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(1) सवाल, (2) आयत, और (3) अध्याय

बाइबल असल में क्या सिखाती है? पेश करने का एक आसान तरीका है, (1) किसी विषय पर एक ऐसा सवाल पूछना जिससे घर-मालिक की राय पता चले, (2) उस विषय से जुड़ी एक आयत पढ़ना, और (3) किताब में उस विषय से ताल्लुक रखनेवाले अध्याय के शुरू में दिए सवालों की तरफ उनका ध्यान खींचना। अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है, तो उस अध्याय के शुरू के पैराग्राफ पर चर्चा करके आप उसे दिखा सकते हैं कि बाइबल अध्ययन कैसे चलाया जाता है। बाइबल अध्ययन शुरू करने का यह तरीका, पहली मुलाकात में या फिर वापसी भेंट के वक्‍त इस्तेमाल किया जा सकता है।

◼ “क्या आपको लगता है कि हम अदना इंसानों के लिए सर्वशक्‍तिमान सिरजनहार को जानना मुमकिन है, जैसे यहाँ बाइबल में बताया गया है?” प्रेरितों 17:26, 27 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 1 दिखाइए।

◼ “आज जब ज़िंदगी इतनी मुश्‍किलों से भरी हुई है, तो क्या आपको लगता है कि ऐसे हालात में भी हम शान्ति और उम्मीद के साथ जी सकते हैं, जैसा यहाँ बताया गया है?” रोमियों 15:4 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 2 दिखाइए।

◼ “अगर आपमें ऐसे बदलाव लाने की ताकत होती, तो क्या आप ऐसा करते?” प्रकाशितवाक्य 21:4 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 3 दिखाइए।

◼ “क्या आपको लगता है कि हमारे बच्चे कभी ऐसे माहौल का लुत्फ उठा पाएँगे, जैसा इस पुराने गीत में बताया गया है?” भजन 37:10, 11 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 3 दिखाइए।

◼ “क्या आपको लगता है कि कभी ऐसा वक्‍त आएगा जब ये शब्द पूरे होंगे?” यशायाह 33:24 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 3 दिखाइए।

◼ “क्या आपने कभी सोचा है कि क्या मरे हुए जानते हैं कि हम ज़िंदा लोग क्या कर रहे हैं?” जवाब के लिए रुकिए। फिर सभोपदेशक 9:5 पढ़िए और अध्याय 6 दिखाइए।

◼ “क्या यह मुमकिन है कि एक दिन हम अपने उन अज़ीज़ों को दोबारा देख पाएँगे जिनकी मौत हो गयी है, जैसा यीशु ने इन आयतों में बताया है?” यूहन्‍ना 5:28, 29 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 7 दिखाइए।

◼ “इस जानी-मानी प्रार्थना में बताया गया है कि परमेश्‍वर की इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी हो रही है वैसे पृथ्वी पर पूरी होगी। आपके खयाल से यह कैसे मुमकिन होगा?” मत्ती 6:9, 10 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 8 दिखाइए।

◼ “क्या आपको लगता है कि हम इस भविष्यवाणी में बताए समय में जी रहे हैं?” दूसरा तीमुथियुस 3:1-4 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 9 दिखाइए।

◼ “आज कई लोग इस उलझन में हैं कि समस्याएँ दिनोंदिन बदतर क्यों होती जा रही हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी वजह यह हो सकती है?” प्रकाशितवाक्य 12:9 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 10 दिखाइए।

◼ “क्या आपके मन में कभी इस सवाल का जवाब जानने की इच्छा पैदा हुई?” अय्यूब 21:7 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 11 दिखाइए।

◼ “क्या आपको लगता है कि बाइबल की यह सलाह परिवार को खुशहाल बनाने में मदद दे सकती है?” इफिसियों 5:33 पढ़िए और जवाब के लिए रुकिए। फिर अध्याय 14 दिखाइए।

अध्ययन कैसे किया जाता है, यह बताने के बाद अगर आपने घर-मालिक के साथ दो और मौकों पर अध्ययन किया है और आपको लगता है कि यह आगे भी जारी रहेगा, तो आप इस बाइबल अध्ययन की रिपोर्ट कर सकते हैं।

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