पाएँ बाइबल का खज़ाना | निर्गमन 12
फसह से मसीही क्या सीख सकते हैं?
जब यहोवा दसवाँ कहर लानेवाला था, तो उससे बचने के लिए इसराएलियों को यहोवा की हिदायतें माननी थीं। (निर्ग 12:28) नीसान 14 की रात सभी इसराएली परिवारों को अपने-अपने घर में इकट्ठा होना था। उन्हें एक नर मेम्ना या बकरा लेना था, जो एक साल का हो और जिसमें कोई दोष न हो। फिर उन्हें जानवर को हलाल करना था और घर के दरवाज़े के दोनों बाज़ुओं और चौखट के ऊपरी हिस्से पर उसका खून छिड़कना था। इसके बाद उन्हें पूरे जानवर को आग में भूनना था और उसे जल्दी-जल्दी खाना था। अगली सुबह तक उनमें से किसी को भी अपने घर से बाहर कदम नहीं रखना था।—निर्ग 12:9-11, 22.
आज किन-किन मामलों में आज्ञा मानने से हमारी हिफाज़त हो सकती है?