परमेश्वर के वचन को ठीक रीति से काम में लाइए
एक अफसर को साक्षी देते वक्त, “फिलिप्पुस ने अपना मुंह खोला और [एक] शास्त्र[वचन] से आरम्भ करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।” (प्रेरि. 8:35) फिलिप्पुस “सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में” ला रहा था। (2 तीमु. 2:15) लेकिन, आजकल सफरी ओवरसियरों ने गौर किया है कि बहुत-से भाई-बहन, प्रचार करते वक्त बाइबल का इस्तेमाल बहुत कम करते हैं। क्या आप प्रचार में बाइबल इस्तेमाल करते हैं?
2 हम जो भी विश्वास करते और सिखाते हैं, उसका आधार बाइबल है। (2 तीमु. 3:16, 17) यही लोगों को यहोवा की तरफ खींचती है और वह ज्ञान देती है जिससे उन्हें ज़िंदगी मिलेगी। इसीलिए, प्रचार में लोगों से सिर्फ अपने मनपसंद विषयों पर बातचीत करने के बजाय, बेहद ज़रूरी है कि हम बाइबल का इस्तेमाल करें। (इब्रा. 4:12) ज़्यादातर लोग बाइबल के बारे में बहुत कम जानते हैं। इसलिए हमें उन्हें बाइबल से पढ़कर सुनाना चाहिए, ताकि वे जान पाएँ कि इसमें दी गयी सलाह कितनी फायदेमंद है और इसमें भविष्य के बारे में इंसानों के लिए क्या आशा दी गयी है।
3 सीधे बाइबल से पढ़िए: आप चाहें तो किताबों का बड़ा बैग लिए बिना भी घर-घर प्रचार कर सकते हैं। आप जो साहित्य पेश करना चाहते हैं, उसे एक पतले से ब्रीफकेस में डाल लीजिए और बाइबल, हाथ में या जेब में रख लीजिए। फिर, जब आप किसी से बातचीत करते हैं, तो उसे यह एहसास दिलाए बिना कि आप उसे धर्म-प्रचार कर रहे हैं, बाइबल की आयत निकालिए। ऐसी जगह खड़े रहिए ताकि आप अपने सुननेवाले को बाइबल से वचन दिखा सकें और वह भी आपके साथ-साथ बाइबल पढ़ सके। आप खुद उसी से वचन ज़ोर से पढ़ने के लिए कह सकते हैं। सिर्फ आपसे मुँह-ज़बानी सुनने के बजाय जब वह खुद अपनी आँखों से देखेगा कि बाइबल में क्या लिखा है तो इसका उस पर और भी गहरा असर होगा। हाँ, आयत को समझने में उसकी मदद करने के लिए आप कुछ खास शब्दों पर ज़ोर दे सकते हैं।
4 एक शास्त्रवचन के साथ पेशकश: अपना परिचय देने के बाद, आप कह सकते हैं: “लोग अपनी ज़िंदगी में सही मार्गदर्शन पाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। आपकी राय में हमें सबसे बेहतरीन मार्गदर्शन कहाँ से मिल सकता है? [जवाब के लिए रुकिए।] इन शब्दों के बारे में आपकी क्या राय है? [नीतिवचन 2:6, 7 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए।] अफसोस कि इंसान की बुद्धि, लोगों को सही राह दिखाने में नाकाम रही है, इसलिए बहुत-से लोग दुःखी और निराश हैं। लेकिन, जहाँ तक परमेश्वर की बुद्धि की बात है, यह हमेशा भरोसे लायक और फायदेमंद साबित हुई है।” इसके बाद आप जो प्रकाशन पेश कर रहे हैं, उसमें से परमेश्वर की बुद्धि की एक मिसाल दिखाइए, जिससे हमें फायदा होता है।
5 यीशु ने सच्चे मन के लोगों की मदद करने के लिए पवित्र शास्त्र का इस्तेमाल किया। (लूका 24:32) और पौलुस ने भी जो कुछ सिखाया, उसका सबूत शास्त्र से दिया। (प्रेरि. 17:2, 3) जब हम परमेश्वर के वचन को ठीक रीति से काम में लाने में निपुण होंगे, तो सेवकाई में हमारा हौसला बढ़ेगा और हमारी खुशी भी बढ़ेगी।