 40:29-31, NHT ) पौलुस ने ताकत पाने के लिए यहोवा पर अपना पूरा भरोसा रखा, और हमें भी ऐसा ही करना चाहिए।