प्रचार का काम—परमेश्वर के लिए हमारे प्यार का सबूत
1. परमेश्वर के लिए प्यार ने यीशु को क्या करने के लिए उकसाया?
प्यार ने ही यीशु को प्रचार करने के लिए उकसाया। उसने अपनी सेवा के हर पहलू में इस बात का ठोस सबूत दिया कि वह यहोवा से बहुत प्यार करता है। यीशु ने कहा: “ताकि दुनिया जान जाए कि मैं पिता से प्यार करता हूँ, इसलिए ठीक जैसे पिता ने मुझे आज्ञा दी है, मैं वैसे ही कर रहा हूँ।” (यूह. 14:31) यीशु के नक्शे-कदम पर चलनेवालों के नाते हमें भी यह सम्मान मिला है कि हम प्रचार में हिस्सा लेकर परमेश्वर के लिए अपना गहरा प्यार दिखाएँ।—मत्ती 22:37; इफि. 5:1, 2.
2. अगर हम यहोवा से प्यार करते हैं, तो हम क्या करेंगे?
2 “तेरा नाम पवित्र किया जाए”: जब हम हर मौके का फायदा उठाकर पूरे जोश से दूसरों को यहोवा और उसके राज के बारे में बताते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम परमेश्वर से प्यार करते हैं। साथ ही, इससे हम उसके नाम पर लगाए कलंक को मिटाने में मदद देते हैं। (भज. 83:18; यहे. 36:23; मत्ती 6:9) यीशु की तरह हम भी प्रचार में हिस्सा लेकर दिखाते हैं कि हम दिल से चाहते हैं कि यहोवा का नाम पवित्र किया जाए और उसकी मरज़ी पूरी हो।—मत्ती 26:39.
3. यहोवा के लिए प्यार किस तरह हमें बाधाएँ पार करने में मदद देता है?
3 प्यार हमें बाधाओं को पार करने में मदद देता है: यहोवा के लिए प्यार होने से हम हर मुश्किल, हर बाधा को पार कर पाएँगे। (1 कुरिं. 13:4, 7) यीशु की ज़िंदगी में ऐसे कई हालात आए जो उसे प्रचार करने से रोक सकते थे। लेकिन यहोवा के लिए गहरे प्यार और उसकी मरज़ी पूरी करने की इच्छा ने उसे हर बाधा को पार करने में मदद दी। (मर. 3:21; 1 पत. 2:18-23) हम भी कई मुश्किलों का सामना करते हैं, लेकिन परमेश्वर के लिए प्यार होने से हम उन मुश्किलों को पार कर सकते हैं। मसीह की मिसाल पर करीबी से चलकर हम बिना डरे और पूरे यकीन के साथ प्रचार में अपना भरसक कर सकेंगे। माना कि जब घरवाले या प्रचार में लोग हमारा विरोध करते हैं, खराब सेहत या बुढ़ापा हम पर कहर ढाता है या लोग राज संदेश में दिलचस्पी नहीं दिखाते, तो हम निराश हो सकते हैं। लेकिन ये बातें हमें अच्छी तरह गवाही देने और यहोवा के लिए अपना प्यार दिखाने से नहीं रोक सकतीं।
4. यहोवा के लिए प्यार ने हमें कौन-सा सुअवसर दिया है?
4 प्यार में सचमुच बड़ी ताकत होती है। और हमें यह सुअवसर मिला है कि हम प्रचार में हिस्सा लेकर परमेश्वर के लिए अपना गहरा प्यार दिखाएँ। (1 कुरिं. 13:13) बहुत जल्द यहोवा का नाम हमेशा के लिए पवित्र किया जाएगा। जैसे-जैसे वह वक्त करीब आ रहा है, ऐसा हो कि हमारा “प्यार और भी बढ़ता जाए।”—फिलि. 1:9; मत्ती 22:36-38.