वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w23 फरवरी पेज 2-7
  • बाइबल बयान करती है इसके लेखक की खूबियाँ

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • बाइबल बयान करती है इसके लेखक की खूबियाँ
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2023
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • बाइबल से पता चलता है कि यहोवा बहुत बुद्धिमान है
  • बाइबल से पता चलता है कि यहोवा हमेशा न्याय करता है
  • बाइबल से पता चलता है कि यहोवा हमसे प्यार करता है
  • बाइबल एक बढ़िया तोहफा है, इसकी कदर करें
  • क्या बाइबल वास्तव में परमेश्‍वर की ओर से है?
    आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं
  • बाइबल को परमेश्‍वर ने लिखवाया
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
  • क्या खुशखबरी वाकई परमेश्‍वर की तरफ से है?
    परमेश्‍वर की तरफ से खुशखबरी!
  • ‘परमेश्‍वर के वचन’ में बुद्धि
    यहोवा के करीब आओ
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2023
w23 फरवरी पेज 2-7

अध्ययन लेख 6

बाइबल बयान करती है इसके लेखक की खूबियाँ

“मैं तुझसे जो-जो कहने जा रहा हूँ, वह सब एक किताब में लिख ले।”​—यिर्म. 30:2.

गीत 96 याह की पवित्र किताब​—एक खज़ाना

एक झलकa

1. हम यहोवा के क्यों एहसानमंद हैं कि उसने हमें बाइबल दी है?

हम यहोवा के बहुत एहसानमंद हैं कि उसने हमें बाइबल दी है। इसमें उसने बढ़िया सलाह लिखवायी है, जिसे मानने से आज हम अपनी मुश्‍किलें पार कर पाते हैं। इसके ज़रिए उसने हमें भविष्य के लिए एक शानदार आशा भी दी है। लेकिन इससे भी बढ़कर उसने बाइबल के ज़रिए हमें बताया है कि वह कैसा परमेश्‍वर है और उसमें कौन-कौन-से गुण हैं। जब हम परमेश्‍वर के गुणों पर मनन करते हैं, उनके बारे में गहराई से सोचते हैं, तो हमें बहुत अच्छा लगता है। हमारा मन करता है कि हम उसके और करीब आएँ और उसके दोस्त बनें।​—भज. 25:14.

2. यहोवा ने किन-किन तरीकों से लोगों को अपने बारे में बताया?

2 यहोवा चाहता है कि लोग उसके बारे में जानें। बीते ज़माने में उसने सपनों, दर्शनों और स्वर्गदूतों के ज़रिए लोगों को अपने बारे में बताया। (गिन. 12:6; प्रेषि. 10:3, 4) पर ज़रा सोचिए, अगर वे बातें किसी ने लिखी ना होतीं, तो हमें उनके बारे में कैसे पता चलता। इसी वजह से यहोवा ने कुछ आदमियों के ज़रिए वे सारी बातें “एक किताब में” लिखवायीं। (यिर्म. 30:2) यहोवा जो भी करता है, वह सबसे अच्छा होता है, उसका हर काम “खरा” है। इसलिए हम यकीन रख सकते हैं कि बाइबल लिखवाकर उसने एकदम सही किया। अगर हम इसे पढ़ेंगे, तो हमें बहुत फायदा होगा।​—भज. 18:30.

