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पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए
ijwbq लेख 143
एक व्यक्‍ति सिगरेट पी रहा है

क्या धूम्रपान करना पाप है?

शास्त्र से जवाब

बाइबल में धूम्रपान करनेa या किसी और तरीके से तंबाकू का सेवन करने के बारे में नहीं बताया गया है। मगर इसमें दिए सिद्धांतों से पता चलता है कि परमेश्‍वर उन आदतों से खुश नहीं होता, जो गंदी हैं और जिनसे हमारे शरीर को नुकसान होता है। इससे हम समझ सकते हैं कि परमेश्‍वर धूम्रपान को पाप समझता है।

  • जीवन की कदर। ‘परमेश्‍वर सबको जीवन और साँसें देता है।’ (प्रेषितों 17:24, 25) जीवन परमेश्‍वर की तरफ से एक तोहफा है, इसलिए हमें सिगरेट पीने जैसी बुरी आदतों में नहीं पड़ना चाहिए, जिनकी वजह से हमारी जल्दी मौत हो सकती है। पूरी दुनिया में धूम्रपान एक बड़ी वजह है, जिससे लोगों की मौत होती है, जबकि लोग इस तरह की मौत से खुद को बचा सकते हैं।

  • लोगों के लिए प्यार। “अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।” (मत्ती 22:39) लेकिन धूम्रपान करने पर हम लोगों के लिए प्यार नहीं ज़ाहिर कर रहे होते हैं। जो बीमारियाँ धूम्रपान करनेवालों को लगती हैं, उनके लगने का ज़्यादा खतरा उन लोगों को रहता है, जो धूम्रपान तो नहीं करते, मगर धूम्रपान करनेवालों के आस-पास रहते हैं।

  • पवित्रता। “अपने शरीर को जीवित, पवित्र और परमेश्‍वर को भानेवाले बलिदान के तौर पर अर्पित करो।” (रोमियों 12:1) “आओ हम तन और मन की हर गंदगी को दूर करके खुद को शुद्ध करें और परमेश्‍वर का डर मानते हुए पूरी हद तक पवित्रता हासिल करें।” (2 कुरिंथियों 7:1) धूम्रपान करना स्वाभाविक नहीं है और ऐसा करने से इंसान पवित्र नहीं रहता यानी वह शारीरिक तौर पर साफ और शुद्ध नहीं रहता। वह इसलिए कि तंबाकू का सेवन करनेवाले अपने शरीर में ऐसा पदार्थ लेते हैं, जिसके बारे में वे जानते हैं कि वह शरीर के लिए हानिकारक है।

बाइबल के मुताबिक क्या मज़े के लिए गाँजा या दूसरे ड्रग्स लेना सही है या गलत?

बाइबल में चरस-गाँजा या दूसरे ड्रग्स का ज़िक्र नहीं है, मगर इसमें ऐसे सिद्धांत दिए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि इन चीज़ों का नशा करना गलत है। हमने अब तक जिन सिद्धांतों के बारे में चर्चा की है, वे तो लागू होते ही हैं और आगे दिए गए सिद्धांत भी:

  • सोचने-समझने की शक्‍ति। ‘तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा से अपने पूरे दिमाग से प्यार करना।’ (मत्ती 22:37, 38) “पूरे होश-हवास में रहो।” (1 पतरस 1:13) ड्रग्स लेने से एक व्यक्‍ति होश में नहीं रहता है। बहुत-से लोगों को इसकी लत पड़ जाती है। वे हर वक्‍त बस उसे पाने और उसका इस्तेमाल करने के बारे में सोचते रहते हैं, वे अच्छी बातें सोच नहीं पाते।​—फिलिप्पियों 4:8.

  • देश के कानून का पालन। “सरकारों और अधिकारियों के अधीन रहें।” (तीतुस 3:1) बहुत-से देशों में कुछ ड्रग्स के इस्तेमाल के बारे में सख्त नियम हैं। परमेश्‍वर को खुश करने के लिए ज़रूरी है कि हम अधिकारियों के नियमों को मानें।​—रोमियों 13:1.

तंबाकू का आपकी सेहत पर बुरा असर

विश्‍व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि हर साल करीब 60 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होनेवाली बीमारियों की वजह से मर जाते हैं। इसमें 6 लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें दूसरों के धूम्रपान करने की वजह से बीमारियाँ लग जाती हैं। ज़रा ध्यान दीजिए कि तंबाकू का सेवन करनेवालों और उनके आस-पास रहनेवालों की सेहत पर तंबाकू का क्या असर पड़ता है:

कैंसर। सिगरेट के धुएँ में 50 कैंसर कारक (कार्सिनोजेनिक) रसायन होते हैं। इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका बताती है कि “ऐसा माना जाता है कि जिन्हें फेफड़ों का कैंसर है, उनमें 90 प्रतिशत लोगों को यह बीमारी [सिगरेट के धुएँ] की वजह से हुई है।” इससे शरीर के दूसरे अंगों में भी कैंसर हो सकता है, जैसे मुँह में, श्‍वासनली में, भोजन की नली में, गले में, स्वरयंत्र में, कलेजे में, अग्न्याशय में और मूत्राशय में।

साँस की बीमारियाँ। सिगरेट के धुएँ से साँस की बीमारियाँ भी बढ़ जाती हैं, जैसे न्यूमोनिया और इन्फ्लुएंज़ा (फ्लू)। जो बच्चे इस धुएँ के माहौल में साँस लेते हैं, उन्हें भी कुछ बीमारियों का खतरा होता है, जैसे अस्थमा या हरदम खाँसी। कई बार उनके फेफड़ों का विकास नहीं होता और उनके फेफड़े ठीक से काम नहीं करते।

दिल की बीमारी। धूम्रपान करनेवालों को स्ट्रोक या दिल की बीमारी होने का ज़्यादा खतरा होता है। सिगरेट के धुएँ में कार्बन मोनोक्साइड होता है, जो आसानी से फेफड़ों में से खून में चला जाता है और ऑक्सीजन की जगह ले लेता है। फिर खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाने की वजह से दिल को पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए और भी मेहनत करनी पड़ती है।

गर्भ में पल रहे बच्चों पर असर। जो गर्भवती औरतें धूम्रपान करती हैं, उनके बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं और उनका वज़न कम होता है या कभी-कभी उनमें कुछ कमियाँ होती हैं, जैसे उनके होंठ कटे होते हैं। ऐसे बच्चों को साँस की समस्याएँ भी हो सकती हैं या फिर अचानक उनकी मौत हो सकती है।

a यहाँ धूम्रपान करने में कई बातें शामिल हैं, जैसे, सिगरेट या सिगार पीना, हुक्का या चिलम पीना। मगर यहाँ बताए सिद्धांत तंबाकू चबाने, पान-सुपारी खाने, सुंघनी सूँघने, ई-सिगरेट पीने या दूसरे किसी ऐसे पदार्थ का सेवन करने पर भी लागू होते हैं, जिसमें निकोटीन होता है।

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