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  • हम अपने पिता यहोवा से बहुत प्यार करते हैं

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  • हम अपने पिता यहोवा से बहुत प्यार करते हैं
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2020
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2020
w20 फरवरी पेज 8-13

अध्ययन लेख 7

हम अपने पिता यहोवा से बहुत प्यार करते हैं

“हम इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि पहले परमेश्‍वर ने हमसे प्यार किया।”—1 यूह. 4:19.

गीत 3 हमारी ताकत, आशा और भरोसा

लेख की एक झलकa

1-2. (क) यहोवा ने हमारे लिए उसके परिवार का हिस्सा बनने का रास्ता क्यों खोला? (ख) ऐसा करने के लिए उसने क्या इंतज़ाम किया?

यहोवा ने हमें उसके उपासकों के परिवार का हिस्सा होने का मौका दिया है। यह हमारे लिए कितनी बड़ी आशीष है! इस परिवार के लोगों ने अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया है और वे उसके बेटे के फिरौती बलिदान पर विश्‍वास करते हैं। इस परिवार के लोग होने के नाते हम बहुत खुश रहते हैं। हम आज भी एक अच्छी ज़िंदगी जीते हैं और हमें भविष्य में हमेशा तक जीने की आशा है। हममें से कुछ लोगों को हमेशा की ज़िंदगी स्वर्ग में मिलेगी और बाकी लोगों को धरती पर।

2 यहोवा ने हमसे प्यार करने की वजह से हमारे लिए रास्ता खोला है कि हम उसके परिवार का हिस्सा बन जाएँ। और इसके लिए यहोवा ने बहुत बड़ा त्याग किया है। (यूह. 3:16) बाइबल कहती है कि हमें “बड़ी कीमत देकर खरीदा गया है।” (1 कुरिं. 6:20) यहोवा ने फिरौती का जो इंतज़ाम किया है, उसकी वजह से हम उसके साथ एक गहरा रिश्‍ता कायम कर पाते हैं। हमें पूरे विश्‍व की सबसे महान हस्ती यहोवा को अपना पिता पुकारने का सम्मान मिला है। और जैसे हमने पिछले लेख में देखा था, यहोवा सबसे अच्छा पिता है।

3. यहोवा के एहसानों के बारे में सोचने से किस तरह के सवाल उठ सकते हैं? (यह बक्स भी देखें, “क्या यहोवा मुझ पर ध्यान देता है?”)

3 बाइबल के एक लेखक की तरह शायद हम भी कहें, “यहोवा ने मेरे साथ जितनी भी भलाई की है, उसका बदला मैं कैसे चुकाऊँगा?” (भज. 116:12) सच तो यह है कि हम अपने पिता यहोवा के एहसानों का बदला कभी नहीं चुका सकेंगे। लेकिन उसके प्यार के बदले हम उससे प्यार ज़रूर कर सकते हैं। प्रेषित यूहन्‍ना ने लिखा था, “हम इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि पहले परमेश्‍वर ने हमसे प्यार किया।” (1 यूह. 4:19) हम किन तरीकों से दिखा सकते हैं कि हम अपने पिता यहोवा से प्यार करते हैं?

क्या यहोवा मुझ पर ध्यान देता है?

एक औरत सड़क पर खड़ी है जहाँ कई लोग आ-जा रहे हैं। वह ऊपर की तरफ देख रही है मानो पूछ रही हो, ‘क्या परमेश्‍वर मुझ पर ध्यान देता है?’

क्या आपको कभी-कभी ऐसा लगता है, ‘दुनिया में तो अरबों लोग हैं। इतने सारे लोगों में क्या यहोवा कभी मेरी तरफ ध्यान देता होगा?’ अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो यकीन मानिए बहुत-से लोग ऐसा ही महसूस करते हैं। राजा दाविद ने भी लिखा था, “हे यहोवा, इंसान क्या है कि तू उस पर गौर करे? नश्‍वर इंसान क्या है कि तू उस पर ध्यान दे?” (भज. 144:3) मगर दाविद को यकीन था कि यहोवा उसे अच्छी तरह जानता है। (1 इति. 17:16-18) यहोवा अपने वचन और संगठन के ज़रिए आपको भी यकीन दिलाता है कि वह आप पर ध्यान देता है। आप यहोवा के लिए जो प्यार दिखाते हैं, उस पर वह गौर करता है। बाइबल में लिखी कुछ बातें आपको इस बात का भरोसा दिला सकती हैं। जैसे:

  • आपके पैदा होने से पहले ही यहोवा ने आप पर ध्यान दिया था।—भज. 139:16.

