वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • wp21 अंक 1 पेज 10-13
  • प्रार्थना कैसे करें?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • प्रार्थना कैसे करें?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2021
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना कीजिए, मगर यीशु के नाम से
  • दिल से बात कीजिए
  • सही चीज़ों के लिए प्रार्थना कीजिए
  • हमें किन बातों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए?
  • प्रार्थना करते रहिए!
  • प्रार्थना करने से आप परमेश्‍वर के करीब आ सकते हैं
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
  • प्रार्थना—एक बड़ा सम्मान
    बाइबल हमें क्या सिखाती है?
  • प्रार्थना में परमेश्‍वर के क़रीब आना
    परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है?
  • प्रार्थना से परमेश्‍वर के करीब आइए
    बाइबल असल में क्या सिखाती है?
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2021
wp21 अंक 1 पेज 10-13

प्रार्थना कैसे करें?

परमेश्‍वर यहोवा को ‘प्रार्थना का सुननेवाला’ कहा गया है। (भजन 65:2) हम उससे कहीं भी और कभी-भी प्रार्थना कर सकते हैं। हम मन-ही-मन उससे प्रार्थना करें, तब भी वह हमारी सुनता है। देखा जाए तो हम सभी उसके बच्चे हैं, इसलिए वह चाहता है कि हम उसे अपना “पिता” मानकर उसे अपनी हर बात बताएँ। (मत्ती 6:9) शास्त्र में उसने हमें बताया है कि हम कैसे उससे प्रार्थना कर सकते हैं।

परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना कीजिए, मगर यीशु के नाम से

“अगर तुम पिता से कुछ भी माँगोगे तो वह मेरे नाम से तुम्हें दे देगा।”​—यूहन्‍ना 16:23.

यह बात यीशु ने कही थी। इससे साफ पता चलता है कि हमें सिर्फ परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना करनी चाहिए। हमें यह भी पता चलता है कि हमें किसी मूरत, साधु-संत, स्वर्गदूत या पूर्वजों के माध्यम से नहीं, बल्कि यीशु मसीह के ज़रिए या उसके नाम से प्रार्थना करनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि जब हम परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना कर रहे होते हैं, तो हमें यीशु को भी याद करना चाहिए और कहना चाहिए कि हम यह प्रार्थना यीशु के नाम से करते हैं। यीशु ने कहा, “कोई भी पिता के पास नहीं आ सकता, सिवा उसके जो मेरे ज़रिए आता है।” (यूहन्‍ना 14:6) प्रार्थना में यीशु का ज़िक्र करके हम दिखाते हैं कि उसने हमारे लिए जो किया, उसकी हम बहुत कदर करते हैं।

दिल से बात कीजिए

“उसके आगे अपना दिल खोलकर रख दो।”​—भजन 62:8.

प्रार्थना में यहोवा से उसी तरह बात कीजिए जैसे कोई अपने पिता से बात करता है। हर दिन एक-जैसी प्रार्थना मत कीजिए, न ही किसी किताब में लिखी बात बार-बार दोहराइए। इसके बजाय आपके मन में जो कुछ चल रहा है, उसे खुलकर बताइए, फिर चाहे आप किसी बात को लेकर खुश हों या दुखी।

सही चीज़ों के लिए प्रार्थना कीजिए

‘हम परमेश्‍वर की मरज़ी के मुताबिक चाहे जो भी माँगें वह हमारी सुनता है।’​—1 यूहन्‍ना 5:14.

अगर हम चाहते हैं कि ईश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुने, तो हमें “उसकी मरज़ी के मुताबिक” प्रार्थना करनी होगी। हम उसकी मरज़ी कैसे जान सकते हैं? पवित्र शास्त्र बाइबल पढ़कर हम जान सकते हैं कि उसे क्या पसंद है और क्या नहीं। अगर हम इस बात को ध्यान में रखकर प्रार्थना करें, तो वह हमारी ज़रूर सुनेगा।

हमें किन बातों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए?

