नए लोगों को चेला बनाने में हम सब हिस्सा ले सकते हैं
एक बाइबल विद्यार्थी को चेला बनाने में सिर्फ एक अकेले प्रचारक का हाथ नहीं होता। विद्यार्थी को आध्यात्मिक रूप से बढ़ने में यहोवा अपने सभी ‘सहकर्मियों’ का इस्तेमाल करता है। (1 कुरि. 3:6-9) वह कैसे? जब हम सभाओं में दिल से जवाब देते हैं और अपने अच्छे चालचलन से इस बात का ज़बरदस्त सबूत देते हैं कि परमेश्वर की आत्मा हमारी ज़िंदगी पर काम कर रही है, तो यह देखकर नए लोगों को आध्यात्मिक तरक्की करने में मदद मिलती है। (यूह. 13:35; गल. 5:22, 23; इफि. 4:22, 23) इसके अलावा, नए लोगों की मदद करने के लिए और क्या किया जा सकता है?
2 कलीसिया क्या कर सकती है: एक कलीसिया के नाते हम सभी को नए लोगों में दिलचस्पी लेनी चाहिए। जब वे पहली बार सभा में आते हैं, तो हमें आगे बढ़कर उनका गर्मजोशी से स्वागत करना चाहिए और सभा से पहले और बाद में उनसे बातें करनी चाहिए। पहली बार कलीसिया की सभा में आने के बाद एक व्यक्ति ने कहा: “वहाँ लोग मुझसे इस तरह मिले जैसे वे बरसों से मुझे जानते हों, जबकि मैं उनसे पहली बार मिल रहा था। ऐसा प्यार मैंने अपने चर्च में कभी नहीं देखा जहाँ मैं बचपन से जाया करता था। उस दिन मुझे यकीन हो गया कि यही सच्चा धर्म है।” इस सभा में आने के सात महीने बाद ही इस व्यक्ति ने बपतिस्मा ले लिया।
3 जब एक बाइबल विद्यार्थी आध्यात्मिक तरक्की करता है तो सच्चे दिल से उसकी तारीफ कीजिए। क्या वह विरोध के बावजूद विश्वास में अटल है? क्या वह सभाओं में नियमित रूप से आ रहा है? क्या सभाओं में जवाब देने के लिए उसने हिम्मत जुटायी है? क्या उसने परमेश्वर की सेवा स्कूल में अपना नाम दर्ज़ कराया है? क्या अब वह कलीसिया के साथ प्रचार में जाने लगा है? इस तरह एक विद्यार्थी जो-जो तरक्की करता है, उसके लिए उसे शाबाशी दीजिए। इससे उसे बेहद खुशी मिलेगी, साथ ही उसका हौसला भी बढ़ेगा।—नीति. 25:11.
4 बाइबल अध्ययन चलानेवाला क्या कर सकता है: कुछ प्रचारक अपने बाइबल अध्ययन पर कलीसिया के दूसरे भाई-बहनों को साथ ले जाते हैं। इस तरह उनके विद्यार्थियों की जान-पहचान अलग-अलग भाई-बहनों से होती है। अपने विद्यार्थी को जल्द-से-जल्द मसीही सभाओं में आने के लिए उकसाइए। जब वह सभाओं में आने लगता है, तो उसे दूसरों से मिलवाने की खास कोशिश कीजिए। क्या आपका विद्यार्थी सिगरेट पीने जैसी बुरी लत को छोड़ने की कोशिश कर रहा है? या क्या उसके परिवार के किसी सदस्य को उसका अध्ययन करना पसंद नहीं है? अगर ऐसी बात है, तो शायद उसे किसी ऐसे प्रचारक से मिलवाना अच्छा रहेगा जो इस तरह की चुनौती का सामना कर चुका है।—1 पत. 5:9.
5 नए लोगों को कलीसिया से आध्यात्मिक मदद की ज़रूरत होती है। उनमें सच्ची दिलचस्पी दिखाकर हम सब उन्हें आध्यात्मिक तरक्की करने में मदद दे सकते हैं।