  • यहोवा जानता है कि आप मन में क्या सोचते हैं और कैसा महसूस करते हैं।—1 इति. 28:9.

  • आपकी हर प्रार्थना को यहोवा खुद सुनता है।—भज. 65:2.

  • आप सही काम करते हैं, तो वह खुश होता है और गलत करते हैं तो उसे दुख होता है।—नीति. 27:11.

  • यहोवा ने खुद आपको अपनी तरफ खींचा है।—यूह. 6:44.

  • यहोवा आपको बहुत अच्छी तरह जानता है, इसलिए अगर आपकी मौत हो जाए, तो वह आपको ज़िंदा कर सकता है। वह आपको फिर से वैसा ही शरीर और दिमाग देगा जैसा आपका अभी है। इसलिए आपकी वही यादें और वही स्वभाव होगा जो अभी आपका है।—यूह. 11:21-26, 39-44; प्रेषि. 24:15.

यहोवा के करीब रहिए

तसवीरें: 1. एक बहन मेज़ के पास बैठी प्रार्थना कर रही है और उसके सामने एक खुली बाइबल है। 2. एक जवान भाई को उसके स्कूल का एक लड़का सिगरेट दे रहा है और वह लेने से इनकार कर रहा है। 3. एक भाई एक आदमी को ट्रैक्ट दिखा रहा है, जो एक ट्रक पर खाना बेच रहा है।

अगर हम यहोवा से प्यार करते हैं तो हम लगातार प्रार्थना करेंगे, उसकी आज्ञा मानेंगे और दूसरों को उसके बारे में बताएँगे (पैराग्राफ 4-14 देखें)

4. याकूब 4:8 के मुताबिक हमें क्यों यहोवा के करीब रहने की कोशिश करनी चाहिए?

4 यहोवा चाहता है कि हम उसके करीब रहें और उससे लगातार बात करें। (याकूब 4:8 पढ़िए।) वह हमें बढ़ावा देता है कि हम ‘प्रार्थना में लगे रहें’ और वह हमारी प्रार्थना सुनने के लिए हमेशा तैयार रहता है। (रोमि. 12:12) यहोवा न तो कभी इतना व्यस्त रहता है, न ही इतना थका हुआ होता है कि हमारी प्रार्थना न सुन सके। बदले में हमें भी यहोवा की बात सुननी चाहिए। कैसे? उसका वचन बाइबल और उसकी समझ देनेवाले प्रकाशन पढ़कर। सभाओं में ध्यान से सुनना भी यहोवा की बात सुनने का एक तरीका है। यहोवा और हमारे बीच लगातार बातचीत होने से हम उसके करीब रहेंगे, ठीक जैसे माता-पिता और बच्चों के बीच लगातार बातचीत होने से उनका आपसी रिश्‍ता अच्छा रहता है।

एक बहन मेज़ के पास बैठी प्रार्थना कर रही है और उसके सामने एक खुली बाइबल है।

पैराग्राफ 5 देखें

5. हम अपनी प्रार्थनाओं में कैसे सुधार ला सकते हैं?

5 अपनी प्रार्थनाओं के बारे में गंभीरता से सोचिए। यहोवा चाहता है कि हम अपने मन के सारे विचार और अपनी भावनाएँ उसे खुलकर बताएँ। (भज. 62:8) इसलिए हमें खुद से पूछना चाहिए, ‘मेरी प्रार्थनाएँ कैसी होती हैं? कॉपी किए हुए मैसेजेस की तरह जिनमें कोई भावनाएँ नहीं होतीं? या फिर अपने हाथ से लिखी हुई चिट्ठियों की तरह?’ इसमें कोई शक नहीं कि आप यहोवा से दिलो-जान से प्यार करते हैं और चाहते हैं कि उसके साथ आपका एक गहरा रिश्‍ता हो। मगर इसके लिए ज़रूरी है कि आप लगातार उससे बात करें। उसे अपने मन की बात बताइए। आपको किस बात से खुशी मिलती है, आपकी चिंताएँ क्या हैं, यह सब उसे बताइए। भरोसा रखिए कि आप उससे बेझिझक मदद माँग सकते हैं।

6. अपने पिता यहोवा के करीब रहने के लिए क्या ज़रूरी है?

