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  • लूका 2:49
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 49 लेकिन उसने उनसे कहा, “तुम मुझे यहाँ-वहाँ क्यों ढूँढ़ रहे थे? क्या तुम नहीं जानते थे कि मैं अपने पिता के घर में होऊँगा?”+

  • लूका 2:49
    नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
    • 49 लेकिन उसने उनसे कहा: “तुम मुझे यहाँ-वहाँ क्यों ढूँढ़ते रहे? क्या तुम्हें मालूम नहीं था कि मैं अपने पिता के घर में होऊँगा?” 

  • लूका
    यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण
    • 2:49

      मेरा चेला बन जा, पेज 133

      विश्‍वास की मिसाल, पेज 170

      प्रहरीदुर्ग,

      8/15/2010, पेज 9

      4/1/2010, पेज 30-31

      2/15/2000, पेज 12

      2/1/1988, पेज 6

      युवाओं के प्रश्‍न, पेज 29-30

  • दुनिया के लिए सच्ची रौशनी
    यीशु की ज़िंदगी​—एक अनोखी दास्तान​—वीडियो गाइड
    • 12 साल का यीशु मंदिर में (यीशु की ज़िंदगी  1 1:03:57–1:09:40)

  • लूका अध्ययन नोट—अध्याय 2
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 2:49

      उसने उनसे कहा: इसके बाद जो शब्द लिखे हैं, वे बाइबल में दर्ज़ ब्यौरे के मुताबिक यीशु के सबसे पहले शब्द हैं। ज़ाहिर है कि जब यीशु छोटा था, तब वह पूरी तरह नहीं जानता था कि धरती पर आने से पहले स्वर्ग में उसकी ज़िंदगी कैसी थी। (मत 3:16; लूक 3:21 के अध्ययन नोट देखें।) मगर यह कहना सही लगता है कि उसकी माँ और उसके दत्तक पिता ने उसे यह सब बताया होगा कि स्वर्गदूतों ने उन्हें क्या संदेश दिया और उसके जन्म के 40 दिन बाद जब वे यरूशलेम गए, तो शिमोन और हन्‍ना ने क्या भविष्यवाणी की थी। (मत 1:20-25; 2:13, 14, 19-21; लूक 1:26-38; 2:8-38) यहाँ यीशु के जवाब से पता चलता है कि उसे कुछ हद तक यह समझ थी कि उसका जन्म एक चमत्कार था और स्वर्ग में रहनेवाले पिता यहोवा के साथ उसका बहुत खास रिश्‍ता है।

      मैं अपने पिता के घर में होऊँगा: “अपने पिता के घर में,” इनके यूनानी शब्दों का शाब्दिक अनुवाद है, “अपने पिता के [मामले] में।” संदर्भ से पता चलता है कि यूसुफ और मरियम को इस बात की चिंता थी कि यीशु कहाँ है। इसलिए यह समझना वाजिब है कि इन शब्दों में जगह की बात की गयी है, यानी “अपने पिता के घर [या “निवास; आँगनों”]” की। (लूक 2:44-46) बाद में अपनी सेवा के दौरान यीशु ने मंदिर को ही ‘मेरे पिता का घर’ कहा। (यूह 2:16) लेकिन कुछ विद्वानों के मुताबिक, लूका के शब्दों का यह भी मतलब हो सकता है: “मुझे अपने पिता के मामलों में लगे रहने की ज़रूरत है।”

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