एक परिवार के लोग खाना खाने से पहले साथ मिलकर प्रार्थना कर रहे हैं।

अपनी ज़रूरतों के लिए प्रार्थना कीजिए। हम ईश्‍वर से अपनी ज़रूरतों के लिए प्रार्थना कर सकते हैं, जैसे खाने, कपड़े और घर के लिए। हम उससे मिन्‍नत कर सकते हैं कि वह हमें सही फैसले करने के लिए बुद्धि दे और मुश्‍किलों का सामना करने की हिम्मत दे। हम ईश्‍वर से अपनी गलतियों की माफी माँग सकते हैं, किसी काम को करने के लिए मदद माँग सकते हैं और उस पर अटूट विश्‍वास पैदा करने के लिए मदद माँग सकते हैं।​—लूका 11:3, 4, 13; याकूब 1:5, 17.

एक स्त्री अस्पताल में बिस्तर पर लेटी है। उसका पति उसके लिए प्रार्थना कर रहा है।

दूसरों के लिए प्रार्थना कीजिए। अगर एक परिवार में सभी बच्चे आपस में प्यार से रहें तो इससे माता-पिता को खुशी होती है। हम सब परमेश्‍वर यहोवा के बच्चे हैं और वह चाहता है कि हम एक-दूसरे की फिक्र करें। शास्त्र में लिखा है, “एक-दूसरे के लिए प्रार्थना करो,” इसलिए हमें अपने जीवन-साथी, बच्चों, रिश्‍तेदारों और दोस्तों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।​—याकूब 5:16.

सूरज डूब रहा है और एक आदमी खेत से होते हुए जा रहा है।

धन्यवाद कीजिए। शास्त्र में लिखा है कि ‘ईश्‍वर भलाई करता है। वह हमें आकाश से बरसात और अच्छी पैदावार के मौसम देता है और हमें जी-भरकर खाना देता है और हमारे दिलों को आनंद से भरता है।’ (प्रेषितों 14:17) ईश्‍वर सच में हमारे लिए कितना कुछ करता है। हमें इस बारे में गहराई से सोचना चाहिए, तब हमारा दिल ईश्‍वर के लिए एहसान से भर जाएगा और हम ज़रूर उसका धन्यवाद करना चाहेंगे। ईश्‍वर का एहसान मानने का एक और तरीका है, उसकी आज्ञा मानना।​—कुलुस्सियों 3:15.

प्रार्थना करते रहिए!

हो सकता है, हमने ईश्‍वर को सच्चे मन से पुकारा हो लेकिन हमें अपनी प्रार्थनाओं का तुरंत जवाब नहीं मिला। इस वजह से शायद हम निराश हो जाएँ और सोचें, ‘ईश्‍वर को मेरी कोई फिक्र नहीं!’ पर ऐसा नहीं है। आइए उन लोगों पर दोबारा गौर करें जिनका पत्रिका की शुरूआत में ज़िक्र किया गया था। उनसे हम सीख सकते हैं कि जब ईश्‍वर हमारी प्रार्थनाओं का तुरंत जवाब नहीं देता, तो हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए बल्कि प्रार्थना करते रहना चाहिए। 

स्टीव नाम का आदमी बताता है, “मैं ज़िंदगी से कब का हार मान चुका था। लेकिन प्रार्थना करने से मुझमें फिर से उम्मीद जाग उठी।” दरअसल स्टीव बाइबल पढ़ने लगा और उसने सीखा कि क्यों ईश्‍वर से प्रार्थना करते रहना चाहिए। स्टीव कहता है, “मेरे दोस्तों ने मुश्‍किल की घड़ी में मेरी बहुत मदद की। मैं ईश्‍वर का शुक्रगुज़ार हूँ कि उसने मुझे ऐसे दोस्त दिए।”

जेनी नाम की औरत को लगता था कि वह ईश्‍वर से बात करने के लायक नहीं है। वह कहती है, “जब मैं निराशा में डूबी हुई थी, तब मैंने ईश्‍वर से फरियाद की और अपने दिल का सारा हाल उसे बताया। ऐसा करने से मेरा मन शांत हुआ। भले ही मैं अपनी गलतियों की वजह से खुद को बेकार समझती हूँ, लेकिन ईश्‍वर मेरे बारे में ऐसा नहीं सोचता। कई बार हमें अपनी प्रार्थनाओं का तुरंत जवाब नहीं मिलता, लेकिन हमें प्रार्थना करते रहना चाहिए। प्रार्थना करने से मुझे जीने की हिम्मत मिली है। मैं यहोवा को अपना पिता और अपना दोस्त मान पायी हूँ। उसने हमसे वादा किया है कि अगर हम उसकी बात मानते रहें, तो वह हमें कभी अकेला नहीं छोड़ेगा।”