6 अपने पिता यहोवा के करीब रहने के लिए ज़रूरी है कि हम उसके एहसानों के लिए हमेशा शुक्रगुज़ार रहें। हम भी एक भजन के रचयिता की तरह यह मानते हैं: “हे यहोवा, मेरे परमेश्‍वर, तूने हमारी खातिर कितने आश्‍चर्य के कामों और मकसदों को अंजाम दिया है। तेरा कोई सानी नहीं। अगर मैं उनका बखान करना चाहूँ, तो वे इतने बेशुमार हैं कि उनका बखान करना नामुमकिन होगा!” (भज. 40:5) यह काफी नहीं कि हमारा दिल यहोवा के लिए एहसान से भरा हो। हमारी बातों और हमारे कामों से दिखना चाहिए कि हम उसके एहसानमंद हैं। दुनिया के लोगों और हममें यही फर्क है। आज ज़्यादातर लोग परमेश्‍वर के भले कामों की बिलकुल कदर नहीं करते। दरअसल इस तरह का रवैया “आखिरी दिनों” की एक निशानी भी है। (2 तीमु. 3:1, 2) हम दुनिया के लोगों की तरह कभी नहीं बनना चाहेंगे!

7. यहोवा हमसे क्या चाहता है? और क्यों?

7 माता-पिता कभी नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे आपस में झगड़ते रहें, बल्कि यही चाहेंगे कि वे मिल-जुलकर रहें। उसी तरह यहोवा चाहता है कि उसके सभी बच्चे एक-दूसरे के साथ प्यार से रहें। दरअसल इसी प्यार से पहचान होती है कि हम सच्चे मसीही हैं। (यूह. 13:35) भजन के एक रचयिता की तरह हम भी यही मानते हैं: “देखो! भाइयों का एक होकर रहना क्या ही भली और मनभावनी बात है!” (भज. 133:1) अपने भाई-बहनों के साथ प्यार से रहकर हम मानो यहोवा से कह रहे हैं कि हम उससे प्यार करते हैं। (1 यूह. 4:20) भाई-बहनों के इस परिवार का हिस्सा होना कितनी बड़ी आशीष है, जहाँ सब ‘एक-दूसरे के साथ कृपा से पेश आते हैं और कोमल करुणा दिखाते हैं।’—इफि. 4:32.

आज्ञा मानिए

एक जवान भाई को उसके स्कूल का एक लड़का सिगरेट दे रहा है और वह लेने से इनकार कर रहा है।

पैराग्राफ 8 देखें

8. पहला यूहन्‍ना 5:3 के मुताबिक यहोवा की आज्ञा मानने की सबसे खास वजह क्या है?

8 यहोवा बच्चों से चाहता है कि वे माता-पिता का कहना मानें। और वह हमसे चाहता है कि हम उसका कहना मानें। (इफि. 6:1) यह बिलकुल सही है कि हम यहोवा की आज्ञा मानें, क्योंकि उसने हमें जीवन दिया है, हमारे ज़िंदा रहने के लिए जो भी ज़रूरी है वह हमें देता है और दुनिया के किसी भी पिता से ज़्यादा बुद्धिमान है। मगर यहोवा की आज्ञा मानने की सबसे बड़ी वजह यह है कि हम उससे प्यार करते हैं। (1 यूहन्‍ना 5:3 पढ़िए।) हालाँकि यहोवा से प्यार करने के कई कारण हैं, मगर वह कभी हम पर ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं करता कि हम उसकी आज्ञा मानें। उसने हमें अपनी मरज़ी करने की आज़ादी दी है। इसलिए जब हम उससे प्यार करने की वजह से उसकी आज्ञा मानते हैं, तो वह बहुत खुश होता है।

9-10. यहोवा के नियमों को जानना और उन पर चलना क्यों ज़रूरी है?