3. यहोवा ने इस बात का कैसे ध्यान रखा कि उसका वचन हमेशा कायम रहे? (यशायाह 40:8)

3 यशायाह 40:8 पढ़िए। देखा जाए तो बाइबल ऐसी चीज़ों पर लिखी गयी थी जो ज़्यादा सालों तक नहीं टिकतीं और यह शुरू में जिन खर्रों पर लिखी गयी थी, आज हमारे पास उनमें से एक भी नहीं है। फिर भी बाइबल में यहोवा ने जो बढ़िया सलाह लिखवायी थी, उसे मानने से इंसानों को हज़ारों सालों से फायदा होता आया है। यह कैसे हो पाया? यहोवा ने इस बात का ध्यान रखा कि शास्त्र की नकलें बनायी जाएँ। जिन लोगों ने इसकी नकलें बनायीं, वे अपरिपूर्ण थे, पर उन्होंने इस बात का बहुत ध्यान रखा कि उनसे गलतियाँ ना हों। एक विद्वान ने भी इब्रानी शास्त्र के बारे में कहा, “हम पूरे दावे के साथ कह सकते हैं कि ऐसी कोई और प्राचीन किताब नहीं जिसे बिना किसी फेरबदल के हम तक सही-सही पहुँचाया गया हो।” तो हम क्या कह सकते हैं? बाइबल को लिखे हज़ारों साल हो चुके हैं, यह ऐसी चीज़ों पर लिखी गयी थी जो ज़्यादा समय तक नहीं टिकतीं और इसकी नकलें भी अपरिपूर्ण इंसानों ने बनायीं। फिर भी हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि आज बाइबल में हम जो बातें पढ़ते हैं, वे वही बातें हैं जो इसके लेखक यहोवा ने हज़ारों साल पहले लिखवायी थीं।

4. इस लेख में हम क्या जानेंगे?

4 यहोवा से ही हमें “हर अच्छा तोहफा और हर उत्तम देन” मिलती है। (याकू. 1:17) क्या कभी किसी ने आपको तोहफे में कोई ऐसी चीज़ दी है जिसकी आपको ज़रूरत भी थी? इससे पता चलता है कि वह व्यक्‍ति आपको कितनी अच्छी तरह जानता है। बाइबल भी ऐसा ही एक बढ़िया तोहफा है। इसे पढ़ने से हमें पता चलता है कि यहोवा हमें कितनी अच्छी तरह जानता है और उसे मालूम है कि हमें किन चीज़ों की ज़रूरत है। इसे पढ़ने से हम यहोवा के कई गुणों के बारे में भी जान पाते हैं। जैसे, वह बहुत बुद्धिमान है, हमेशा न्याय करता है और वह हमसे बहुत प्यार करता है। इस लेख में हम उसके इन्हीं तीन गुणों के बारे में जानेंगे। आइए सबसे पहले देखें कि बाइबल पढ़ने से कैसे पता चलता है कि यहोवा बहुत बुद्धिमान है।

बाइबल से पता चलता है कि यहोवा बहुत बुद्धिमान है

5. बाइबल में लिखी बातों से कैसे पता चलता है कि परमेश्‍वर बहुत बुद्धिमान है?

5 यहोवा जानता है कि हमें बढ़िया सलाह की बहुत ज़रूरत है। इसलिए उसने हमें तोहफे में जो बाइबल दी है, उसमें कई मामलों के बारे में बढ़िया सलाह पायी जाती है। बाइबल की सलाह मानने से लोगों को बहुत फायदा होता है, कुछ लोगों की तो ज़िंदगी ही बदल जाती है। इससे पता चलता है कि यहोवा कितना बुद्धिमान है। ध्यान दीजिए कि जब मूसा ने बाइबल की शुरू की किताबें लिखीं, तो उसने परमेश्‍वर के लोगों से क्या कहा: “ये कोई खोखली बातें नहीं हैं, इन्हीं पर तुम्हारी ज़िंदगी टिकी है।” (व्यव. 32:47) जो लोग शास्त्र में लिखी सलाह मानते, वे एक अच्छी और खुशहाल ज़िंदगी जी पाते। (भज. 1:2, 3) यह बात तब भी सच थी और आज भी सच है। भले ही बाइबल को लिखे हज़ारों साल हो चुके हैं, फिर भी इसकी सलाह आज भी उतनी ही काम की है जितनी पहले थी। इसकी सलाह मानने से लोगों की ज़िंदगी कैसे बदल गयी, यह जानने के लिए आप jw.org पर “पवित्र शास्त्र सँवारे ज़िंदगी” नाम की शृंखला देख सकते हैं। इसमें 30 से भी ज़्यादा लोगों की कहानियाँ दी गयी हैं। इनसे साफ पता चलता है जो लोग परमेश्‍वर के वचन पर विश्‍वास करते हैं, ‘यह उन पर असर करता है।’​—1 थिस्स. 2:13.

