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  • दो गवाहों को मार डाला गया, फिर दोबारा ज़िंदा किया गया

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  • दो गवाहों को मार डाला गया, फिर दोबारा ज़िंदा किया गया
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हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा — सभा पुस्तिका—2019
mwb19 दिसंबर पेज 3
प्रकाशितवाक्य में बताए ‘दोनों गवाह’ दीवट और जैतून पेड़ के सामने खड़े हैं

पाएँ बाइबल का खज़ाना | प्रकाशितवाक्य 10-12

दो गवाहों को मार डाला गया, फिर दोबारा ज़िंदा किया गया

11:3-11

  • ‘दो गवाह’: अभिषिक्‍त भाइयों का छोटा समूह जो 1914 में अगुवाई ले रहा था। उस वक्‍त परमेश्‍वर का राज शुरू हुआ था

  • उन्हें मार डाला गया: उन्होंने “टाट ओढ़कर” साढ़े तीन साल तक प्रचार किया। इसके बाद उन्हें “मार डाला” गया यानी उन्हें जेल में डाला गया और उनके कामों पर रोक लगा दी गयी

  • उन्हें दोबारा ज़िंदा किया गया: साढ़े तीन दिन बाद, उन्हें दोबारा ज़िंदा किया गया यानी वे जेल से रिहा हुए और फिर से प्रचार काम की अगुवाई करने लगे। ये साढ़े तीन दिन लाक्षणिक हैं।

प्रकाशितवाक्य 11:⁠1, 2 के मुताबिक ऊपर बतायी घटनाओं का नाता लाक्षणिक मंदिर को जाँचने और शुद्ध करने से है जिसका ज़िक्र मलाकी 3:⁠1-⁠3 में किया गया है। भविष्यवाणी की समय-रेखा दिखाती है: 1914 के आखिर से 1919 की शुरूआत तक मंदिर को शुद्ध किया गया; 1914 के आखिर से 1918 की शुरूआत तक साढ़े तीन साल या 1,260 दिन पूरे होते हैं; 1918 की शुरूआत से 1919 की शुरूआत तक साढ़े तीन दिन पूरे होते हैं।
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