खेदित मन के लोगों को दिलासा दीजिए
आज इंसानों को पहले से कहीं ज़्यादा दिलासे की ज़रूरत है। इसलिए हमारे राजा मसीह यीशु की तरह हम भी “खेदित मन के लोगों को शान्ति” देते हैं।—यशा. 61:1.
2 किस तरह दिलासा दें: प्रचार में लोगों को दिलासा देने के लिए हमें इस बात का खयाल रखना चाहिए कि हमारी पेशकश एक-तरफा न हो। यानी हमें सिर्फ बुरे हालात के बारे में नहीं बल्कि सुसमाचार के बारे में भी बताना चाहिए। अगर हम दुनिया में हो रहे बुरे कामों और झूठी शिक्षाओं पर ज़रूरत-से-ज़्यादा चर्चा न करें, तो हम अपनी बातचीत में बाइबल की सच्चाई और परमेश्वर के दिलासा देनेवाले वादों पर ज़ोर दे पाएँगे। इसका यह मतलब नहीं कि हमें हरमगिदोन के बारे में चर्चा नहीं करनी चाहिए। हमें “यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का” ऐलान करने के साथ-साथ “हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन” का भी ऐलान करना है और “दुष्ट को उसकी दुष्टता से सचेत” करना है।” लेकिन, हरमगिदोन की चेतावनी देने और उससे होनेवाले विनाश का ब्यौरा देने के चक्कर में हमारा ध्यान परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार से नहीं हटना चाहिए।—यशा. 61:2; यहे. 3:18, NHT; मत्ती 24:14.
3 घर-घर के प्रचार में: अकसर हमारी मुलाकात ऐसे लोगों से होती है जो किसी बीमारी, अपने अज़ीज़ की मौत, अन्याय या पैसों की तंगी की वजह से निराश हैं। यीशु की तरह हमें भी ऐसे लोगों पर “तरस” आता है और हम उनके साथ हमदर्दी जताते हैं। (लूका 7:13; रोमि. 12:15) हालाँकि हम घर-मालिक को उसकी समस्या से जुड़ी एक या दो आयतें दिखाते हैं, मगर इससे पहले हमें उसकी बात “सुनने के लिये तत्पर” होना चाहिए। इस तरह हम उसे अपने दिल की बात कहने का मौका देंगे। (याकू. 1:19) और उसकी बातें सुनने के बाद ही हम उसे बेहतर तरीके से दिलासा दे पाएँगे।
4 बातचीत के दौरान सही मौका देखकर हम कह सकते हैं, “मैं आपको बाइबल से कुछ दिखाना चाहता/ती हूँ, जिससे आपको हौसला मिलेगा।” हमें समझदारी से काम लेना चाहिए और घर-मालिक की हर झूठी धारणा को गलत साबित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, हमें बाइबल से हौसला और दिलासा देकर उसे मज़बूत करने पर ध्यान देना चाहिए। इस मामले में, आप चाहें तो रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिप्चर्स् (अँग्रेज़ी) के पेज 117-121 पर शीर्षक “हौसला” (“Encouragement”) के तहत दी जानकारी को पढ़ सकते हैं। या आप घर-मालिक को ट्रैक्ट, गम में डूबे लोगों के लिए खुशी का पैगाम दे सकते हैं और उसमें दी हौसला बढ़ानेवाली जानकारी पर उसके साथ चर्चा कर सकते हैं।
5 दूसरों को दिलासा देने के मौके ढूँढ़िए: क्या आपके किसी पड़ोसी, सहकर्मी, स्कूल के साथी, या रिश्तेदार को दिलासे की ज़रूरत है? क्यों न आप उनसे उनके घर पर मिलने जाएँ और बाइबल से उन्हें दिलासा दें? उन्हें दिलासे की ज़रूरत क्यों है, यह जानने के बाद आप तैयारी कर सकते हैं कि आप उनसे क्या कहेंगे। कुछ भाई-बहनों ने चिट्ठियों या टेलीफोन के ज़रिए लोगों को दिलासा दिया है। लोगों के लिए सच्चा प्यार ही हमें उकसाएगा कि हम उनसे हमदर्दी जताएँ और बाइबल से उन्हें दिलासा दें।—लूका 10:25-37.
6 जी हाँ, हमें मातम मनानेवालों को दिलासा देने, दुःखी लोगों के चेहरों पर मुस्कराहट लाने और उनके मन में भविष्य की उज्ज्वल आशा जगाने का काम मिला है। आज दुनिया में हर कहीं लोगों को ऐसे दिलासे की सख्त ज़रूरत है। परमेश्वर ने जिन अच्छी चीज़ों का वादा किया है, उनके बारे में खुशी-खुशी बताने से नेकदिल इंसानों को दिलासा और आशा मिलेगी। तो आइए हम खेदित मन के लोगों को दिलासा देना कभी न भूलें।