जीएँ मसीहियों की तरह
जब दूसरे आपकी तारीफ करें, तब भी नम्र रहें
कभी-कभी ऐसा होता है कि लोग हमारी तारीफ करते हैं या हमें शाबाशी देते हैं। अगर तारीफ सच्चे दिल से और सही इरादे से की गयी हो, तो हमें अच्छा लगता है। (नीत 15:23; 31:10, 28) लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि दूसरों से तारीफ सुनकर हम घमंड न करने लगें और खुद को दूसरों से बेहतर न समझने लगें।
यीशु की तरह वफादार बने रहिए—जब कोई आपकी तारीफ करे वीडियो देखिए। फिर आगे बताए सवालों के जवाब दीजिए:
दूसरे शायद किन बातों के लिए हमारी तारीफ करें?
भाइयों ने किस तरह सेरगी की बड़ाई की?
भाइयों का इस तरह तारीफ करना क्यों सही नहीं था?
भाई सेरगी की नम्रता से आप क्या सीख सकते हैं?