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km 9/11 पेज 3

प्रचारकों के सवाल

◼ क्या दरवाज़े पर खड़े होकर बाइबल अध्ययन कराते वक्‍त प्रार्थना करनी चाहिए?

बाइबल अध्ययन को प्रार्थना से शुरू और खत्म करने के कई फायदे हैं। प्रार्थना में हम अपने अध्ययन पर यहोवा से उसकी पवित्र शक्‍ति माँगते हैं। (लूका 11:13) इसके अलावा, जब हम प्रार्थना करते हैं तो विद्यार्थी, अध्ययन की गंभीरता समझ पाता है और सीखता है कि प्रार्थना कैसे करनी चाहिए। (लूका 6:40) इसलिए अच्छा होगा कि जब हमें कोई बाइबल अध्ययन मिलता है तो हम जल्द-से-जल्द उसके साथ प्रार्थना करना शुरू कर दें। लेकिन दरवाज़े पर अध्ययन कराते वक्‍त हालात कुछ अलग होते हैं इसलिए साक्षियों को समझदारी से फैसला करना चाहिए कि वे दरवाज़े पर प्रार्थना करेंगे या नहीं।

एक खास मुद्दा जिस पर गौर करना ज़रूरी है, वह यह कि आस-पास का माहौल कैसा है। अगर वहाँ लोगों का ज़्यादा आना-जाना नहीं है और अध्ययन नियमित तौर पर चल रहा है तो सूझ-बूझ के साथ अध्ययन के शुरू और आखिर में छोटी-सी प्रार्थना की जा सकती है। लेकिन अगर ऐसा करने से लोगों का ध्यान खिंचता है या विद्यार्थी को थोड़ी असुविधा महसूस होती है तो अच्छा होगा कि हम तब तक प्रार्थना शुरू न करें, जब तक कि कोई मुनासिब जगह नहीं मिल जाती। चाहे अध्ययन दरवाज़े पर चलाया जा रहा हो या कहीं और, प्रार्थना कब से शुरू करनी चाहिए इसके बारे में समझदारी से काम लीजिए।—मार्च 2005 की हमारी राज्य सेवकाई का पेज 8 देखिए।

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