9 माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे कोई मुसीबत में न पड़ें। इसीलिए वे उनके लिए कुछ नियम ठहराते हैं, जिन्हें मानने से बच्चों का भला होता है। जब बच्चे उनका कहना मानते हैं, तो यह दिखाता है कि उन्हें अपने माता-पिता पर भरोसा है और वे उनका आदर करते हैं। माता-पिताओं की तरह यहोवा ने भी हमारे लिए कुछ नियम ठहराए हैं। उन नियमों को जानना और उन पर चलना और भी ज़रूरी है। ऐसा करना दिखाता है कि हम यहोवा से प्यार करते हैं और उसका आदर करते हैं। इससे हमारा भला होता है। (यशा. 48:17, 18) वहीं जो लोग यहोवा का आदर नहीं करते और उसके नियमों को नहीं मानते, वे खुद का नुकसान कर लेते हैं।—गला. 6:7, 8.

10 अगर हम यहोवा के बताए तरीके से जीएँ, तो हम ऐसे काम नहीं करेंगे जिससे हमारी सेहत को नुकसान हो सकता है, हमारी मन की शांति छिन सकती है या यहोवा के साथ हमारा रिश्‍ता खराब हो सकता है। यहोवा जानता है कि हमारी भलाई किसमें है। अमरीका की रहनेवाली ऑरोरा कहती है, “मैं जानती हूँ कि यहोवा की आज्ञा मानने से हम ज़िंदगी में खुश रहेंगे।” यह बात वाकई सच है। यहोवा की बात मानने से आपको क्या-क्या फायदा हुआ है?

11. प्रार्थना से हमें कैसे मदद मिलती है?

11 प्रार्थना करने से हमें यहोवा की आज्ञा मानने में मदद मिलती है, फिर चाहे किसी आज्ञा को मानना हमारे लिए मुश्‍किल ही क्यों न हो। कभी-कभी हमें यहोवा की बात मानने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है, क्योंकि हमारे अंदर पाप करने की कमज़ोरी है। मगर हमें इस कमज़ोरी पर काबू पाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। एक भजन के रचयिता ने परमेश्‍वर से यह बिनती की, “मेरे अंदर ऐसी इच्छा जगा कि मैं तेरी आज्ञा मानूँ।” (भज. 51:12) डेनीस नाम की एक पायनियर बहन कहती है, “अगर मुझे यहोवा की किसी आज्ञा को मानना मुश्‍किल लगता है, तो मैं उससे प्रार्थना करती हूँ कि मुझे उसे मानने की ताकत दे।” अगर हम भी इस तरह प्रार्थना करें, तो हम भरोसा रख सकते हैं कि यहोवा उस प्रार्थना का ज़रूर जवाब देगा।—लूका 11:9-13.

हमारे पिता से प्यार करने में दूसरों की मदद कीजिए

12. इफिसियों 5:1 के मुताबिक हमें क्या करना चाहिए?

12 इफिसियों 5:1 पढ़िए। यहोवा के “प्यारे बच्चों” के नाते हम उसके जैसे गुण दर्शाने की पूरी कोशिश करते हैं। जब हम दूसरों पर कृपा करते हैं, उनके साथ प्यार से पेश आते हैं और उनकी गलतियाँ माफ करते हैं, तो हम यहोवा की मिसाल पर चल रहे होते हैं। हमारा बढ़िया चालचलन देखकर ऐसे लोग भी यहोवा को जानना चाहेंगे जो उसे अब तक नहीं जानते। (1 पत. 2:12) माता-पिताओं को बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए जैसे यहोवा हमारे साथ व्यवहार करता है। जब वे ऐसा करेंगे, तो उनके बच्चे भी यहोवा से प्यार करेंगे।

एक भाई एक आदमी को ट्रैक्ट दिखा रहा है, जो एक ट्रक पर खाना बेच रहा है।

पैराग्राफ 13 देखें

13. हमें किस बारे में गहराई से सोचना चाहिए?

