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  • गरीबों को आशा दीजिए
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हमारी राज-सेवा—2007
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गरीबों को आशा दीजिए

यीशु गरीबों में खास दिलचस्पी लेता था। कई मौकों पर उसने चमत्कार करके लोगों की ज़रूरतें पूरी कीं और बीमारों को चंगा किया। लेकिन उसने अपना ज़्यादा ध्यान गरीबों को “सुसमाचार” सुनाने में लगाया। (मत्ती 11:5) मसीही सेवा से आज भी गरीबों और दूसरों को फायदा होता है।—मत्ती 24:14; 28:19, 20.

2 सच्ची आशा: ईसाईजगत के पादरी अकसर गरीबों से कहते हैं कि अगर वे दिल खोलकर चर्च में दान देंगे, तो बदले में परमेश्‍वर उन्हें मालामाल कर देगा। लेकिन बाइबल सिखाती है कि सिर्फ परमेश्‍वर का राज्य ही गरीबी और इंसान की सारी समस्याओं को दूर करेगा। (भज. 9:18; 145:16; यशा. 65:21-23) गरीबों को बाइबल की सच्चाइयाँ समझने में मदद देकर हम उन्हें आशा देते हैं और उन्हें अपनी आध्यात्मिक ज़रूरतें पूरी करने में भी मदद देते हैं।—मत्ती 5:3.

3 यीशु मसीह के ज़माने में फरीसी गरीबों को नीचा समझते थे और उन्हें आमहारेट्‌स्‌ यानी “ज़मीन के लोग” कहकर ज़लील करते थे। लेकिन यीशु गरीबों के ‘लोहू’ को “अनमोल” समझता था। (भज. 72:13, 14) हम भी यीशु की मिसाल पर चल सकते हैं और गरीबों के साथ प्यार और हमदर्दी के साथ पेश आकर उन पर ‘अनुग्रह कर’ सकते हैं। (नीति. 14:31) हम कभी-भी झुग्गी-झोंपड़ियों में रहनेवालों से बात करते वक्‍त उन्हें नीचा नहीं दिखाएँगे, ना ही उन्हें गवाही देने से झिझकेंगे। कई लोग जो राज्य संदेश सुनकर कदम उठा रहे हैं, वे गरीब तबके के ही हैं।

4 गरीबों की मदद कीजिए: प्रचार के अपने इलाके में गरीबों को बाइबल के सिद्धांत सिखाकर हम उन्हें काफी हद तक अपनी गरीबी कम करने में भी मदद दे सकते हैं। मिसाल के लिए, बाइबल पियक्कड़पन, जुएबाज़ी, आलसीपन, तंबाकू के इस्तेमाल और दूसरी बुरी आदतों की निंदा करती है, जो एक इंसान को कंगाल बना सकती हैं। (नीति. 6:10, 11; 23:21; 2 कुरि. 7:1; इफि. 5:5) वहीं दूसरी तरफ यह ईमानदारी और “तन-मन” से मेहनत करने का बढ़ावा देती है। और यही गुण एक कर्मचारी में देखे जाते हैं। (कुलु. 3:22, 23; इब्रा. 13:18) दरअसल, एक सर्वे बताता है कि ज़्यादातर मालिकों को नौकरी की तलाश में आए उम्मीदवारों में ईमानदारी और नेकी जैसे गुण अच्छे लगते हैं।

5 यहोवा गरीबों की तकलीफों से बेखबर नहीं है। जल्द ही, यीशु मसीह सारे ‘दोहाई देनेवाले दरिद्रों’ को छुटकारा दिलाएगा। (भज. 72:12) उस वक्‍त के आने तक हमारे पास दूसरों को, खासकर गरीब और मोहताजों को बाइबल से आशा का संदेश सुनाने का सुनहरा मौका है।

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