जीएँ मसीहियों की तरह
“दो पैसे” की कीमत
गरीब विधवा ने जो पैसे दान किए थे, उनकी कीमत इतनी कम थी कि उनसे एक वक्त का खाना भी नहीं मिलता। (लूका 21:4 का अध्ययन नोट देखें, “जो कुछ उसके जीने का सहारा था”) लेकिन उसके इस मामूली दान से पता चलता है कि वह यहोवा से कितना प्यार करती थी और उपासना से जुड़े इंतज़ाम को सहयोग देना चाहती थी। इस वजह से उसका दान यहोवा की नज़र में अनमोल था।—मर 12:43.
‘यहोवा के लिए भेंट’ वीडियो देखिए। फिर आगे बताए सवालों के जवाब दीजिए:
हमारे दान से क्या-क्या काम किए जाते हैं?
भले ही हमें अपना दान मामूली लगे, फिर भी वह यहोवा की नज़र में क्यों अनमोल है?
दान करने के तरीकों के बारे में हमें जानकारी कहाँ मिल सकती है? —“ज़्यादा जानकारी” नाम का बक्स देखें