6. हम क्यों कह सकते हैं कि बाइबल के जैसी और कोई किताब नहीं है?

6 दुनिया में बाइबल के जैसी और कोई किताब नहीं। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं? अगर दूसरी किताबों की बात करें, तो उनके लेखकों की एक-न-एक दिन मौत हो जाती है और उनमें लिखी बातें भी कुछ समय बाद किसी काम नहीं आतीं। लेकिन बाइबल का लेखक यहोवा सर्वशक्‍तिमान है, वह हमेशा से है और हमेशा तक रहेगा और वह सबसे बुद्धिमान है। और बाइबल में लिखी बातें भी हमेशा काम आती हैं, बीते ज़माने में भी लोगों को इससे फायदा हुआ और आज भी हो रहा है। जब हम बाइबल पढ़ते हैं और उस पर मनन करते हैं, तो इसका लेखक हमें पवित्र शक्‍ति देता है ताकि हम समझ पाएँ कि हम उन बातों को कैसे मान सकते हैं। (भज. 119:27; मला. 3:16; इब्रा. 4:12) सोचिए, जब इसका लेखक हमारी मदद करने के लिए तैयार है, तो क्यों ना हम इसे हर दिन पढ़ें और इससे पूरा फायदा पाएँ?

तसवीरें: 1. बाइबल के खर्रे, किताब के रूप में बाइबल की हस्तलिपियाँ, बाइबल की छपी हुई कॉपियाँ और फोन और टैबलेट में बाइबल। 2. अलग-अलग देश और जाति के लोग बाइबल पढ़ रहे हैं, कुछ लोगों के हाथ में बाइबल की छपी हुई कॉपी है और कुछ फोन या टैबलेट पर पढ़ रहे हैं। कुछ लोग घर पर पढ़ रहे हैं, कुछ काम की जगह पर और कुछ सफर करते वक्‍त।

बाइबल की वजह से यहोवा के लोग बीते ज़माने में और आज भी कैसे एक होकर उसकी सेवा कर पाए हैं? (पैराग्राफ 7-8)

7. शास्त्र की वजह से बीते ज़माने में परमेश्‍वर के लोगों के बीच कैसे एकता बनी रही?

7 बाइबल की वजह से परमेश्‍वर के लोगों के बीच एकता बनी रहती है। इससे भी पता चलता है कि इसका लेखक कितना बुद्धिमान है। जब इसराएली वादा किए गए देश में पहुँचे, तो वे दूर-दूर के इलाकों में जाकर बस गए और अलग-अलग काम करने लगे। कुछ मछली पकड़ने का काम करने लगे, कुछ जानवर पालने लगे और कुछ खेती-बाड़ी करने लगे। ऐसे में एक इलाके में रहनेवाले इसराएली दूसरे इलाकों में रहनेवाले अपने भाई-बहनों को बड़ी आसानी से भूल सकते थे। पर यहोवा ने यह नौबत नहीं आने दी। उसने अपने लोगों को आज्ञा दी कि वे हर साल कुछ मौकों पर एक-साथ इकट्ठा हों जहाँ उन्हें परमेश्‍वर का वचन पढ़कर सुनाया जाता और समझाया जाता। (व्यव. 31:10-13; नहे. 8:2, 8, 18) सोचिए, जब एक इसराएली यरूशलेम जाता होगा और वहाँ अलग-अलग इलाकों से आए अपने लाखों भाई-बहनों को देखता होगा, तो उसे कितनी खुशी होती होगी! इस तरह यहोवा ने ध्यान रखा कि उसके लोगों के बीच एकता बनी रहे। बाद में जब मसीही मंडली की शुरूआत हुई, तो उसमें भी ऐसे बहुत-से लोग थे जो अलग-अलग भाषाएँ बोलते थे। उनमें से कुछ बहुत अमीर थे तो कुछ गरीब, कुछ ज़्यादा पढ़े-लिखे थे तो कुछ कम। पर वे सभी शास्त्र की कदर करते थे, इसलिए वे एक-साथ इकट्ठा होकर उपासना करते थे। और जो लोग नए-नए मसीही बने थे, वे भी दूसरों की मदद से और एक-साथ इकट्ठा होकर ही शास्त्र में लिखी बातें अच्छी तरह समझ सकते थे। इस तरह शास्त्र की वजह से वे सब एक होकर यहोवा की सेवा कर पाए।​—प्रेषि. 2:42; 8:30, 31.

8. आज यहोवा किस तरह बाइबल के ज़रिए अपने लोगों को एकता के बंधन में बाँधे हुए है?

8 आज भी यहोवा बाइबल के ज़रिए अपने लोगों को सिखा रहा है और उन्हें एकता के बंधन में बाँधे हुए है। वह कैसे? बाइबल से ही हम सब यहोवा के बारे में सच्चाइयाँ जान पाते हैं। और हम सब लगातार मंडली की सभाओं में हाज़िर होते हैं, सम्मेलनों और अधिवेशनों में जाते हैं, जहाँ परमेश्‍वर का वचन पढ़कर सुनाया जाता है, समझाया जाता है और उस पर चर्चा की जाती है। इस तरह बाइबल के ज़रिए यहोवा का यह मकसद पूरा हो पाता है कि उसके उपासक “कंधे-से-कंधा मिलाकर उसकी सेवा करें।” (सप. 3:9) इस सब से भी यहोवा की बुद्धि झलकती है।

9. बाइबल में लिखी बातें सिर्फ किस तरह के लोग समझ पाते हैं? (लूका 10:21)

9 एक और बात पर ध्यान दीजिए, जिससे पता चलता है कि यहोवा कितना बुद्धिमान है। उसने शास्त्र की कई बातें इस तरह लिखवायी हैं कि उन्हें सिर्फ वही लोग समझ सकते हैं जो नम्र हैं। (लूका 10:21 पढ़िए।) आज पूरी दुनिया में बहुत-से लोग बाइबल पढ़ते हैं। एक विद्वान ने भी बाइबल के बारे में कहा कि “इस किताब को सबसे ज़्यादा लोगों ने पढ़ा है और वह भी बाकी सब किताबों से ज़्यादा ध्यान से।” लेकिन गौर करनेवाली बात यह है कि सिर्फ नम्र लोग इसे समझ पाते हैं और इसमें लिखी बातें मान पाते हैं।​—2 कुरिं. 3:15, 16.

10. बाइबल की और किस बात से पता चलता है कि यहोवा बहुत बुद्धिमान है?

10 बाइबल की एक और बात से पता चलता है कि यहोवा कितना बुद्धिमान है। वह इसके ज़रिए ना सिर्फ एक समूह के तौर पर अपने लोगों को सिखाता है, बल्कि हममें से हरेक को निजी तौर पर भी सिखाता और दिलासा देता है। जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हममें से हरेक को महसूस होता है कि यहोवा को हमारी कितनी परवाह है। (यशा. 30:21) क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी मुश्‍किल से गुज़र रहे थे और आपने बाइबल पढ़ी और आपको लगा, ‘अरे यह आयत तो मेरे लिए ही लिखी गयी है’? और कमाल की बात तो यह है कि दुनिया के लाखों लोगों को बाइबल के बारे में ऐसा ही लगता है। पर यह कैसे हो सकता है कि हज़ारों साल पहले लिखी इस किताब से आज हर किसी  को फायदा हो रहा है? वह इसलिए कि इसका लेखक पूरे जहान में सबसे बुद्धिमान है!​—2 तीमु. 3:16, 17.

बाइबल से पता चलता है कि यहोवा हमेशा न्याय करता है

11. जिस तरह बाइबल लिखी गयी, उससे कैसे पता चलता है कि यहोवा भेदभाव नहीं करता?

11 यहोवा की एक और खूबी है कि वह हमेशा न्याय करता है। (व्यव. 32:4) वह हमेशा वही करता है जो सही है, कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। (प्रेषि. 10:34, 35; रोम. 2:11) उसने बाइबल जिन भाषाओं में लिखवायी, उससे भी यह बात पता चलती है। बाइबल की पहली 39 किताबें खास तौर से इब्रानी भाषा में लिखी गयी थीं, क्योंकि उस ज़माने में परमेश्‍वर के लोग वही भाषा बोलते थे। लेकिन पहली सदी के आते-आते लोग यूनानी भाषा बोलने लगे थे। इसलिए बाइबल की आखिरी 27 किताबें खास तौर से यूनानी भाषा में लिखी गयीं। यहोवा ने यह नहीं सोचा कि उसका वचन सिर्फ एक ही भाषा में लिखा जाना चाहिए। लेकिन आज तो दुनिया में करीब आठ अरब लोग हैं और वे बहुत-सी भाषाएँ बोलते हैं, तो इतने सारे लोग यहोवा के बारे में कैसे जान सकते हैं?

12. हम कैसे कह सकते हैं कि दानियेल 12:4 में दी गयी भविष्यवाणी इन आखिरी दिनों में पूरी हो रही है?

12 भविष्यवक्‍ता दानियेल के ज़रिए यहोवा ने भविष्यवाणी करवायी थी कि अंत के समय में बाइबल में दिया “सच्चा ज्ञान बहुत बढ़ जाएगा।” इसका मतलब, बहुत-से लोग इसे समझ पाते। (दानियेल 12:4 पढ़िए।) और आज ठीक ऐसा ही हो रहा है। बाइबल और इस पर आधारित किताबों-पत्रिकाओं का अनुवाद किया जा रहा है, इन्हें बड़ी तादाद में प्रकाशित किया जा रहा है और लोगों में बाँटा जा रहा है। इस वजह से बहुत-से लोग बाइबल में लिखी बातें समझ पा रहे हैं। ऐसी और कोई किताब नहीं जो इतनी ज़्यादा भाषाओं में हो और जिसे दुनिया के हर कोने में लोग पढ़ सकें। दुनिया में जो बाइबल छापी जाती हैं, कई बार वे बहुत महँगी होती हैं। लेकिन यहोवा के लोग जो बाइबल छापते हैं, उन्हें कोई भी बिना पैसा दिए ले सकता है। अब तक हमने पूरी बाइबल या इसकी कुछ किताबों का 240 से भी ज़्यादा भाषाओं में अनुवाद किया है। इस वजह से सब देशों के लोग अंत आने से पहले परमेश्‍वर के “राज की खुशखबरी” सुन पा रहे हैं। (मत्ती 24:14) हमारा परमेश्‍वर हमेशा न्याय करता है और कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। वह ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को यह मौका दे रहा है कि वे उसका वचन पढ़ें और उसे जानें। वह इसलिए कि वह सब से बहुत प्यार करता है।

बाइबल से पता चलता है कि यहोवा हमसे प्यार करता है

13. बाइबल से यह कैसे पता चलता है कि यहोवा हमसे प्यार करता है? (यूहन्‍ना 21:25)

13 बाइबल से हम यह भी जान पाते हैं कि इसके लेखक का सबसे खास गुण है, प्यार। (1 यूह. 4:8) ज़रा इस बात पर ध्यान दीजिए कि यहोवा ने बाइबल में कौन-सी बातें लिखवायीं और कौन-सी नहीं। उसने बाइबल में लिखवाया है कि हम कैसे उसके करीब आ सकते हैं और उसके दोस्त बन सकते हैं, कैसे खुश रह सकते हैं और कैसे हमेशा की ज़िंदगी पा सकते हैं। लेकिन यहोवा ने हमें इतनी सारी जानकारी नहीं दी कि हमारा सिर चकरा जाए, बल्कि सिर्फ वही बातें बतायीं जिनकी हमें ज़रूरत है। इससे पता चलता है कि वह हमसे प्यार करता है!​—यूहन्‍ना 21:25 पढ़िए।

14. बाइबल से और कैसे पता चलता है कि यहोवा हमसे प्यार करता है?

14 यहोवा ने बाइबल में जो कुछ लिखवाया है, उससे भी पता चलता है कि उसे हमसे प्यार है और वह हमारी इज़्ज़त करता है। उसने हर छोटी-छोटी बात के लिए बाइबल में ढेर सारे नियम-कानून नहीं दिए कि हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं, मानो हम छोटे बच्चे हों। इसके बजाय, उसने इसमें रोमांचक भविष्यवाणियाँ लिखवायी हैं, कई लोगों के जीवन में हुई घटनाएँ दर्ज़ करवायी हैं और ऐसी सलाह लिखवायी है जो हर दिन काम आती है। इन्हें पढ़कर हमारा मन करता है कि हम यहोवा से प्यार करें और उसकी आज्ञाएँ मानें।

तसवीरें: 1. एक लड़की “बाइबल से सीखें अनमोल सबक” किताब में छोटी इसराएली लड़की की कहानी पढ़ रही है और सोच रही है कि उसने कैसे अपनी मालकिन से बात की होगी। 2. एक जवान भाई बाइबल में यूसुफ का किस्सा पढ़ रहा है और सोच रहा है कि वह किस तरह पोतीफर की पत्नी के पास से भागा होगा। 3. एक बुज़ुर्ग बहन बाइबल में भविष्यवक्‍तिन हन्‍ना का किस्सा पढ़ रही है और सोच रही है कि जब उसने नन्हे यीशु को देखा होगा, तो उसे कैसा लगा होगा।

हमें इस बात पर क्यों मनन करना चाहिए कि यहोवा ने बीते ज़माने में अपने लोगों के साथ कैसे व्यवहार किया? (पैराग्राफ 15)

15. (क) बाइबल पढ़कर हम कैसे जान पाते हैं कि यहोवा को हमारी परवाह है? (ख) तसवीर में दिखायी छोटी लड़की, जवान भाई और बुज़ुर्ग बहन बाइबल में बताए किन लोगों के बारे में सोच रहे हैं? (उत्प. 39:1, 10-12; 2 राजा 5:1-3; लूका 2:25-38)

15 बाइबल पढ़कर हम यह भी जान पाते हैं कि यहोवा को हमारी बहुत परवाह है। वह इसलिए कि उसने अपने वचन में ऐसे कई लोगों के किस्से दर्ज़ करवाए हैं जिनमें “हमारे जैसी भावनाएँ थीं।” (याकू. 5:17) इस वजह से हम समझ पाते हैं कि उन पर क्या बीती होगी या उन्हें कैसा लगा होगा। इसके अलावा, जब हम पढ़ते हैं कि यहोवा ने उनके साथ किस तरह व्यवहार किया, तो हम और अच्छी तरह समझ पाते हैं कि “यहोवा गहरा लगाव रखनेवाला और दयालु परमेश्‍वर है।”​—याकू. 5:11.