ईसाबेल, उसका पति और बेटा।

ईसाबेल मानती है कि ईश्‍वर ने उसकी प्रार्थना सुन ली, क्योंकि उसका बेटा अपंग होने के बावजूद खुश है

ज़रा ईसाबेल नाम की एक औरत पर ध्यान दीजिए। जब वह माँ बननेवाली थी, तब डॉक्टरों ने उससे कहा कि उसका बच्चा अपंग पैदा होगा। यह सुनकर ईसाबेल को बड़ा धक्का लगा। कुछ लोगों ने उससे कहा कि वह अपना गर्भ गिरा दे। वह कहती है, “मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ। मैं दिन-रात ईश्‍वर से प्रार्थना करने लगी और उससे मदद माँगने लगी।” कुछ समय बाद उसने एक लड़के को जन्म दिया और उसका नाम जेरार्ड रखा। हालाँकि उसका बेटा अपंग पैदा हुआ, फिर भी ईसाबेल मानती है कि ईश्‍वर ने उसकी प्रार्थना सुन ली। वह कैसे? वह कहती है, “आज मेरा बेटा जेरार्ड 14 साल का है और अपंग होने पर भी बहुत खुश है। यहोवा ने मुझे यह बेटा देकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया है। उसने मेरी प्रार्थना सुनी है, इसलिए मैं उसकी बहुत एहसानमंद हूँ!”​

ईश्‍वर के बारे में शास्त्र में लिखी यह बात कितनी सच है, “हे यहोवा, तू दीनों की बिनती सुनेगा। उनके दिलों को मज़बूत करेगा, उन पर पूरा ध्यान देगा।” (भजन 10:17) यकीन रखिए, ईश्‍वर आपकी बिनतियाँ और प्रार्थनाएँ ज़रूर सुनेगा।

पवित्र शास्त्र बाइबल में यीशु की कई प्रार्थनाएँ दर्ज़ हैं। इनमें से सबसे जानी-मानी प्रार्थना वह है जो यीशु ने अपने शिष्यों को सिखायी थी। आइए उस प्रार्थना के बारे में जानें।​

एक बढ़िया प्रार्थना

यीशु एक पहाड़ पर बैठा उपदेश दे रहा है और लोगों की एक भीड़ ध्यान से सुन रही है।

एक बार यीशु ने अपने शिष्यों को उपदेश देते वक्‍त उन्हें प्रार्थना करना सिखाया। कई लोग इसे “प्रभु की प्रार्थना” कहते हैं। (मत्ती 6:9-13; लूका 11:2-4 भी देखें।) आज यह प्रार्थना इतनी मशहूर हो गयी है कि यह लोगों को मुँह-ज़बानी याद है और वे इसे शब्द-ब-शब्द दोहराते हैं। मगर क्या यीशु ने यह प्रार्थना इसलिए सिखायी थी कि हम इसे रट लें और इसे दोहराते रहें? नहीं। (मत्ती 6:7) उसने तो बस यह बताया कि हमें प्रार्थना किससे करनी चाहिए और हम प्रार्थना में क्या-क्या कह सकते हैं। आइए देखें कि यीशु की उस प्रार्थना से हम क्या सीख सकते हैं।

“हे हमारे पिता तू जो स्वर्ग में है”

  • हमें सिर्फ और सिर्फ परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना करनी चाहिए।

“तेरा नाम पवित्र किया जाए”

  • परमेश्‍वर का नाम पवित्र है। हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे यहोवा की बदनामी हो।

“तेरा राज आए”

  • परमेश्‍वर का राज एक ऐसी सरकार है जो बहुत जल्द स्वर्ग से पूरी धरती पर शासन करेगी। इसका राजा यीशु है।

“तेरी मरज़ी जैसे स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे धरती पर भी पूरी हो”

  • परमेश्‍वर की यही मरज़ी है कि इंसान धरती पर अमन-चैन से हमेशा के लिए जीए।

“आज के दिन की रोटी हमें दे”

  • हमारी हर दिन की ज़रूरतों को पूरा करनेवाला यहोवा ही है।

“हमारे पाप माफ कर”

  • हम सब गलतियाँ करते हैं, इसलिए हमें ईश्‍वर से माफी माँगनी चाहिए।

इन बातों को ध्यान में रखने से आप ईश्‍वर से अच्छी तरह प्रार्थना कर पाएँगे।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें