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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2024
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2024
w24 दिसंबर पेज 31

क्या आपको याद है?

क्या आपने इस साल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ ध्यान से पढ़ी हैं? देखिए कि आप आगे दिए सवालों के जवाब दे पाते हैं या नहीं:

औरतों के साथ किस तरह व्यवहार करना चाहिए, इस मामले में हम यहोवा से क्या सीख सकते हैं?

यहोवा औरतों के साथ भेदभाव नहीं करता, वह आदमियों को औरतों से ज़्यादा पसंद नहीं करता। यहोवा उनकी सुनता है और इस बात पर ध्यान देता है कि वे कैसा महसूस कर रही हैं और उनकी क्या चिंताएँ और परेशानियाँ हैं। यहोवा उन पर भरोसा करता है, इसलिए वह उन्हें अलग-अलग काम सौंपता है।—प्र24.01, पेज 15-16.

हम इफिसियों 5:7 में दी सलाह कैसे मान सकते हैं जहाँ लिखा है, “उनके साथ साझेदार न बनो”?

प्रेषित पौलुस हमें खबरदार कर रहा था कि हम ऐसे लोगों के साथ संगति ना करें जिनकी वजह से यहोवा के स्तर मानना हमारे लिए मुश्‍किल हो जाए। ये वे लोग हो सकते हैं जिनके साथ हम उठते-बैठते हैं और वे भी जिनके साथ हम सोशल मीडिया पर बातचीत करते हैं।—प्र24.03, पेज 22-23.

हमें किस तरह की झूठी कहानियों को ठुकराना चाहिए?

हो सकता है, हमारा कोई दोस्त हमें कोई खबर दे लेकिन उसे पता ही ना हो कि वह सही है या गलत, या हमारे पास किसी अनजान व्यक्‍ति से कोई ई-मेल आए, या फिर कोई धर्मत्यागी सच्चाई के बारे जानने का दिखावा करे। हमें इस सब से बचकर रहना चाहिए।—प्र24.04, पेज 12.

राजा सुलैमान, सदोम और अमोरा के लोगों और जलप्रलय में नाश हुए लोगों का यहोवा जो न्याय करेगा, उस बारे में हम क्या जानते हैं और क्या नहीं?

हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि यहोवा ने उनका हमेशा-हमेशा के लिए नाश कर दिया है। लेकिन हम इतना ज़रूर जानते हैं कि यहोवा को सबकुछ पता है और वह बहुत दयालु है।—प्र24.05, पेज 3-4.

यहोवा हमारी “चट्टान” है, यह जानकर हमें किस बात का यकीन हो जाता है? (व्यव. 32:4)

हम यहोवा की पनाह ले सकते हैं। वह भरोसे के लायक है और अपना हर वादा पूरा करता है। और वह चट्टान की तरह स्थिर है, उसका स्वभाव और उसका मकसद कभी नहीं बदलता।—प्र24.06, पेज 26-28.

आप नयी मंडली में कैसे ढल सकते हैं?

यहोवा पर भरोसा रखिए। जिस तरह उसने बीते समय में अपने सेवकों की मदद की थी, वह आपकी भी मदद करेगा। अपनी नयी मंडली की तुलना अपनी पुरानी मंडली से मत कीजिए। भाई-बहनों के बीच रहिए और मंडली के कामों में हाथ बँटाइए। इसके अलावा, नए दोस्त बनाने की कोशिश कीजिए।—प्र24.07, पेज 26-28.

मत्ती अध्याय 25 में दी तीन मिसालों से हम क्या सीखते हैं?

भेड़ों और बकरियों की मिसाल से हम सीखते हैं कि हमें यहोवा के वफादार रहना है। समझदार और मूर्ख कुँवारियों की मिसाल से हम सीखते हैं कि हमें सतर्क रहना है और इंतज़ार करने के लिए तैयार रहना है। और तोड़ों की मिसाल से हम सीखते हैं कि हमें मेहनती होना है और तन-मन से यहोवा की सेवा में लगे रहना है।—प्र24.09, पेज 20-24.

सुलैमान के मंदिर के बरामदे की ऊँचाई कितनी थी?

कुछ पुरानी हस्तलिपियों में 2 इतिहास 3:4 में बरामदे की ऊँचाई “120” लिखी है, यानी 175 फुट (53 मीटर)। लेकिन कुछ और जानी-मानी और भरोसेमंद हस्तलिपियों में इसकी ऊँचाई “20 हाथ” लिखी है, यानी करीब 30 फुट (9 मीटर)। मंदिर की दीवारों की मोटाई को ध्यान में रखते हुए भी यही लगता है कि बरामदे की ऊँचाई इतनी ही होगी।—प्र24.10, पेज 31.

इसका क्या मतलब है कि एक सहायक सेवक “एक ही पत्नी का पति हो”? (1 तीमु. 3:12)

इसका मतलब है कि उसे एक ही औरत से शादी करनी चाहिए और किसी के साथ नाजायज़ यौन-संबंध नहीं रखने चाहिए। इसके अलावा, उसे कभी-भी किसी औरत को गलत नज़र से नहीं देखना चाहिए और उसके साथ नज़दीकियाँ नहीं बढ़ानी चाहिए।—प्र24.11, पेज 18-19.

हम क्यों कह सकते हैं कि यूहन्‍ना 6:53 में यीशु यह नहीं बता रहा था कि प्रभु का संध्या-भोज कैसे मनाया जाना चाहिए?

यूहन्‍ना 6:53 में इंसान के बेटे का माँस खाने और उसका खून पीने की बात की गयी है। यीशु ने यह बात ईसवी सन्‌ 32 में गलील में उन यहूदियों से कही थी जिन्हें उस पर विश्‍वास नहीं था। लेकिन प्रभु के संध्या-भोज की शुरूआत यीशु ने इसके एक साल बाद यरूशलेम में की थी। और उस वक्‍त वह उन लोगों से बात कर रहा था जो उसके साथ स्वर्ग में राज करते।—प्र24.12, पेज 10-11.

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