16. जिन लोगों से गलतियाँ हुई थीं, उनके साथ यहोवा ने जिस तरह व्यवहार किया उससे यहोवा के बारे में क्या पता चलता है? (यशायाह 55:7)

16 बाइबल से हम यह भी जान पाते हैं कि जब हमसे कोई गलती हो जाती है, तो यहोवा हमें छोड़ नहीं देता, बल्कि हमें माफ कर देता है। इससे भी पता चलता है कि वह हमसे कितना प्यार करता है। जैसे बीते ज़माने में इसराएलियों ने बार-बार यहोवा के खिलाफ पाप किया, लेकिन जब उन्होंने दिल से पश्‍चाताप किया तो उसने उन्हें माफ कर दिया। (यशायाह 55:7 पढ़िए।) पहली सदी के मसीही भी जानते थे कि यहोवा उनसे कितना प्यार करता है। ज़रा उस आदमी के बारे में सोचिए जो एक गलत रास्ते पर निकल पड़ा था और जिसने बहुत बड़ा पाप किया था। बाद में जब उसने दिल से पश्‍चाताप किया, तो यहोवा ने पौलुस के ज़रिए मसीहियों को बढ़ावा दिया कि वे उसे ‘माफ कर दें और उसे दिलासा दें।’ (2 कुरिं. 2:6, 7; 1 कुरिं. 5:1-5) सोचिए, यह कितनी बड़ी बात है कि यहोवा ने अपने उन सेवकों को छोड़ नहीं दिया जिनसे गलतियाँ हो गयी थीं, बल्कि प्यार से उनकी मदद की, उन्हें सुधारा और वापस अपने पास बुलाया! आज भी यहोवा उन सबको माफ कर देता है जो दिल से पश्‍चाताप करते हैं।​—याकू. 4:8-10.

बाइबल एक बढ़िया तोहफा है, इसकी कदर करें

17. हम क्यों कह सकते हैं कि बाइबल एक बढ़िया तोहफा है?

17 बाइबल सच में यहोवा से मिला एक बढ़िया तोहफा है। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं? जैसे हमने इस लेख में सीखा, बाइबल से हम जान पाते हैं कि यहोवा कितना बुद्धिमान है, वह हमेशा न्याय करता है और हमसे बहुत प्यार करता है। यहोवा ने बाइबल में अपने बारे में बहुत कुछ लिखवाया है। इससे पता चलता है कि वह चाहता है कि हम उसे जानें। और सिर्फ जानें ही नहीं, बल्कि उसके दोस्त बनें।

18. अगर हमें बाइबल की कदर है, तो हम क्या करेंगे?

18 हम परमेश्‍वर के वचन को, इस बढ़िया तोहफे को, कभी-भी हलके में नहीं लेना चाहेंगे। (याकू. 1:17) तो आइए हम हमेशा इसकी कदर करते रहें। हम यह कैसे कर सकते हैं? इसमें लिखी बातों को पढ़कर और उन पर मनन करके। जब हम ऐसा करेंगे, तो हम यकीन रख सकते हैं कि इसका महान लेखक हमारी कोशिशों पर आशीष देगा और हम “परमेश्‍वर का ज्ञान” हासिल कर पाएँगे।​—नीति. 2:5.

बाइबल से कैसे पता चलता है कि यहोवा . . .

  • बहुत बुद्धिमान है?

  • न्याय करता है?

  • हमसे बहुत प्यार करता है?

गीत 98 परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखा शास्त्र

a बाइबल पढ़कर हम यहोवा को और अच्छे-से जान सकते हैं और उसके करीब आ सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि बाइबल से कैसे पता चलता है कि परमेश्‍वर बहुत बुद्धिमान है, हमेशा न्याय करता है और हमसे बहुत प्यार करता है। यह जानने से परमेश्‍वर के वचन के लिए हमारी कदर और बढ़ जाएगी और हम देख पाएँगे कि बाइबल सच में यहोवा की तरफ से एक बढ़िया तोहफा है।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें