दूसरों को यहोवा से प्यार करना सिखाइए
1. कौन-सी बात कई लोगों को यहोवा की तरफ खींच लाती है?
क्या आपको वह दिन याद है, जब आपने पहली बार यहोवा का नाम सुना था? आखिर वह कौन-सी बात थी, जो आपको यहोवा की तरफ खींच लायी? कई नेकदिल लोगों का जवाब होगा कि जैसे-जैसे वे सिरजनहार के बेजोड़ गुणों के बारे में, खासकर उसकी करुणा और प्रेम के बारे में सीखते गए, वैसे-वैसे वे उसके करीब आते गए।—1 यूह. 4:8.
2, 3. बाइबल विद्यार्थियों को परमेश्वर से प्यार करना सिखाने के लिए हम बाइबल सिखाती है किताब का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?
2 “यही हमारा परमेश्वर है”: बाइबल सिखाती है किताब, यहोवा के प्यार पर रोशनी डालती है। यह किताब इस बात पर भी ज़ोर देती है कि उसके साथ निजी रिश्ता कायम करना निहायत ज़रूरी है। अगर हम अपने बाइबल विद्यार्थियों को परमेश्वर से प्यार करना सिखाना चाहते हैं, तो उसके लिए हम इस किताब का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? किसी नए मुद्दे पर चर्चा करते वक्त, हम उनसे ऐसे सवाल पूछ सकते हैं, जो उन्हें सोचने पर मजबूर कर दे। जैसे, “इस सच्चाई से आप यहोवा के बारे में क्या सीखते हैं?” या “यह मुद्दा कैसे साबित करता है कि इंसान के लिए यहोवा से बेहतर पिता और कोई हो ही नहीं सकता?” अगर हम सिखाने के लिए यह तरीका अपनाएँ, तो हमारा बाइबल विद्यार्थी यहोवा के साथ ऐसा रिश्ता जोड़ पाएगा, जो कभी नहीं टूटेगा।
3 जब हम अपने बाइबल विद्यार्थियों को इस बात की कदर करने में मदद देते हैं कि एकमात्र सच्चे और जीवित परमेश्वर का ज्ञान लेना कितने बड़े सम्मान की बात है, तो कुछ समय बाद वे खुद यशायाह की तरह कबूल करेंगे कि “यही हमारा परमेश्वर है।” (यशा. 25:9) परमेश्वर का वचन समझाते वक्त, हमें एक बात पर ज़रूर ज़ोर देना चाहिए। वह यह कि जब परमेश्वर अपने राज्य के ज़रिए, जिसका राजा मसीह यीशु है, अपना मकसद पूरा करेगा, तो इससे इंसानों को क्या ही आशीषें मिलेंगी।—यशा. 9:6, 7.
4, 5. यहोवा से प्यार करने का मतलब क्या है?
4 यहोवा के लिए अपने प्यार का सबूत: हम जानते हैं कि यहोवा से अपने सारे मन, प्राण और बुद्धि के साथ प्रेम करने का सिर्फ यह मतलब नहीं कि हममें उसके लिए प्यार का गहरा जज़्बा होना चाहिए। हमें उसकी सोच अपनाने और उसके मुताबिक काम करने की भी ज़रूरत है। (भज. 97:10) परमेश्वर के लिए अपना प्यार ज़ाहिर करने का मतलब है, उसकी आज्ञाओं का सख्ती से पालन करना और हर हालत में, यहाँ तक कि परीक्षाओं या विरोध का सामना करते वक्त भी ‘अपना चालचलन पवित्र’ बनाए रखना और “भक्ति” के काम करना।—2 पत. 3:11; 2 यूह. 6.
5 अगर हममें परमेश्वर के लिए प्यार होगा, तो उसकी इच्छा पूरी करने में हमें हमेशा खुशी मिलेगी। (भज. 40:8) बाइबल विद्यार्थियों को यह समझने की ज़रूरत है कि परमेश्वर ने जितने भी नियम दिए हैं, उन्हें मानने में ही हमारी भलाई है। (व्यव. 10:12, 13) यहोवा के मार्गदर्शन के मुताबिक जीने से हम दिखाते हैं कि हम उसके सभी आश्चर्यकर्मों के लिए बहुत एहसानमंद हैं। अपने बाइबल विद्यार्थियों को यह समझने में मदद दीजिए कि यहोवा के मार्गों पर चलने से वे काफी हद तक मुसीबतों और दुःख-तकलीफों से बचे रहेंगे।
6. यहोवा से प्यार करने की वजह से एक इंसान को क्या-क्या आशीषें मिलती हैं?
6 परमेश्वर से प्यार करनेवालों के लिए आशीषें: यहोवा उन नम्र लोगों की गहरी परवाह करता है, जो उससे प्यार करते हैं। वह उन्हीं पर अपने मकसद से जुड़ी ‘गूढ़ बातें’ ज़ाहिर करता है। (1 कुरि. 2:9, 10) यह ज्ञान हासिल करने के बाद, उन्हें न सिर्फ भविष्य की एक साफ तसवीर मिलती है, बल्कि एक पक्की आशा भी। (यिर्म. 29:11) जो लोग यहोवा से प्यार करते हैं, यहोवा उन पर अपार कृपा करता है। (निर्ग. 20:6) और परमेश्वर के बेइंतिहा प्यार की बदौलत ही उन्हें हमेशा की ज़िंदगी की आशा मिलती है।—यूह. 3:16.
7. दूसरों को यहोवा से प्यार करना सिखाने के बारे में आप कैसा महसूस करते हैं?
7 हम स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता के बारे में जितना ज़्यादा सीखते हैं, उतना ज़्यादा हमें दूसरों के साथ यह ज्ञान बाँटने की ज़रूरत है। (मत्ती 13:52) दूसरों को, और खासकर अपने बच्चों को यहोवा से प्यार करना सिखाना, क्या ही सम्मान की बात है! (व्यव. 6:5-7) ऐसा हो कि जैसे-जैसे हम और हमारे बाइबल विद्यार्थी, ‘यहोवा की बड़ी भलाई’ से फायदा पाते हैं, हमारे मुँह से लगातार यहोवा की स्तुति निकलती रहे।—भज. 145:7.