13 ज़्यादातर छोटे बच्चों को अपने पापा पर गर्व महसूस होता है और वे दूसरों को अपने पापा के बारे में बड़ी खुशी से बताते हैं। हम भी अपने पिता यहोवा पर गर्व महसूस करते हैं और चाहते हैं कि दूसरे भी उसे जानें। हम राजा दाविद की तरह यह महसूस करते हैं, “मैं यहोवा पर गर्व करूँगा।” (भज. 34:2) लेकिन अगर हम शर्मीले स्वभाव के हैं और इसलिए दूसरों को यहोवा के बारे में बताने से झिझकते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं? हम कैसे हिम्मत जुटा सकते हैं? हम इस बारे में गहराई से सोच सकते हैं कि अगर हम दूसरों को यहोवा के बारे में बताएँ, तो यहोवा को कितनी खुशी होगी और दूसरों को कितना फायदा होगा। दूसरों को बताने में यहोवा हमारी मदद करेगा, ठीक जैसे उसने पहली सदी में हमारे भाइयों को हिम्मत दी थी।—1 थिस्स. 2:2.

14. किन वजहों से हमें चेला बनाने का काम करना चाहिए?

14 यहोवा किसी के साथ भेद-भाव नहीं करता। इसलिए जब हम सब लोगों से प्यार करते हैं, तो उसे खुशी होती है। (प्रेषि. 10:34, 35) दूसरों से प्यार करने का एक बढ़िया तरीका है, उन्हें खुशखबरी बताना। (मत्ती 28:19, 20) इस काम से क्या फायदा होता है? जो लोग हमारा संदेश स्वीकार करते हैं, वे आज एक अच्छी ज़िंदगी जी पाते हैं और भविष्य में उन्हें हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी।—1 तीमु. 4:16.

हमारे पिता से प्यार कीजिए और खुश रहिए

15-16. हमारे पास खुश रहने के क्या-क्या कारण हैं?

15 यहोवा हम सबसे प्यार करनेवाला पिता है। इसलिए वह चाहता है कि उसके परिवार के सब लोग खुश रहें। (यशा. 65:14) आज हम कई वजहों से खुश रह सकते हैं, फिर चाहे हम मुश्‍किलें क्यों न झेल रहे हों। हमें पूरा भरोसा है कि हमारा पिता यहोवा हमसे बहुत प्यार करता है। हमें परमेश्‍वर के वचन बाइबल की सही समझ मिली है। (यिर्म. 15:16) और हम एक ऐसे परिवार का हिस्सा हैं जिसके लोग यहोवा से प्यार करते हैं, उसके नैतिक नियमों को खुशी-खुशी मानते हैं और एक-दूसरे से प्यार करते हैं।—भज. 106:4, 5.

16 हम हमेशा खुश रह सकते हैं, क्योंकि हम पक्के तौर पर जानते हैं कि आनेवाले समय में हमारी ज़िंदगी और खुशनुमा हो जाएगी। बहुत जल्द यहोवा सभी दुष्टों का नाश कर देगा और उसके राज की निगरानी में धरती को दोबारा फिरदौस बना दिया जाएगा। और जिन लोगों की मौत हो गयी है, उनके बारे में हमें यह आशा है कि वे ज़िंदा होंगे और हम उनसे दोबारा मिल पाएँगे। (यूह. 5:28, 29) वह क्या ही खुशी का समय होगा! सबसे खास बात, बहुत जल्द ऐसा समय आनेवाला है जब स्वर्ग और धरती पर हर कोई हमारे पिता यहोवा की महिमा, तारीफ और उपासना करेगा, जिसका वह हकदार है।

आप क्यों मानते हैं कि हमें . . .

  • ज़्यादा-से-ज़्यादा प्रार्थना करनी चाहिए?

  • यहोवा की आज्ञा माननी चाहिए?

  • हमारे पिता यहोवा के बारे में दूसरों को बताना चाहिए?

गीत 12 यहोवा, महान परमेश्‍वर

a हम जानते हैं कि हमारा पिता यहोवा हमसे बहुत प्यार करता है और उसने हमें अपने उपासकों के परिवार का हिस्सा बनाया है। बदले में हम भी यहोवा से प्यार करते हैं। हम कैसे दिखा सकते हैं कि हम अपने पिता यहोवा से प्यार करते हैं? ऐसा करने के कुछ तरीके इस लेख में बताए जाएँगे।

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